बिहार चुनाव 2020 में बतौर युवा चेहरे 3 नाम चर्चित रहे. RJD नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और LJP प्रमुख चिराग पासवान. लेकिन इन 3 नामों से इतर और भी युवा और नए सियासी चेहरे थे.
इस चुनाव में उनका परफॉर्मेंस कैसा रहा ये जानते हैं.
पुष्पम प्रिया चौधरी
लंदन से पढ़ाई कर लौटी एक लड़की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की राजनीति को चुनौती देने का दावा कर रही थीं. JDU नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम ने प्लूरल्स नाम से पार्टी बनाकर ये चुनाव लड़ा. पुष्पम सीएम कैंडिडेट भी थीं.
पुष्पम का दावा था कि अगर वो मुख्यमंत्री बनती हैं तो अगले 5 साल में बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगी और आगे साल 2030 तक राज्य का विकास यूरोप के देशों की तरह हो जाएगा.
पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी सीट से उतरी पुष्पम प्रिया दोनों सीटों पर बुरी तरह से हारी हैं.
बिस्फी विधानसभा से BJP के हरिभूषण ठाकुर की जीत हुई है. पुष्पम को कुल 1521 वोट मिले हैं. वहीं बांकीपुर विधानसभा से BJP के नीतिन नवीन जीत रहे हैं. इस सीट पर पुष्पम को कुल 5189 वोट मिले हैं.
बिस्फी विधानसभा क्षेत्र से पुष्पम को नोटा से भी कम वोट मिले. नोटा में वोट पड़े 2929 और पुष्पम को वोट मिले 1521.
लव सिन्हा
बॉलीवुड एक्टर और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा भी बांकीपुर सीट से कांग्रेस कैंडिडेट थे.
बांकीपुर विधानसभा सीट, पटना साहिब लोकसभा सीट के तहत आती है. लव के पिता शत्रुघ्न सिन्हा 2 बार BJP के टिकट पर यहां से जीत हासिल कर चुके हैं. शत्रुघ्न साल 2019 के लोकसभा से ठीक पहले BJP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
बांकीपुर सीट पर लव सिन्हा दूसरे नंबर पर रहे.
मशकूर अहमद उस्मानी
जाले विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव में उतरे मश्कूर अहमद उस्मानी विवादों में रहे. इन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस से जवाब मांगा था कि अगर कोई उम्मीदवार उनके जिन्ना का समर्थन करता है तो क्या वे उसका समर्थन करेंगे. इस बयान के बाद बिहार चुनाव में पाकिस्तान और जिन्ना की एंट्री करा दी गई.
दरअसल, उस्मानी युवा नेता हैं, जो 2017-18 से एएमयूएसयू (AMUSU) अध्यक्ष थे. BJP सांसद सतीश गौतम ने 1938 से यूनिवर्सिटी में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर विवाद खड़ा कर दिया था. उस समय उस्मानी एएमयूएसयू अध्यक्ष थे. इस पुराने विवाद को दोबारा चुनाव के दौरान उछाला गया.
बात करें परफॉर्मेंस की तो मश्कूर 21796 वोट बटोर पाएं. यहां से BJP के जिबेश कुमार को जीत हासिल हुई है.
संदीप सौरभ
CPI(ML) के संदीप सौरभ ने पालीगंज सीट पर कब्जा किया है. उन्होंने 30915 वोट के मार्जिन से JDU कैंडिडेट जयवर्धन यादव को मात दी है. संदीप आईसा के राष्ट्रीय महासचिव हैं और जेएनयूएसयू के पूर्व महासचिव रहे हैं .
महागठबंधन कोटे से इस बार पालीगंज की सीट CPI(ML) को दी गई. पिछले विधानसभा चुनाव में RJD ने यहां से जीत हासिल की थी.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से RJD के जयवर्धन यादव जीते थे. जयवर्धन इस बार JDU के कैंडिडेट हैं. इसके अलावा यहां से LJP की उषा विद्यार्थी से सौरभ की टक्कर थी. संदीप को कुल 67917 वोट मिले हैं.
श्रेयसी सिंह
बिहार की रहने वालीं नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह बतौर BJP कैंडिडेट जमुई के चुनावी मैदान में उतरीं. श्रेयसी पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और बांका से पूर्व सांसद पुतुल सिंह की बेटी हैं.
श्रेयसी सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था. वो पहली ऐसी महिला निशानेबाज हैं, जिन्होंने डबल ट्रैप स्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता.
RJD कैंडिडेट विजय प्रकाश को 41049 वोट के मार्जिन से उन्होंने मात देकर ये सीट जीत लिया है. उन्हें कुल 79603 वोट मिले हैं. पिछली बार ये सीट RJD के खाते में गई थी.
सुभाषिनी यादव
मधेपुरा जिले की हाई प्रोफाइल बिहारीगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट और शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव पर भी निगाहें थीं. चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की सदस्य बनीं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इनके प्रचार के लिए सभा में पहुंचे थे.
चुनाव के दौरान सुभाषिनी यादव ने कहा था कि वो बिहार में महागठबंधन की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रही हैं, क्योंकि उनके पिता शरद यादव ने हमेशा इसका समर्थन किया.
लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा, वो दूसरे नंबर पर रहीं. उन्हें कुल 62820 वोट मिले.
JDU के निरंजन मेहता ने इन्हें 18711 वोटों से मात दी है.
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