जुलाई में भारत के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में लगातार पांचवें महीने गिरावट दर्ज की गई है. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन जुलाई में पिछले साल के मुकाबले 10.4% गिरा है. साफ है फाइनेंशियल ईयर 2020-21की दूसरी तिमाही की भी धीमी शुरुआत हुई है. पहली तिमाही के जीडीपी के बहुत ही खराब आंकड़े आए थे. बता दें कि जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 40 साल में सबसे खराब -23.9% रही थी.
अब रिवाइज्ड डेटा के मुताबिक जून के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 15.7% की गिरावट देखने को मिली है और ये मई में 34% गिरी थी. हालांकि पहले लगाई जा रहे अनुमानों से ये बेहतर हैं. अप्रैल पहला महीना था जिसमें पूरे महीने लॉकडाउन रहा. अप्रैल महीने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 57.3% गिरा था.
इकनॉमिक टाइम्स में ICRA की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि- मई 2020 और जून 2020 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़ों में शानदार रिकवरी देखने के बाद जुलाई में रिकवरी थोड़ी सुस्त हुई है'
फाइनेंशियल ईयर 2021 के शुरुआती चार महीनों में ही फैक्ट्री आउटपुट -29.2% रहा है, वहीं ठीक एक साल पहले ये 3.5% था.
NSO ने डाटा जारी करते हुए कहा कि IIP के कोरोना संकट के बाद वाला डाटा को कोरोना संकट के पहले वाले दिन से तुलना करना सही नहीं होगा.
बता दें कि भारत ने कोरोना वायरस संकट को रोकने के लिए 25 मार्च को नेशनल लॉकडाउन का ऐलान किया था. लेकिन मई के बाद चरणों में लॉकडाउन के हटाया जाने लगा था. अब तक अनलॉक के चार चरणों के तहत प्रतिबंधों में राहत दी गई है. अब ज्यादातर प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और इकनॉमी पहले की तरह पटरी पर आने की कोशिश कर रही है.
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