समुद्र तट, कर्नाटक के मंगलुरु में लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. क्विंट ने शहर से थोड़ी दूरी पर पनाम्बुर बीच की तरफ रुख किया, ताकि ये पता लगाया जा सके कि 18 अप्रैल को लोगों का वोट किसे मिलेगा. स्थानीय उम्मीदवार कितने महत्वपूर्ण है? क्या वे पार्टी या पीएम उम्मीदवार को वोट देते हैं? क्या भारत के युवाओं को पिछले पांच साल में रोजगार मिला है? क्या वे संतुष्ट हैं?
बेट्टमपदी के वाटर स्पोर्ट्स ऑपरेटर दयानंद कोटियन का कहना है कि पुलवामा हमले पर मोदी की प्रतिक्रिया ने उनको फिर से चुनने की उनकी इच्छा को मजबूत किया है.
मोदी को सत्ता में आना चाहिए. हमारा बॉर्डर और मजबूत होना चाहिए. हमें उनकी जरूरत है.दयानंद कोटियन, बेट्टमपदी
जबकि ड्राइवर का काम करने वाले तुमकुरु के इमरान जैसे अन्य लोगों का सवाल है कि एयर स्ट्राइक का श्रेय नेताओं को जाना चाहिए या सैनिकों को?
क्या ये (एयर स्ट्राइक सैनिकों ने किया या फिर मोदी ने? सैनिकों ने ना? लोगों को उनकी(सैनिकों की) सराहना करनी चाहिए.इमरान, तुमकुरु
कुछ लोग मुख्यमंत्री की कर्ज माफी योजना से भी नाखुश थे
कुमारस्वामी कहते रहे कि वो किसानों का कर्जा माफ करेंगे, लेकिन एक साल बीत गया. हमारे परिवार में सब किसान हैं, अभी तक हमें कोई सहायता नहीं मिली. हमने सारी अर्जियां दे दी हैं लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ.सीएस पर्वतम्मा कोडागू
हासन के कुछ लोगों का कहना है कि जनता दल (सेक्युलर) के कुमारस्वामी और देवेगौड़ा ने जाति के आधार पर भेदभाव किए बिना किसानों का समर्थन किया था
हम जेडीएस को वोट करेंगे. उन्होंने हमारी बहुत मदद की है. वो किसी एक जाति के बारे में बात नहीं करते. वो किसी भी जाति के नाम पर भेदभाव नहीं करते. वे किसानों के लिए काम करते हैं और उनको सपोर्ट भी करते हैं.हासन के टूरिस्ट
इमरान का मानना है कि ये युवाओं के बागडोर लेने का वक्त है. “अब वे (मोदी) बूढ़े हो गए हैं. एक युवा के सत्ता में आने का समय आ गया है, इसीलिए हमने इस बार राहुल गांधी और कांग्रेस को वोट देने का फैसला किया है.”
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