PMC बैंक के बाद अब प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर रिजर्व बैंक ने पाबंदियां लगा दी है. आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) के तहत लोन देने, नई ब्रांच खोलने और डिविडेंड देने पर पाबंदी लगाई है. बैंक को अब कुछ चुनिंदा लोगों या कंपनियों को दिए लोन में कमी लाने पर काम करना होगा.
RBI ने ब्लॉक लोन के बढ़ते मामले, नुकसान से बचने के लिए पूंजी की कमी और दो लगातार साल से संपत्तियों के नुकसान के मद्देनजर ये कदम उठाया है. लक्ष्मी विलास बैंक ने शनिवार को रेगुलेटरी अथॉरिटी को इसकी जानकारी दी.
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के खिलाफ FIR
रिजर्व बैंक ने ये कार्रवाई ऐसे समय की है जब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी और फंड के दुरुपयोग को लेकर लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरबीआई के इस फैसले का असर लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का मर्जर अटक गया है. मर्जर को अभी रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मिली है.
फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में लक्ष्मी विलास बैंक का एनपीए 7.49 फीसदी, पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) 7.72 फीसदी रहा और संपत्तियों पर 2.32 फीसदी का नुकसान हुआ. इसके साथ ही बैंक को 2018-19 में 894.10 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा.
लक्ष्मी विलास बैंक ने कहा है कि रिजर्व बैंक की कार्रवाई से उसका प्रदर्शन बेहतर होगा. आमतौर पर ग्राहकों का बैंक में पैसा जमा करने या रिपेमेंट जैसे उसके रोजाना लेन-देन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लक्ष्मी विलास बैंक ने बीएसई को बताया है कि उसे सिक्युरिटी टैक्स एक हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गयी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)