देश में बैंक CEOs में से किसी को 89 तो किसी को 30 लाख महीने की सैलरी मिल रही है. और ये तो सिर्फ बेसिक पे है. देश के बैंकों पर एक रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018-19 में देश के बैंकों के CEOs को कितनी सैलरी मिली. पिछले 25 साल से HDFC बैंक का नेतृत्व कर रहे CEO आदित्य पुरी इस लिस्ट में नंबर 1 पर हैं.
कमाई के मामले में बैंकिंग CEOs की लिस्ट-
1. आदित्य पुरी, HDFC बैंक
आदित्य पुरी को HDFC बैंक से 89 लाख रुपये की बेसिक मंथली सैलरी मिलती है. ये देश में किसी भी बैंक CEO को मिलने वाली सबसे ज्यादा सैलरी है.
2. अमिताभ चौधरी, एक्सिस बैंक
एक्सिस बैंक के CEO अमिताभ चौधरी, पुरी के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. अमिताभ चौधरी को हर महीने एक्सिस बैंक से 30 लाख रुपये की बेसिक सैलरी मिलती है. चौधरी ने बतौर सीईओ जुलाई में ही कामकाज संभाला है. एक्सिस बैंक एसेट्स के नजरिए से प्राइवेट बैंकों में तीसरे नंबर पर आता है.
3. उदय कोटक, कोटक महिंद्रा बैंक
कोटक महिंद्रा बैंक के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक तीसरे नंबर पर हैं. उदय कोटक की मंथली बेसिक सैलरी 27 लाख रुपये है.
4. चंदा कोचर, ICICI बैंक
चंदा कोचर ICICI बैंक की एमडी और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रही हैं. कुछ विवादों के चलते उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा. पद छोड़ने तक चंदा कोचर को बतौर एमडी और सीईओ 26 लाख रुपये बेसिक मंथली सैलरी मिलती थी.
5. संदीप बख्शी, ICICI बैंक
संदीप बख्शी जिन्होंने चंदा कोचर की जगह ICICI बैंक में कामकाज संभाला. उनकी औसत बेसिक मंथली सैलरी 22 लाख रुपये है.
6. रोमेश सोबती, इंडसइंड बैंक
इंडसइंड बैंक के CEO रोमेश सोबती छठे नंबर पर हैं. उनको 16 लाख रुपये बेसिक मंथली सैलरी मिलती है.
रिपोर्ट बनाने में बैंकों के इन CEOs को मिलने वाले बाकी पर्क्स को शामिल नहीं किया गया है. सभी बैंक अपने कर्मचारियों को अलग-अलग हिसाब से पर्क्स देते हैं. रिपोर्ट में बैंक प्रमुखों की मंथली सैलरी निकालने के लिए उनको दी गई कुल रकम को सर्विस के महीनों से भाग दिया गया है.
इस लिस्ट में यस बैंक के वर्तमान सीईओ रवनीत गिल और पूर्व सीईओ राणा कपूर की सैलरी नहीं बताई गई है. दरअसल यस बैंक उनकी सैलरी के कंसोलिडेटेड आंकड़े जारी करता है जिसमें प्रॉविंडेंड फंड और मेडिकल खर्चों को भी जोड़ा गया है. रवनीत गिल की मार्च में सैलरी 59 लाख रुपए थी, जबकि राणा कपूर की 10 महीने की ग्रॉस सैलरी 6.48 करोड़ रही.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)