बरसात के मौसम की अपनी मुश्किलें हैं. नमी के कारण इस मौसम में पसीना अधिक आता है, जिससे शरीर में पानी की कमी आ जाती है. साथ ही इस मौसम में हम अक्सर चिड़चिड़ा महसूस करते हैं (ह्यूमिड मौसम के कारण) और हमारा शरीर अपने चरम पर काम नहीं करता है, और पाचन भी थोड़ा सुस्त हो जाता है.
इसके अलावा, हम कम्फर्ट वाले खाद्य पदार्थ (जैसे तली हुई भजिया, जलेबी, समोसा) खाते हैं, जिससे पेट की परेशानी और अपच (अपच या पेट खराब) होने की आशंका बढ़ जाती है.
इसके अलावा, हमें सुस्ती, डीहाइड्रेशन और सूजन और गैस्ट्रो-इन्फेक्शन के जोखिम से भी जूझना पड़ता है.
इस मौसम में जरूरी है बहुत सावधानी से खाना क्योंकि इन महीनों के दौरान, हमारी इम्यूनिटी भी कम हो जाती है.
तो इन ग्यारह खाद्य पदार्थों को जल्द से जल्द इन महीनों के लिए अपने आहार में शामिल करें.
मखाना
शरीर में एंटीऑक्सीडेंट बढ़ाने के लिए
ये बीज एक एंटीऑक्सीडेंट पावरहाउस हैं. इनमें बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है केम्पफेरोल (चाय, कॉफी, ब्रोकोली, बेल पेपर और गोभी में भी पाया जाता है), जो सूजन को रोकने के लिए जाना जाता है और इस प्रकार संक्रमण और बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है.
मानसून के मौसम में आप अक्सर शाम में नमकीन, पॉपकॉर्न, चिप्स और पकोड़े जैसे कुरकुरा स्नैक खाना चाहते हैं, वो भी चाय या कॉफी के साथ.
उनकी जगह कुरकुरे, स्वादिष्ट मखाना खाएं, जो उन खाद्य पदार्थों की तरह हानिकारक नहीं होता है.
करेला
इन्फेक्शन को दूर रखने के लिए
करेला एक जाना-माना इम्युनोमॉड्यूलेटर है, जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है और इस प्रकार हमें मौसमी फ्लू से बचाता है, और चूंकि इसमें ब्लड शुद्ध करने वाले गुण होते हैं, इसलिए यह इन्फेक्शन को दूर रखने में भी मदद करता है.
साथ ही यह एक अच्छा पाचन एजेंट भी है.
प्याज
शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए
प्याज (विशेष रूप से कच्चे) क्वेरसेटिन नामक एक कम्पाउन्ड से भरा होता है, जो एक प्लेटलेट बूस्टर है.
शरीर में अधिक प्लेटलेट्स हमारी इम्यूनिटी के लिए अच्छे हैं और ये आमतौर पर मानसून के मौसम में कम हो जाते हैं.
स्प्राउट्स
अधिक पोषक तत्वों को अब्सॉर्ब करने के लिए
मानसून में नाश्ते के दौरान स्प्राउट्स खाना चाहिए और यह तले हुए विकल्पों से कहीं बेहतर है. लेकिन एक और कारण है, जो इसे बरसात का मौसम में जरूरी बनाता है.
वे एंजाइम प्रदान करते हैं, जो शरीर को ठीक से काम करने और इन्फेक्शन को दूर रखने के लिए आवश्यक होते है, और साथ ही फोलेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस और विटामिन जैसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व भी भारी मात्रा में प्रदान करते हैं.
अदरक
सुस्ती को दूर रखने के लिए
अदरक शरीर की पाचन क्षमता में सुधार करता है, जिससे ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है. यह शरीर के टिशू तक पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करता है, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर ढंग से काम करता है.
कच्चा आम
गैस्ट्रो संबंधित समस्याओं को नियंत्रण में रखने के लिए
कच्चे आम विटामिन सी और बी से भरपूर होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और जो मौसमी बीमारियों को दूर रखने के लिए बहुत आवश्यक है. साथ ही कच्चे आम दस्त, डिसेन्ट्री, पाइल्स, डिस्पेप्सिया, अपच और कब्ज जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डरों की रोकथाम और उपचार में भी फायदेमंद होते हैं. ये सभी परेशानियां मानसून के दौरान अक्सर होती हैं.
ताजा पुदीना और धनिया
सूजन को रोकने के लिए
वाटर रिटेंशन बरसात के मौसम में एक आम समस्या है और पुदीना और धनिया दोनों प्राकृतिक डीकन्जेस्टेंट और डाइयुरेटिक हैं.
मकई
पाचन को बढ़ावा देने के लिए
मानसून के मौसम में मकई मिलता है क्योंकि यह बहुत अधिक फाइबर प्रदान करता है, जो हमारे पाचन को अच्छा रखता है, यहां तक कि जब बारिश के दौरान पाचन क्रिया थोड़ी सुस्त हो जाती है, तब भी. अघुलनशील-से-घुलनशील फाइबर के हाई रेशियो के कारण मकई हमारे आंत के लिए बहुत अच्छा होता है.
हल्दी
फ्लू को दूर रखने के लिए
हल्दी, इसमें मौजूद करक्यूमिन के कारण, एक शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर है और साथ ही यह सूजन भी कम करता है. यह आपको गले में खराश, फ्लू, खांसी और सर्दी से बचाने में मदद कर सकता है.
बाजरा (पर्ल मिलेट)
कब्ज को रोकने के लिए
बरसात के मौसम में हमारा पाचन थोड़ा धीमा हो जाता है इसलिए इस मौसम में बाजरा जैसे उच्च फाइबर वाले ग्लूटेन मुक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए. वास्तव में यह बहुत सारे अघुलनशील फाइबर प्रदान करता है, जो स्टूल को बल्क प्रदान करता है और कब्ज, जो बारिश के दौरान एक आम समस्या है, को दूर रखता है.
कच्चे केले
भूख को नियंत्रण में रखने के लिए
कच्चे केले रेसिस्टेंट स्टार्च (आरएस) नामक एक प्रकार के फाइबर में बहुत समृद्ध होते हैं. आंतों में रेसिस्टेंट स्टार्च के फर्मेंटेशन द्वारा उत्पादित शॉर्ट-चेन फैटी एसिड हमें अधिक समय तक भरा महसूस कराते हैं. इसके अलावा वे विटामिन बी 6, विटामिन सी और पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं. ये सब बीमारियों से ग्रस्त महीनों के दौरान बड़ी मात्रा में आवश्यक हैं.
(कविता दिल्ली में स्थित एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. वह डोन्ट डाइट! 50 हैबिट्स ऑफ थिन पीपल (जैको), अल्टीमेट ग्रैंडमदर हैक्स: 50 किक ऐस ट्रेडिशनल हैबिट्स फॉर ए फिटर यू (रूपा) और फिक्स इट विथ फूड्स की लेखिका हैं.)
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