भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार 29 नवंबर को रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के बोर्ड को टेक ओवर कर लिया है. आरबीआई की ओर से कहा गया, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) लेनदारों को उनके भुगतान की जिम्मेदारियों और संचालन ठीक से नहीं कर पाई. कंपनी का बोर्ड इसे ढंग से चलाने में सक्षम नहीं है. इस वजह से रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को टेक ओवर कर लिया गया है.
इसके अलावा आरबीआई ने कहा, "वो जल्द ही एनबीएफसी के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और निर्णय प्राधिकरण के लिए आवेदन) नियम, 2019 के तहत दिवाला की कार्यवाही शुरू करेगा."
अकाउंटिंग मेथडोलॉजी में थी पारदर्शिता की कमी
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव को रिलायंस कैपिटल का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है. यह आदेश एडमिनिस्ट्रेटर को दिवाला समाधान प्रोफेशनल के रूप में नियुक्त करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ पर भी लागू होगा.
आरबीआई का एनबीएफसी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का ये तीसरा उदाहरण है इससे पहले दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और श्रेई ग्रुप पर यह कार्यवाही हो चुकी है.
रिलायंस कैपिटल एक विविध एनबीएफसी है, जिसे अनिल धीरूभाई अंबानी समूह द्वारा प्रोमोट किया गया है. जून 2019 में ऑडिटर्स ने रिलायंस कैपिटल की चौथी तिमाही के नतीजों के आसपास कई आपत्तियां जताई जिसमें एकाउंटिंग मेथडोलॉजी में पारदर्शिता की कमी भी शामिल थी.
जून 2019 में ऑडिटर्स ने रिलायंस कैपिटल की चौथी तिमाही के नतीजों के आसपास कई आपत्तियां जताई जिसमें एकाउंटिंग मेथडोलॉजी में पारदर्शिता की कमी भी शामिल थी.
तब से कंपनी कई कर्ज दायित्व का भुगतान करने में फेल रही है. सितंबर में, रिलायंस कैपिटल ने अपनी एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में शेयरधारकों को बताया था कि कंपनी का कुल कर्ज 40,000 करोड़ रुपये था.
(न्यूज इनपुट्स- बिजनेस स्टैंडर्ड्स)
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