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FAQ | कॉर्बीवैक्स भारत की पहली मिक्स-एंड-मैच COVID प्रीकॉशन खुराक-कौन ले सकता है

हेटरोलोगस वैक्सीन डोसेज का क्या मतलब है? कॉर्बीवैक्स प्रीकॉशन खुराक कब उपलब्ध होगी?

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FAQ | कॉर्बीवैक्स भारत की पहली मिक्स-एंड-मैच COVID प्रीकॉशन खुराक-कौन ले सकता है
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10 अगस्त को, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि हैदराबाद स्थित दवा कंपनी, बायोलॉजिकल ई की COVID-19 वैक्सीन, कॉर्बीवैक्स को, 18 वर्ष से अधिक उम्र के, पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके व्यक्तियों के लिए, प्रीकॉशन डोज के रूप में अप्रूव किया गया है.

यह पहली बार है, जब सरकार ने COVID वैक्सीन की तीसरी खुराक के रूप में ऐसी वैक्सीन को अप्रूव किया है, जो दो प्राथमिक खुराकों से अलग है.

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यह निर्णय नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के COVID-19 कार्य समूह द्वारा हाल ही में की गई सिफारिशों के आधार पर लिया गया है.

कॉर्बीवैक्स को पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा 12 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए अप्रूव किया गया था, साथ ही 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए DCGI की विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा रेकमेंड किया गया था.

हम कॉर्बीवैक्स के बारे में कितना जानते हैं? आप प्रिकॉशनेरी डोज कब प्राप्त कर सकते हैं? फिट हिंदी आपके अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दे रहा है.

कॉर्बीवैक्स किस प्रकार का टीका है?

हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा विकसित कॉर्बीवैक्स , भारत का पहला रिकॉम्बिनेंट रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) प्रोटीन सबयूनिट COVID वैक्सीन है.

प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन तकनीक एक आजमाई हुई और परीक्षण की गई तकनीक है, जिसमें वायरस के केवल उस हिस्से का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने के लिए आवश्यक होता है. इसे नए वैक्सीन प्लेटफॉर्मों की तुलना में सुरक्षित भी माना जाता है.

कॉर्बीवैक्स को CDSCO (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) द्वारा 28 दिसंबर 2021 को 18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में उपयोग के लिए EUA (इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन) दिया गया था.

इसे DCGI द्वारा भी 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए प्राथमिक खुराक के रूप में उपयोग करने के लिए भी अप्रूव किया गया है.

इसे प्रिकॉशनेरी डोज के रूप में कौन ले सकता है?

18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जिसने कोवैक्सिन या कोविशील्ड के दो खुराक लगवाए हैं, कॉर्बीवैक्स COVID वैक्सीन की तीसरी एहतियाती खुराक ले सकता है.

कॉर्बीवैक्स भारत में स्वीकृत होने वाली पहली हेटरोलोगस प्रीकॉशन खुराक है. इसका मतलब क्या है?

अब तक, भारत में केवल होमोलोगस COVID वैक्सीन कॉम्बिनेशनों की अनुमति थी. इसका मतलब है कि आपको टीके की दूसरी और तीसरी खुराक उसी वैक्सीन की लेनी होगी, जिसे आपने अपनी पहली खुराक के रूप में लिया था. मिक्स-एंड-मैच की अनुमति नहीं थी.

पर, कॉर्बीवैक्स को उन लोगों के लिए प्रिकॉशनेरी डोज के रूप में अनुमति दी गई है, जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ली हैं, जिससे यह भारत में पहला हेटरोलोगस COVID वैक्सीन कॉम्बिनेशन बन गया है.

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मुझे वैक्सीन के दोनों टीके लग चुके हैं. मुझे कॉर्बीवैक्स की प्रिकॉशनेरी डोज कब लग सकती है?

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार, कोवेक्सिन या कोविशील्ड टीकों की दूसरी खुराक लगने की तारीख से 6 महीने या 26 सप्ताह के अंतराल के बाद प्रिकॉशनेरी डोज के तौर पर कॉर्बीवैक्स लगा सकते हैं.

यह मार्केट में कब उपलब्ध होगा?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 10 अगस्त को जारी सर्कुलर के मुताबिक 12 अगस्त से कॉर्बीवैक्स की एहतियाती खुराक उपलब्ध होगी.

मुझे प्रिकॉशनेरी डोज कहां मिल सकती है?

MoHFW के अनुसार, जो पात्र हैं, वो Co-WIN ऐप पर इसके लिए रजिस्टर कर सकेंगे.

एक खुराक की कीमत कितनी होगी?

कॉर्बीवैक्स की एक खुराक की कीमत ₹400 है, जिसमें टैक्स और एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज शामिल हैं. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कॉर्बीवैक्स की एक एहतियाती खुराक की कीमत एक प्राथमिक खुराक के ही समान होने की संभावना है.

जुलाई में यह घोषणा की गई थी कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सरकारी स्थानों में जुलाई के मध्य से 75 दिनों तक सभी वयस्कों को COVID वैक्सीन की मुफ्त प्रिकॉशनेरी डोज दी जाएगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस कार्यक्रम में कॉर्बीवैक्स को भी शामिल किया जाएगा या नहीं.

क्या कॉर्बीवैक्स WHO की आपातकालीन उपयोग सूची में है?

अभी नहीं. हालांकि कॉर्बीवैक्स को भारत की दवा नियामक संस्था DCGI द्वारा EUA प्रदान किया गया है, लेकिन इसने अभी तक WHO की आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) में जगह नहीं बनाई है.

WHO EUL का मुख्य रूप से तीन मतलब है:

  • यह कि वैक्सीन COVID से सुरक्षा के लिए WHO के मानकों को पूरा करता है

  • कि WHO को लगता है कि वैक्सीन का लाभ जोखिम से अधिक है

  • वैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसका उपयोग (दुनिया भर में) किया जा सकता है.

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