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FAQ|ICMR ने डायबिटीज से पीड़ित बच्चों और किशोरों के लिए जारी किए ट्रैवल गाइडलाइन

ICMR ने टाइप -1 डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक गाइड लाइन जारी की है, जिसमें सेफ्टी टिप्स की एक सूची भी शामिल है.

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने रविवार, 12 जून को टाइप-1 डायबिटीज वाले बच्चों और किशोरों के लिए एक ट्रैवल गाइड लाइन जारी की.

इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा टाइप-1 डायबिटीज के मरीज हैं. कई अध्ययनों ने डायबिटीज को लॉन्ग कोविड से भी जोड़ा है.

यह गाइड कई टाइप-1 डायबिटीज वाले बच्चों और किशोरों को बचाने में मदद कर सकती है.

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यह 173-पेज की गाइड, जिसमें यात्रा से पहले लेने वाली सावधानियों और करने वाले कार्यों की सूची भी शामिल है, भारत में टाइप-1 डायबिटीज के रोगियों के लिए पहली गाइड है. इसमें यात्रा के दौरान टाइप-1 रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं, शामिल किया गया है.

टाइप-1 डायबिटीज वाले बच्चों और किशोरों के लिए कुछ नए यात्रा गाइडलाइन यहां दिए गए हैं.

टाइप-1 डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है, जिसमें पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है. यह आमतौर पर किशोरों और बढ़ते बच्चों में दिखाई देता है और इसे जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है.

टाइप-1 डायबिटीज के लक्षणों में थकान, भूख, बार-बार पेशाब करना, अधिक प्यास लगना और धुंधली दृष्टि शामिल हैं. टाइप-1 डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, इसे स्वस्थ आहार, व्यायाम और इंसुलिन प्रशासन के माध्यम से मैनेज किया जा सकता है.

टाइप-1 मधुमेह वाले बच्चों और किशोरों को यात्रा से पहले क्या करना चाहिए?

  • अपनी यात्रा योजनाओं के बारे में अपने चिकित्सक को पहले ही सूचित कर दें. यात्रा का समय, यात्रा सुरक्षा, आवश्यक दवा, और अन्य सावधानियों के बारे बारे में उनसे सलाह लें.

  • यदि आपके बच्चे टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित है, तो सुनिश्चित करें कि आप उनके चिकित्सक से पता करें कि क्या सब करने की आवश्यकता है. खासकर अगर वे आपके बिना स्कूल ट्रिप या छुट्टी पर जा रहे हों.

  • सुनिश्चित करें कि आपका चिकित्सक आपको सही प्रिस्क्रिप्शन देता है जिस पर उसका मोहर लगा हो. प्रिस्क्रिप्शन के कॉपी बनाकर रखे और हो सके तो सुरक्षा के लिए उसे लैमिनेट भी करा लें. फोटो खिंच कर डिजिटल कॉपी रखना भी उचित है.

  • ICMR की गाइड कहती है कि आपके पास पूरी यात्रा की अवधि के लिए दवा, इंजेक्शन और ब्लड शुगर टेस्ट किट पर्याप्त मात्रा में रहने चाहिए. और कम से कम कुछ अतिरिक्त हफ्तों के लिए भी रहना चाहिए, क्योंकि अक्सर किसी कारण से यात्रा की योजना बढ़ानी पड़ती है.

  • आपका डॉक्टर आपको दवाओं के बारे में अधिक सलाह दे सकता है.

  • सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने इंसुलिन को 2-25 डिग्री सेल्सियस पर रखने के लिए पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज भी हो. यह भी जांच लें कि आपके पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज में पर्याप्त बैटरी है.

  • इंसुलिन खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि मेडिकल शॉप में उसे उचित रूप से स्टोर किया गया था.

ICMR गाइड यात्रा के दौरान किन बातों पर जोर देता है?

  • यात्रा के दौरान ब्लड शुगर अधिक गिरने से रोकने के लिए, सुनिश्चित करें कि फ्लाइट/ट्रेन/बस पर खाना मिलता हो और अगर हो सके तो अपने साथ स्नैक्स रखें.

  • अपने व्यक्तिगत सामान में हमेशा अपना इंसुलिन, इंसुलिन पेन और अपना ब्लड टेस्ट किट रखें. इंसुलिन पेन की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका उपयोग करना आसान है. आपात स्थिति के लिए अपने साथ अतिरिक्त पेन और सिरिंज ले जाएं.

