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Salt Intake: ज्यादा नमक खाना जानलेवा हो सकता है, तुरंत रुक जाएं

अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं, तो आपको इसे फौरन क्यों रोक देना चाहिए.

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Too Much Salt Intake: अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं, तो आपको इसे तुरंत रोक देना चाहिए. ऐसा आपने पहले भी पढ़ा और सुना होगा और कई लोगों ने सोचा होगा कि वो तो ज्यादा नमक खाते हैं ही नहीं, तो आपको पहले ही बता दूं आप ज्यादा नमक खाते हैं. जी हां! आप खाते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, हम भारतीय कम नमक खाने वाले देशों में शामिल नहीं हैं.

आज हम इस आर्टिकल में ज्यादा नमक खाने से सेहत को होने वाले खतरे आपके सामने रखने वाले हैं और बताएंगे कि रोजाना सिर्फ कुछ मिलीग्राम ज्यादा सोडियम आपके हार्ट डिजीज और मौत के जोखिम को बढ़ा सकता है. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि नमक की कमी से कई तरह के नुकसान भी होते हैं.

तो आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं नमक कब हमारे लिए खतरनाक हो जाता है? क्या हैं ज्यादा नमक से होने वाली समस्याएं? दिनभर में कितना नमक खाना चाहिए? कौन सा नमक हेल्थ को नुकसान नहीं पहुंचाता है? बीपी और हार्ट की बीमारी में कितना और कौन सा नमक खाना चाहिए?

Salt Intake: ज्यादा नमक खाना जानलेवा हो सकता है, तुरंत रुक जाएं

  1. 1. कब नमक शरीर के लिए खतरनाक हो जाता है? 

    दुनिया भर में नमक खाने को लेकर 2009 में हुई एक स्टडी के मुताबिक अगर आप कैमरून, घाना, समोआ, स्पेन, ताइवान, तंजानिया, युगांडा या वेनेजुएला से नहीं हैं, तो आपके नमक का सेवन सुरक्षित बताए स्तर से बहुत ज्यादा है.
    "नमक के फायदे और नुकसान दोनों हैं और इसे खाना जरुरी है. रोजाना तय मात्रा यानी कि 2,400 मिलीग्राम के अंदर रह कर नमक का सेवन करें. ज्यादा नमक खाने से दिल पर बुरा असर पड़ सकता है, बीपी हाई हो सकता है, पर इसका मतलब ये नहीं है कि नमक खाने से बीपी की बीमारी हो जाएगी."
    डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के मुताबिक, लगभग 2.4 ग्राम या 2,400 मिलीग्राम सोडियम (sodium) रोजाना का सेवन एक व्यक्ति के लिए सही है. यह करीब एक टीस्पून या 5 ग्राम नमक (salt) के बराबर होता है. इससे ज्यादा नमक खाने के आदी लोगों को नमक जायका देने से आगे बढ़कर हार्ट अटैक (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) दे सकता है.

    "ज्यादा नमक खाने से दिल, किडनी और ब्लड प्रेशर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर की आशंका बढ़ जाती है."
    डॉ. रशीद अहमद, सीनियर कंसलटेंट- कार्डियोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर

    ये सच है कि नमक के बिना खाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने की ऐसी आदत होती है कि खाने के साथ नमक ऊपर से भी डाल कर खाते हैं. भारत में एक व्यक्ति दिनभर में औसतन 11 ग्राम नमक खाता है. यह रोजाना 5 ग्राम नमक की तय मात्रा से दोगुना से भी ज्यादा है (WHO के अनुसार).

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  2. 2. ज्यादा नमक खाने के लक्षण क्या हैं?

    यहां कुछ ऐसे लक्षण बताए जा रहे हैं, जो ज्यादा नमक खाने से भी जुड़े हो सकते हैं:

    • बीपी बढ़ना- ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या सामने आ सकती है. नमक अधिक खाने से ब्लड में सोडियम आ जाता है जिसे पतला करने के लिए हमारे बॉडी सेल्स से पानी निकलता है, जो सेल्स को नुकसान पहुंचाती है. खास कर दिमाग के सेल्स के लिए.

    • बार-बार पेशाब आना- बार-बार पेशाब आना ज्यादा नमक खाने का लक्षण हो सकता है. ऐसा होने पर रात में अक्सर पेशाब करने के लिए जागने की जरूरत महसूस हो सकती है.

