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बाहरी ऑपरेटर से विदेश यात्रा होगी सस्ती, घरेलू एजेंटों को नुकसान

अब विदेशों में छुट्टियां मनाना पहले से ज्यादा महंगा हो सकता है

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अब विदेशों में छुट्टियां मनाना पहले से ज्यादा महंगा हो सकता है, क्योंकि सरकार ने 'ओवरसीज टूर पैकेज' पर कलेक्शन ऑफ टैक्स एट सोर्स (TCS) के तहत इसे 5% टैक्स के दायरे में लाने का का प्रस्ताव दिया है. ये नियम अगले वित्त वर्ष, यानी 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए अपने बजट में इस बात का ऐलान किया. माना जा रहा है कि इससे देश में ट्रैवल इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ेगा.

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क्या है नया प्रस्ताव

बजट दस्तावेजों के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक विदेशी टूर प्रोग्राम पैकेज का डीलर, जो किसी भी बायर (विदेशी टूर पैकेज खरीदने वाला) से कोई भी राशि प्राप्त करता है, तो उसे पांच फीसदी की दर से टीसीएस का भुगतान करना होगा. अगर किसी बायर के पास पैन कार्ड या आधार कार्ड नहीं है तो टैक्स की दर दस फीसदी होगी. जाहिर है, टैक्स का ये अतिरिक्त बोझ टूर ऑपरेटर अपने ग्राहक के ऊपर ही लादेगा. इससे विदेशों में टूर पैकेज की सेल में कमी आएगी.

बजट दस्तावेज में लिखा है- "ओवरसीज टूर पैकेज को ऐसे किसी भी टूर पैकेज के रूप में परिभाषित किया जाना प्रस्तावित है, जो भारत के बाहर किसी देश या एक से ज्यादा देशों में यात्रा की पेशकश करता है. और इसमें यात्रा या होटल में ठहरने या इसी तरह के अन्य खर्च शामिल है."

अब विदेशों में छुट्टियां मनाना पहले से ज्यादा महंगा हो सकता है

क्या भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री को होगा नुकसान?

RIVR कैपिटल के प्रमुख आर्थिक मामलों के जानकार इंद्रदीप खान ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके सरकार के इस फैसले की आलोचना की है और इस नए नियम के बाद होने वाले संभावित नुकसान का जिक्र भी किया है. उनका कहना है कि ये नियम किसी विदेशी होटल में डायरेक्ट पेमेंट के लिए और मेक माय ट्रिप जैसे घरेलू पोर्टल के जरिए की गई विदेशी होटल की बुकिंग के लिए भी लागू है. यह कॉर्पोरेट विदेश यात्रा के लिए भी लागू है. इंद्रदीप बताते हैं-

“ये नियम तब लागू नहीं होगा, अगर आप एक विदेशी ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल के माध्यम से अपने फॉरेन टूर की बुकिंग करते हैं या फिर किसी विदेशी होटल में चेकइन करते समय USD कैश खरीदते हैं और उससे होटल का भुगतान करते हैं. कोई भी भारतीय ग्राहक 5% टैक्स नहीं देगा. इसके बजाय वह विदेशी पोर्टल के जरिए बुकिंग करेगा या क्रेडिट कार्ड गारंटी पर ब्लॉक करने के लिए विदेशी होटल के साथ सीधे बातचीत करेगा.”

अन्य ट्वीट्स में इंद्रदीप ने कहा, "यहां तक कि भारतीय / एमएनसी कॉर्पोरेट भी विदेशी एजेंट्स के जरिए अपनी बुकिंग करना पसंद करेंगे. ट्रैवल कंपनियों से करीब 25 मिलियन लोगों को रोजगार मिलता है. इस नियम से सरकार को जीएसटी और टीसीएस दोनों का नुकसान होगा. ग्राहक सीधे होटल में सफेद या काले धन के जरिए पेमेंट करेंगे. पहले भारतीय एजेंटों के लिए जाने वाली कॉमिशन अब विदेशी ट्रैवल एजेंट या टूर ऑपरेटर के पास जाएगी. भारतीय नौकरियां जाएंगी. विदेशों में नौकरियां बढ़ेंगी."

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