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अफगानिस्तान (Afghanistan ) की सत्ता पर तालिबान अब आधिकारिक तौर पर काबिज हो चुका है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तालिबान और अफगानिस्तान को लेकर किए जा रहे भ्रामक दावों का सिलसिला जारी है. लेकिन, फेक न्यूज अब सोशल मीडिया पर गलती से शेयर की गई एक पोस्ट तक सीमित नहीं रह गई है. चुनाव जीतकर संसद पहुंचे नेता भी अब अक्सर झूठे दावे करते, लोगों को भ्रमित करते नजर आते हैं.
हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम अपने खास सेगमेंट 'नेता फैक्ट चेक' में नेताओं द्वारा किए गए भ्रामक दावों की पड़ताल करती है और सच आप तक पहुंचाती है. इस हफ्ते हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा किए गए ऐसे ही दावों की पड़ताल की है. इसके अलावा किसान महापंचायत, अफगानिस्तान को लेकर किए जा रहे झूठे दावों का सच भी हमने आप तक पहुंचाया. एक नजर में देखिए इस हफ्ते के झूठे दावों का सच.
मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को हुई किसान महापंचायत का एक वीडियो शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने 'अल्लाहु अकबर' के नारे लगवाए. वीडियो शेयर कर ये सवाल पूछा जाने लगा कि किसान आंदोलन में अल्लाहु अकबर के नारों का क्या काम.
कई न्यूज चैनलों ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक प्लेन को हमला करते दिखाया जा रहा है. इसे शेयर कर दावा किया गया कि ये इस बात का सबूत है कि 'पाकिस्तान पंजशीर में लड़ाई में शामिल है' और पाकिस्तान पंजशीर में हवाई हमला कर रहा है.
हमरी पड़ताल में सामने आया किवीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है. असल में ये वीडियो 'ARMA 3' नाम के एक वीडियो गेम की क्लिप है.
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मुजफ्फरनगर 5 सितंबर को हुई किसान महापंचायत के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर भीड़ दिखाती एक फोटो शेयर होने लगी. फोटो को इस महापंचायत की बताकर शेयर किया गया.
हमने फोटो को Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. सर्च रिजल्ट में हमें The Tribune का 5 फरवरी का एक आर्टिकल मिला, जिसमें इसी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस फोटो के लिए PTI को क्रेडिट दिया गया था.
हमें क्विंट और Aaj Tak की भी रिपोर्ट मिलीं, जिनके मुताबिक 5 फरवरी को शामली में किसान महापंचायत आयोजित की गई थी.
साफ है कि करीब 7 महीने पहले पहले शामली में हुई किसानों की महापंचायत की फोटो को हाल में मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत की बताकर शेयर किया जा रहा है.
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ये सच नहीं है. भारत, पाकिस्तान के अलावा अमेरिका, UK और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी आतंकी संगठनों की लिस्ट में तालिबान का नाम शामिल नहीं किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सेंक्शन लिस्ट में भी आतंकी संगठन के रूप में तालिबान का नाम नहीं है.
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Bigg Boss OTT फेम उर्फी जावेद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया गया कि वो गीतकार और पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर की पोती हैं. जावेद अख्तर के आरएसएस की तालिबान से तुलना करने वाले बयान से जुड़े विवाद के बीच यह दावा किया जा रहा है.
ये दावा झूठा है. जावेद अख्तर की पोती शाक्या अख्तर और अकीरा अख्तर हैं, जो एक्टर फरहान अख्तर की बेटियां हैं. उर्फी जावेद एक टीवी एक्टर हैं और हाल ही में उन्हें बिग बॉस ओटीटी से एलिमिनेट किया गया है.
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार, 2 सितंबर को कहा कि 2014 में पीएम मोदी के सत्ता पर आने के बाद से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ है.
केवड़िया में सरदार पटेल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में बोलने के दौरान, सिंह ने कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार के उठाए गए कदमों से आतंकवादियों में डर पैदा करने में कामयाबी मिली है. हालांकि, राजनाथ सिंह का बयान तथ्यों की कसौटी पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता.
लोकसभा में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की प्रतिक्रिया के मुताबिक, देश के भीतरी इलाकों में 2014 से 2021 के बीच आतंकवादी गतिविधियों की 6 घटनाएं हुई है. सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों में 11 सुरक्षाकर्मी और 11 नागरिकों की जान चली गई.
हालांकि, गृह मंत्रालय (MHA) या रक्षा मंत्रालय ये साफ तौर पर नहीं बताता कि ''बड़ा'' हमला क्या होता है. भारत के पूर्व गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने संसद को सूचित किया था कि 2014-17 के बीच दो ''बड़े'' आतंकवादी हमले हुए थे, एक 2015 और एक 2016 में.
दरअसल, 2015 में केंद्रीय गृहमंत्री रहे सिंह ने खुद पंजाब के गुरदासपुर जिले में हुए आतंकी हमले पर बयान जारी किया था.
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