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आजम खान ‘भाई’ से कैसे जया प्रदा के नंबर-1 दुश्मन बन गए 

आजम खान और जया प्रदा के बीच आजम खान के बीच जुबानी जंग जारी है,

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आजम खान और जया प्रदा के बीच जुबानी जंग जारी है. रामपुर की फिजाओं में शोले बरस रहे हैं. आजम खान अपने बयानों के तीर से जया को घायल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो जया भी उनको मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं. वैसे जया और आजम खान के बीच की लड़ाई नई नहीं है. इन दोनों के बीच की अदावत आज की नहीं बल्कि सालों पुरानी है. आजम खान को भाई मानने वाली जया प्रदा की उनसे ऐसी ठनी की दोनों एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे.

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5 सालों से राजनीति से दूर जब जया प्रदा को बीजेपी ज्वाइन कराया गया, तभी लोगों को बीजेपी का गणित समझ आ गया था. जया प्रदा को रामपुर से उसी आजम खान के खिलाफ उतारा गया, जिससे उनकी सालों पुरानी रंजिश है, इसके लिए बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद नेपाल सिंह का टिकट भी काट दिया
आजम खान और जया प्रदा के बीच आजम खान के बीच जुबानी जंग जारी है,

आजम- जया प्रदा के बीच क्यों आई दरार

ये कहानी शुरू होती है 2004 में जब तेलुगु देशम पार्टी का साथ छोड़कर जया प्रदा समाजवादी पार्टी में शामिल हुई थीं. जया प्रदा ने उसी साल लोकसभा चुनाव लड़ा और उन्हें जीत भी मिली. कहा जाता है कि इस जीत में आजम खान का भी अहम रोल था. आजम ने जया के लिए खुद रामपुर में प्रचार किया था. जया प्रदा आजम खान को अपना भाई मानती थी.

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आजम खान और जया प्रदा के बीच के रिश्ते उस समय तल्ख होने लगे, जब जया समाजवादी पार्टी के रसूखदार नेता अमर सिंह के कैंप में चली गईं. 2009 आते-आते आलम ये था कि 2004 में जया के लिए वोट मांगने वाले आजम खान से उनके खिलाफ प्रचार करवाया था. उस वक्त भी जया ने आरोप लगाया था कि आजम खान उनकी मॉर्फ्ड फोटो वायरल करा रहे हैं. कुछ दिन पहले ही खुद जया ने एक इंटरव्यू में बताया था-

उस समय मुझ पर तेजाब से हमला करवाने की साजिश थी और मेरी जान को खतरा था. जब कभी मैं घर से बाहर जाती थी, तो मैं अपनी मां को यह भी नहीं बता सकती थी कि मैं जिंदा लौटूंगी या नहीं.
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अमर सिंह ने बनाई रणनीति

2010 में जया प्रदा और अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था. 2019 के रण में जया प्रदा के बीजेपी ज्वाइन करने से लेकर उनके रामपुर से चुनाव लड़ने तक की पूरी रणनीति अमर सिंह की है. अमर सिंह ने जया को बीजेपी में शामिल कराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. आजम खान से अपना सियासी बदला चुकाने के लिए मौका ढूढ़ रहे अमर सिंह जया को फिर उसी रामपुर में लेकर आए, जहां 9 साल पहले एक लड़ाई लड़ी गई थी. जया प्रदा किसी भी जगह से चुनाव लड़ सकती थीं, लेकिन रामपुर को ही खासतौर पर चुना गया. 2019 में भी जगह वही है और आमने-सामने जया प्रदा और आजम खान हैं. बस फर्फ इतना है कि इस बार जया प्रदा साइकिल नहीं कमल के साथ हैं.

तीसरी बार किस्मत आजमा रही हैं जया

जया प्रदा रामपुर से तीसरी बार अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं. आज भी जया अपने पुराने दिनों को भी याद करती रहती हैं. नामांकन के दौरान जया प्रदा भावुक हो गई थीं. एक जनसभा को संबोधत करते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. इस दौरान उन्होंने आजम खान पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा था कि मैं यहां से जुड़ी हूं और गरीब के लिए काम करना चाहती हूं. पहले भी मैं यही चाहती थी, लेकिन ये लोग करने नहीं देते.

वहीं आजम खान आए दिन जया के खिलाफ विवादित बयान दे रहे हैं. उनकी बदजुबानी की वजह से उनके खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है.

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