दुनिया की दिग्गज स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल की संकट में फंसी एस्सार स्टील केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLAT) के फैसले को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आर्सेलर मित्तल को एस्सार स्टील का अधिग्रहण करने की इजाजत दे दी है. इस फैसले का लंबा इंतजार खत्म हो गया. कोर्ट ने अधिग्रहण प्रक्रिया पर रोक भी हटा दी है. ये फैसला जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर (CoC) के फैसले में NCLAT दखल नहीं दे सकता. कोर्ट का कहना है कि CoC फैसले में सभी के हितों का ध्यान रखें. NCLAT ने 5 जुलाई को आदेश दिया था कि एस्सार स्टील के सभी क्रेडिटर (ऑपरेशनल और फाइनेंशियल) को बराबर मानते हुए भुगतान किया जाए. जिसके बाद एस्सार स्टील की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कर्ज में डूबी कंपनी एस्सार स्टील का अधिग्रहण अधिग्रहणकर्ता के 23 अक्टूबर, 2013 के रिजॉल्यूशन प्लान के मुताबिक होगा.
क्या है मामला?
बता दें कि NCLAT ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की 42 हजार करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद कमेटी ऑफ क्रेडिटर मतलब कर्जदाताओं की कमेटी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. एस्सार स्टील के ऊपर 54,547 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिवालिया हो चुकी कंपनियों के मामले को 330 दिनों में निपटाने को लेकर भी राहत देने के लिए कहा है.
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