    • लगातार प्यास लगना- बहुत अधिक नमक खाने से पानी पीने की इच्छा बहुत बढ़ जाती है. हर समय गाला सूखता रहता है और पानी पीने के बाद भी प्यास पूरी तरह से नहीं खत्म होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सोडियम वाले खाद्य पदार्थ कुछ समय के लिये शरीर के संतुलन को बिगाड़ देते हैं.

    • शरीर में सूजन- ज्यादा नमक का सेवन करने से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सूजन आ सकती है. यह एक कारण हो सकता है कि आप सुबह फूला हुआ महसूस करते हैं. सूजन उंगलियों पर और टखनों के आसपास महसूस की जा सकती है. यह सूजन शरीर में ज्यादा फ्लूइड्स के कारण होती है और इसे एडिमा के रूप में जाना जाता है.

    • बार-बार हल्का सिर दर्द होना- बार-बार हल्का सिरदर्द डिहाइड्रेशन से हो सकता है. नमक अधिक खाने से आपको थोड़े-थोड़े वक्त में सिरदर्द होने की आशंका हो सकती है.

    • खाने में हमेशा नमक कम लगना/खाने में स्वाद नहीं लगना- क्या आपको अपने भोजन में समय-समय पर अधिक नमक जोड़ने की आवश्यकता महसूस होती है? ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि आप बहुत ज्यादा नमक खाने लगे हों. समय के साथ, आपकी टेस्ट बड्स उस स्वाद के अनुकूल हो जाती हैं और इसलिए आपको खाने में अधिक नमक मिलाने की आवश्यकता होती हो.

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  3. 3. ज्यादा नमक से होने वाली समस्याएं

    नमक की मात्रा बहुत ज्यादा किसे कहेंगे, यह एक से दूसरे व्यक्ति में अलग होती है और अक्सर अलग जातीय समूहों में अलग होती है. लेकिन WHO के अनुसार हार्ट डिजीज से बचने के लिए एक सामान्य सुरक्षित सीमा रोजाना करीब 2-2.4 ग्राम सोडियम है.

    बहुत ज्यादा नमक खाने से होने वाली बीमारियां:

    • ब्लड वेसल सख्त हो जाती हैं

    • हाइपर टेंशन/हाई ब्लड प्रेशर

    • कार्डियोवस्कुलर डिजीज

    • स्ट्रोक

    • क्रॉनिक किडनी डिजीज

    • कैंसर

    "अत्‍यधिक नमक के सेवन से गुर्दें के रोग होते हैं, ब्‍लड प्रेशर बढ़ता है, डिस्लेपीडिमिया होता है, कोरोनरी आर्टरी रोग, स्‍ट्रोक तथा इंफार्क्‍ट का खतरा भी बढ़ जाता है".
    दीप्ति खटूजा, हैड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव

    स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा

    कई स्टडी बताती हैं कि लगातार रोज की तयशुदा मात्रा से ज्यादा मात्रा में नमक खाने से स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. इंसानी शरीर होमियोस्टेसिस (homeostasis) और संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है. जब आपके सोडियम के स्तर में भारी बढ़ोत्तरी होती है, तो आपके ब्लड में भी सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है. इससे आपका शरीर सोडियम के स्तर को बैलेंस करने के लिए आपके ब्लड में ज्यादा लिक्विड भेजता है. यही वजह है कि जब आप नमकीन फूड खाते हैं, तो आपको ज्यादा प्यास लगती है. यह बढ़ा हुआ लिक्विड हाई ब्लड प्रेशर लाता है. यह वह बिंदु है, जहां नमक की खपत में बढ़ोत्तरी और ब्लड प्रेशर में बढ़ोत्तरी के बीच संबंध सामने आता है.

    अगर आप रोजाना ज्यादा सोडियम खाना जारी रखते हैं, तो लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपकी ब्लड वेसल की दीवारों को सख्त कर देगा.

    किडनी की गंभीर बीमारी भी हो सकती है

    ज्यादा मात्रा में सोडियम खाने से किडनी की गंभीर बीमारी भी हो सकती है और किडनी की पहले से मौजूद बीमारी बढ़ भी सकती है.

    आपके फ्ल्यूड बैलेंस को बनाए रखने और पसीने और यूरीन के जरिये फालतू सोडियम को बाहर निकालने के लिए आपकी किडनी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है.

