तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन में सरकार को झुकने पर मजबूर करने के बाद किसान संगठन चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं. संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसानों की लगभग 22 यूनियनों ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए संयुक्त समाज मोर्चा (Samyukt Samaj Morcha) नामक राजनीतिक पार्टी की घोषणा की है और आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab assembly elections) में दांव पेश करने के लिए तैयार हैं.
संयुक्त समाज मोर्चा पार्टी पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, किसान नेताओं ने शनिवार, 25 दिसंबर को इसकी पुष्टि की. पंजाब में किसानों के राजनीतिक मोर्चे का नेतृत्व किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल करेंगे.
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पर अपना रुख स्पष्ट किया और खुद को राजनीतिक संगठन से अलग करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार में “संयुक्त किसान मोर्चा” के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बीकेयू (डकौंडा) और बीकेयू (लखोवाल) सहित तीन किसान यूनियन जल्द ही तय करेंगे कि इस पार्टी में शामिल होना है या नहीं.
पंजाब के लोगों से चुनाव लड़ने के लिए भारी दबाव था- बलबीर सिंह राजेवाल
बलबीर सिंह राजेवाल राजेवाल ने कहा कि किसानों की जीत के रूप में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद पंजाब के लोगों से चुनाव लड़ने के लिए उन पर भारी दबाव था.
पंजाब को ड्रग्स, बेरोजगारी और राज्य से युवाओं के पलायन जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इसे वो संबोधित करना चाहते हैं.
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