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ऑस्ट्रेलिया ने मानसिक रोगों के इलाज के लिए साइकेडेलिक ड्रग्स को लीगल बनाया

ऑस्ट्रेलिया में मनोचिकित्सक अब कुछ प्रकार के डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों को मैजिक मशरूम प्रिस्क्राइब कर सकते हैं.

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Mental Health Drugs: ऑस्ट्रेलिया कुछ मेंटल हेल्थ डिसऑर्डरों के ट्रीटमेंट के लिए साइकेडेलिक ड्रग्स के उपयोग को लीगल बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

मनोचिकित्सक अब पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को MDMA, जिसे पार्टी ड्रग 'एक्स्टसी' के नाम से जाना जाता है और कुछ प्रकार के डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों को मैजिक मशरूम प्रिस्क्राइब कर सकते हैं.

इस कॉन्ट्रोवर्शल कदम को कई वैज्ञानिक और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स गेम-चेंजर के रूप में देख रहे हैं, हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इस निर्णय को जल्दबाजी भी बताया है.

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ये हैं मुख्य बातें

1 जुलाई को, ऑस्ट्रेलिया डिप्रेशन और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर जैसी मानसिक स्थितियों के इलाज के लिए MDMA और मैजिक मशरूम जैसी साइकेडेलिक दवाओं के उपयोग की अनुमति देने वाला पहला देश बन गया.

ऑस्ट्रेलिया के ड्रग रेग्युलेटर, द थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (TGA) ने निर्णय के संबंध में विशेषज्ञों के साथ परामर्श करते हुए तीन साल की लंबी प्रक्रिया के बाद इस कदम को मंजूरी दे दी है.

हर उपचार 8 घंटे तक चलेगा और मरीज 5 से 8 सप्ताह के दौरान 3 उपचार से गुजरेंगे.

हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने कहा है कि इलाज बहुत ही महंगा है और हर कोर्स की लागत हजारों डॉलर है.

मनोचिकित्सक पूरे 8 घंटे तक मरीज के साथ रहते हैं.

हालांकि USA, कनाडा और इजराइल जैसे देश दवाओं के व्यक्तिगत उपयोग की अनुमति देते हैं, यह केवल क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए या कम्पैशनेट ग्राउंड पर दी जाती है.

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क्या हैं ये दवाएं?

MDMA, जिसे मौली या एक्स्टसी के नाम से भी जाना जाता है, एक सिंथेटिक पार्टी ड्रग है, जो मूड और पर्सेप्शन को बदल देती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज के अनुसार, यह दवा एक हैलुसिनोजन है, जो आसपास की वस्तुओं के अवेयरनेस को मॉडिफाई करता है, सेन्सरी और समय के पर्सेप्शन को डिस्टॉर्ट करता है और ऊर्जा और आनंद के स्तर को बढ़ाता है.

MDMA मुख्य रूप से तीन ब्रेन कैमिकल्स को प्रभावित करता है:

  • डोपामाइन: रिवार्ड सिस्टम और बढ़ी हुई ऊर्जा/गतिविधि के लिए जिम्मेदार.

  • नॉरपेनेफ्रिन: हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार.

  • सेरोटोनिन: मूड, नींद, भूख को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार और सेक्शुअल अराउजल और विश्वास को भी प्रभावित कर सकता है. इस प्रकार, शरीर में सेरोटोनिन की बड़ी मात्रा सहानुभूति, इमोशनल क्लोजनेस और अच्छे मूड की भावनाओं को ट्रिगर कर सकती है.

मैजिक मशरूम ऐसे मशरूम होते हैं, जिनमें हैलुसिनोजन होते हैं, आमतौर पर या तो साइलोसाइबिन या साइलोसिन. इसे खाने से बेहद खुशी से लेकर सेन्सरी पर्सेप्शन का डिस्टॉर्शन और हैलुसिनेशन तक की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, जैसा कि Medical News Today द्वारा बताया गया है.

हालांकि इसकी लत नहीं लगती, लेकिन यह चिंता और घबराहट की भावनाएं पैदा कर सकती है, या परेशान करने वाले हैलुसिनेशन पैदा कर सकती है.

इसके अलावा, Canada Ca के अनुसार, मैजिक मशरूम के सेवन से 'बैड ट्रिप्स' या 'फ्लैशबैक' हो सकते हैं.

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इस इलाज से जुड़ी चिंताएं क्या हैं?

इंडिया टुडे ने बताया कि, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के मानसिक स्वास्थ्य शोधकर्ता डॉ. माइक मस्कर के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए मैजिक मशरूम या MDMA का उपयोग "एक गोली लो और चले जाओ" नहीं बन जाना चाहिए.

हालांकि डॉ. मस्कर ने इस कदम को 'गेम-चेंजर' कहा, लेकिन लोगों ने कथित तौर पर ‘बैड ट्रिप्स’ या पुराने ट्रॉमा में फिर से जीने का भी अनुभव किया है.

"मैंने ऐसी कहानियों के बारे में पढ़ा है, जहां लोगों ने ‘बैड ट्रिप्स’ का अनुभव किया है, या फिर उन्होंने अपने पुराने ट्रॉमा को फिर से अनुभव किया है और इसलिए हमें बहुत सावधानी बरतनी होगी."
डॉ. माइक मस्कर ने इंडिया टुडे को रिपोर्ट किया

मेलबर्न के स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की मनोचिकित्सक सुसन रॉसेल, जो ट्रीट्मेंट-रेजिस्टेंट डिप्रेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया के ऐक्टिव क्लीनिकल ट्रायल पर काम कर रही हैं, जहां साइलोसाइबिन-असिस्टेड मनोचिकित्सा टेस्ट किया जा रहा है, ने कहा कि यह अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है कि कौन से मरीज उपचार के लिए सबसे उपयुक्त हैं.

उन्होंने आगे यह भी बताया कि अगर इन ड्रग्स को सही तरीके से एडमिनिस्टर नहीं किया गया, तो इससे लोगों को ‘बैड ट्रिप्स’ का अनुभव हो सकता है और उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. “यह सबसे खराब सिनेरियो होगा,” ऐसा उन्होंने नेचर जर्नल को बताया है.'

इसके अलावा, उनके अपने अप्रकाशित पेपर में कहा गया है कि ट्रायल में भाग लेने वालों में से 10-20% ने इन ड्रग्स के कारण "भयानक समय" का अनुभव किया, ऐसा नेचर जर्नल ने रिपोर्ट किया.

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दवाएं कैसे निर्धारित की जाएंगी?

मनोचिकित्सक TGA की ऑथराइज्ड प्रिसक्राइबर स्कीम, जो ऑथराइज्ड मनोचिकित्सकों को ऐसी दवाएं प्रिस्क्राइब करने की अनुमति देता है, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के रजिस्टर ऑफ थेरप्यूटिक ड्रग्स में फॉर्मल रूप से जोड़ना बाकी है, के आधार पर इन ड्रग्स को प्रिस्क्राइब करेंगे.

TGA ने बताया कि कैसे MDMA और साइलोसाइबिन प्रिस्क्राइब करने वालों को मेडिकल बोर्ड ऑफ ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रकाशित कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना आवश्यक है.

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