    इससे किडनी की बीमारी हो सकती है, जिसका इलाज न करने पर किडनी फेल भी हो सकती है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक किडनी की बीमारी को रोकने के लिए औसत तयशुदा सोडियम सेवन स्तर 4 ग्राम से कम है, और किडनी के मरीजों की सेहत को ठीक रखने के लिए यह लगभग 3 ग्राम है.

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  4. 4. नमक (सोडियम) खाने में छुप कर बैठा रहता है

    एक टीस्पून टेबल साल्ट का वजन छह ग्राम होता है, जिसमें करीब 2,300 मिलीग्राम या 2.3 ग्राम सोडियम होता है.

    इसलिए, अगर आप औसतन एक दिन में एक चम्मच नमक खाते हैं, जो आपके पूरे दिन के लिए नमक का कोटा है, तो आप सोडियम के लिए रोजाना की सुरक्षित खपत सीमा के अंदर होंगे.

    लेकिन जीवन इतना सरल नहीं है और सोडियम हमारे खाने में चुपके से घुसा होता है.

    हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard School of Public Health) की एक स्टडी ने 32 देशों के 10,000 से अधिक वयस्कों पर किए अध्ययन में सोडियम की खपत को मापा और 4,000 मिलीग्राम का औसत सोडियम खपत का आंकड़ा मिला. यह स्वीकृत स्तर 2400 मिलीग्राम रोज की खपत से ज्यादा है. हालांकि, यह संख्या केवल एक औसत है और स्टडी में कुछ देशों के लोगों में नमक का स्तर कम भी पाया गया.

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  5. 5. नमकीन स्वाद के बिना भी खाने में नमक होता है  

    ब्रेड, सॉस, सेरिएल और किसी भी तरह के प्रोसेस्ड फूड, यहां तक कि जिनमें नमक का टेस्ट नहीं होता है, आमतौर पर उनमें भी सोडियम होता है. कुछ हद तक ऐसा इसलिए है क्योंकि सोडियम फूड्स की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है, और कुछ हद तक यह फूड में जायका बढ़ाता है. इसे सिर्फ साल्ट या बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर, मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या डाईसोडियम फॉस्फेट के नाम से पुकारा जा सकता है, लेकिन इन सभी में सोडियम होता है.

    एक तरफ जहां आपके फूड में नमक की ज्यादा मात्रा इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाएगी, वहीं ज्यादा मात्रा में नमक खाने से आपकी खुद की शेल्फ लाइफ कम हो जाएगी.
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  6. 6. कौन सा नमक हेल्थ को नुकसान नहीं पहुंचाता है?

    डॉ. संजीव गेरा फिट हिंदी से कहते हैं, "सफेद नमक, सेंधा नमक, पिंक नमक, काला नमक सभी के अपने फायदे हैं. हमें सभी नमक को मिला कर खाना चाहिए. जिन लोगों बीपी की समस्या नहीं है वो सफेद नमक खा सकते हैं क्योंकि उसमें आयोडीन होता है. आप सभी तरह के नमक खा सकते हैं. सभी नमक मिला कर थोड़ा-थोड़ा खाएं".

    "सफेद नमक खाने का फायदा ये है कि इसमें आयोडीन होता है, जो हमारे अच्छे हेल्थ के लिए जरुरी है. आयोडीन की कमी से थायरॉइड की समस्या हो सकती है. दूसरी बात अगर आप पिंक साल्ट, काला नमक, सेंधा नमक खाते हैं, तो उसमें आयोडीन नहीं होता पर उसमें खूब सारे माइनरल्स होते हैं. तो दोनों चीजों को बैलेंस कर के खाना है. बस ध्यान रहे कि दिनभर में नमक की मात्रा आधे से एक चम्मच के आसपास रहनी चाहिए. खास कर जो बीपी या हार्ट फेलियर की दवा ले रहे हैं वो अपने नमक खाने की मात्रा पर ध्यान रखें."
    डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
    "नमक चाहे कोई भी, उसका सेवन सामान्‍य मात्रा में (निश्चित सीमा के अंदर) ही किया जाना चाहिए. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि कोशर नमक और समुद्री नमक का सेवन कितना भी किया जा सकता है. याद रखें, इन्‍हें बेशक अपने शरीर में सोडियम की दैनिक मात्रा के लिए इस्‍तेमाल करें लेकिन हमेशा आयोडीनयुक्‍त नमक का इस्‍तेमाल करें.
    दीप्ति खटूजा, हैड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव
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  7. 7. बीपी और हार्ट की बीमारी में कितना और कौन सा नमक खाना चाहिए?

