बधाई हो! बलात्कार के आरोप में फंसे आलोकनाथ को आखिरकार फिर से बॉलीवुड में काम मिल गया है, और देशभर की औरतों के लिए इससे ज्यादा खुश करने वाली बात क्या होगी. हैं ना? दरअसल, आलोकनाथ 6.1% बेरोजगार भारतीयों में से एक थे, ये अलग बात है कि उनकी बेरोजगारी जरा अलग किस्म की थी.
पिछले साल देश में चले #MeToo मूवमेंट के तहत राइटर और डायरेक्टर विंता नंदा ने आलोकनाथ पर बलात्कार का आरोप लगाया था. आलोकनाथ पर नंदा के खुलासे ने कई और महिलाओं को हिम्मत दी, जिन्होंने अलोकनाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया.
इसका नतीजा यह हुआ कि, बॉलीवुड इंडस्ट्री ने ये कसम खा ली कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपियों को भविष्य में कभी भी काम नहीं देगें.
फीमेल फिल्ममेकर्स ने भी अपनी यौन उत्पीड़न की कहानियों को उजागर करने वाले लोगों को समर्थन दिया और किसी भी सिद्ध अपराधी के साथ कभी काम न करने का फैसला लिया. कोंकणा सेन शर्मा, नंदिता दास, मेघना गुलजार, गौरी शिंदे, किरण राव, रीमा कागती और जोया अख्तर उन 11 फिल्मकारों में से थीं जिन्होंने #MeToo मूवमेंट का समर्थन किया था.
बल्कि, अजय देवगन ने भी खुद ट्वीट कर #MeToo मूवमेंट का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि वो खुद और उनकी कंपनी उस इंसान के खिलाफ खड़े होंगे, जिसने किसी महिला के साथ अन्याय किया होगा.
लेकिन फिर भी यह सारी बातें आलोकनाथ को काम मिलने से न रोक सकीं. ये आलोकनाथ की अकेली फिल्म नहीं है, बलात्कार के आरोपी आलोकनाथ “मैं भी” मूवी में एक जज की भूमिका निभाएंगे. इस फिल्म में वह एक जज के रूप में बलात्कार, यौन उत्पीड़न तथा महिलाओं के अधिकारों के मामलों में फैसला सुनाएंगें.
तो कुछ समय के लिए तो आलोकनाथ बेरोजगार रहे, लेकिन अब उन्हें काम मिल चुका है.
चलिए हॉलीवुड पर नजर डालते हैं- निर्देशक रिडले स्कॉट ने 2017 में अपनी फिल्म ऑल द मनी इन द वर्ल्ड के रिलीज होने से कुछ हफ्ते पहले मीटू-आरोपी अभिनेता केविन स्पेसी की जगह क्रिस्टोफर प्लमर को देकर एक मिसाल कायम की थी.
क्रिस्टोफर प्लमर के साथ रिडले स्कॉट ने फिल्म के कई हिस्सों को नए सिरे से फिल्माया, जिसमें क्रिस्टोफर प्लमर को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता की श्रेणी में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया.
जब प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने अजय देवगन से आलोक नाथ पर लगे आरोपों के बारे में पूछा, तो उन्होंने बस इतना ही कहा:
“यह इसके बारे में बात करने के लिए सही जगह नहीं है. और जिनकी आप बात कर रहे हैं वो फिल्म उसके पहले कम्पलीट हुई थी.”
डायरेक्टर लव रंजन पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का साफ तौर पर खंडन किया, और उन महिलाओं से माफी मांगी जिन्हें उनके कारण आघात पहुंचा होगा.
रंजन के खिलाफ आरोपों के बावजूद उन्हें नए प्रोजेक्ट मिलते रहे हैं और इसके साथ ही बॉलीवुड का यह पाखण्ड भी सामने आता रहा है कि- जागरूकता के बारे में ट्वीट करना आसान है, लेकिन इसे अमल में लाना वाकई मुश्किल है.
ट्रेलर में भी कई मुद्दे हैं, जैसे दो महिलाओं को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना, और एक आदमी को खुश करने तक एक-दूसरे की जिंदगी को सीमित करना. उम्र को लेकर छींटाकशी, महिलाओं के लिए द्वेष वगैरह कई ऐसे मुद्दे हैं जो फिल्म में शामिल हैं.
लेकिन, आमतौर पर एक ट्रेलर शायद ही इस बात का चित्रण होता है कि फिल्म कैसी होगी. इसलिए हम इस फिल्म के समर्थन में या इसके खिलाफ अपनी स्पष्ट राय देने से पहले फिल्म के रिलीज होने का इंतजार करेंगे. तब तक हम (ना) खुश हैं कि कम से कुछ कुछ लोगों को उनका काम वापस मिल तो रहा है, फिर क्या हुआ कि उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप है? है न बॉलीवुड?
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