  • उड़ान के दौरान, इंसुलिन को चेक-इन सामान में नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि यह अत्यधिक तापमान के संपर्क में आ सकता है. अपनी डायबिटीज की स्थिति एयरलाइन को भी जरूर बताएं.

  • यात्रा करते समय, पहले से तैयार किए गए "कूल पैक" का उपयोग करना सुविधाजनक होता है. या फिर, वायल (vials) को प्लास्टिक रैपर से ढककर ठंडे थर्मस में रखा जाना चाहिए.

  • नए जूते पहनने से बचें, क्योंकि वे आपके पैरों पर दबाव डाल सकते हैं. इससे आपके पैरों में कोई छाले या कट नहीं आएंगे.

  • यदि आपकी यात्रा अधिक लंबी है, तो सुनिश्चित करें कि आप यात्रा से पहले, उसके दौरान और उसके बाद अच्छी तरह से खाते हैं.

  • यदि आपकी यात्रा लंबी है और बीच में स्टॉप है, तो हर स्टॉप पर अपने ब्लड शुगर का टेस्ट करने का प्रयास करें.

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गाइड डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद क्या करने कहता है?

  • अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचते ही, अपने ब्लड शुगर की जांच करें. जेट लैग से यह समझना मुश्किल हो सकता है कि क्या आपके ब्लड शुगर में गिरावट आई है (हाइपोग्लाइकेमिया).

  • इंसुलिन 24 घंटे के आधार पर प्रशासित किया जाना चाहिए, क्योंकि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में दिन और रात अलग-अलग लंबाई के होते हैं.

  • इसके अतिरिक्त, नाक्टर्नल हाइपोग्लाइसीमिया के लिए रात में 1 से 3 बजे के बीच अपने ब्लड शुगर टेस्ट करें.

  • अपनी यात्रा के दौरान सुनिश्चित करें कि आपके पास आरामदायक जूते हों, जो यात्रा से पहले कम से कम 1-2 सप्ताह तक आपने पहने हैं.

  • जब आप यात्रा करते हैं, तो आप अक्सर अधिक चलते हैं, इसलिए व्यायाम से पहले और दौरान और ड्राइविंग, लंबी पैदल यात्रा या एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे कार्यों से पहले अपने ब्लड शुगर की जांच करें.

  • अपने ब्लड शुगर की लगातार निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोग यात्रा के दौरान अनियमित समय और पैटर्न में भोजन करते हैं. हर चार घंटे में ब्लड शुगर की जांच करने की सलाह दी जाती है.

  • यदि आप गाड़ी चला रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका ब्लड शुगर स्वस्थ श्रेणी में है. यदि आप गाड़ी चलाते समय धुंधली दृष्टि से पीड़ित हैं, तो सुरक्षित स्थान पर पहुंचें, गाड़ी रोक दें और अपने ब्लड शुगर का टेस्ट करें.

  • यह आवश्यक है कि आप हर समय अपने साथ मीठे, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ ले जाएं, जैसे चॉकलेट बार, सूखे मेवे. यदि आप हाइपोग्लाइसीमिया का अनुभव करते हैं, तो ये मदद करेंगे.

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आपको किन अन्य सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए?

  • यात्रा के समय, अलग-अलग टाइम जोन और जेट लैग जैसे कारकों के लिए हमेशा अपने इंसुलिन और आहार को एडजस्ट करें. आमतौर पर एडजस्ट करने की आवश्यकता तब होती है, जब आप पश्चिम से पूर्व या पूर्व से पश्चिम यात्रा करते हैं, न कि जब आप उत्तर या दक्षिण की ओर यात्रा करते हैं. ऐसा करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें.

  • आप जिस स्थान पर जा रहे हैं, वहां इंसुलिन के यूनिट को जानें. कुछ हिस्से में 'एमएल', जबकि अन्य जगहों पर 'आईयू' माप का उपयोग किया जाता है. आपको दोनों यूनिट को एक दूसरे में कन्वर्ट करना भी आना चाहिए.

  • आपके डॉक्टर आपको ठीक से बताएंगे कि आपको क्या करना है और किन परिस्थितियों के लिए तैयार रहना है.

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