    "हम हिंदुस्तानियों में एक चीज देखी गई है कि हमारा ब्लड प्रेशर साल्ट सेंसिटिव (salt sensitive) है, जिन लोगों को दिल की बीमारी है यानी जिनका हार्ट का फंक्शन कम है, जिसको हम हार्ट फेलियर की बीमारी बोलते हैं या जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है. अगर हम अपनी डाइट में नमक को कम कर दें यानी कि दिनभर में 5 ग्राम (1 छोटा चम्मच) से कम कर दें, तो वो हमारे हार्ट-ब्लड प्रेशर के लिए अच्छा रहता है.
    डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

    हमारे एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट की बीमारी और बीपी के मरीजों के लिए नमक की सही मात्रा का ध्यान रखना सबसे जरूरी है.

    डॉ. रशीद अहमद फिट हिंदी से कहते हैं, "जिन लोगों को हार्ट, किडनी और डायबिटीज की समस्या है उन लोगों को 1500 मिलीग्राम से कम नमक खाना चाहिए. सेंधा नमक या पिंक साल्ट में पोटेशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है. ये हार्ट, किडनी, हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों के लिए सफेद नमक से बेहतर होते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इसकी अनलिमिटेड मात्रा ले सकते हैं".

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  8. 8. ज्यादा नमक खा लें तो क्या करें?

    अगर आपने अधिक नमक खा लिया है और आपको अहसास हो रहा है कि इससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, तो करें ये सभी उपाय:

    • खूब सारा पानी पिएं

    • पोटैशियम से भरपूर चीजें खाएं

    • फल और नट्स खाएं

    • अधिक से अधिक ताजा बना हुआ खाना खाएं

    लंबी दास्तान को संक्षेप में कहें तो, बहुत ज्यादा नमक कई बीमारियों की वजह बन सकता है और अपने रोजमर्रा की सोडियम खपत को सुरक्षित सीमा के भीतर रखने से आपकी सेहत को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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कब नमक शरीर के लिए खतरनाक हो जाता है? 

दुनिया भर में नमक खाने को लेकर 2009 में हुई एक स्टडी के मुताबिक अगर आप कैमरून, घाना, समोआ, स्पेन, ताइवान, तंजानिया, युगांडा या वेनेजुएला से नहीं हैं, तो आपके नमक का सेवन सुरक्षित बताए स्तर से बहुत ज्यादा है.
"नमक के फायदे और नुकसान दोनों हैं और इसे खाना जरुरी है. रोजाना तय मात्रा यानी कि 2,400 मिलीग्राम के अंदर रह कर नमक का सेवन करें. ज्यादा नमक खाने से दिल पर बुरा असर पड़ सकता है, बीपी हाई हो सकता है, पर इसका मतलब ये नहीं है कि नमक खाने से बीपी की बीमारी हो जाएगी."
डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के मुताबिक, लगभग 2.4 ग्राम या 2,400 मिलीग्राम सोडियम (sodium) रोजाना का सेवन एक व्यक्ति के लिए सही है. यह करीब एक टीस्पून या 5 ग्राम नमक (salt) के बराबर होता है. इससे ज्यादा नमक खाने के आदी लोगों को नमक जायका देने से आगे बढ़कर हार्ट अटैक (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) दे सकता है.

"ज्यादा नमक खाने से दिल, किडनी और ब्लड प्रेशर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर की आशंका बढ़ जाती है."
डॉ. रशीद अहमद, सीनियर कंसलटेंट- कार्डियोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर

ये सच है कि नमक के बिना खाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने की ऐसी आदत होती है कि खाने के साथ नमक ऊपर से भी डाल कर खाते हैं. भारत में एक व्यक्ति दिनभर में औसतन 11 ग्राम नमक खाता है. यह रोजाना 5 ग्राम नमक की तय मात्रा से दोगुना से भी ज्यादा है (WHO के अनुसार).

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ज्यादा नमक खाने के लक्षण क्या हैं?

यहां कुछ ऐसे लक्षण बताए जा रहे हैं, जो ज्यादा नमक खाने से भी जुड़े हो सकते हैं:

  • बीपी बढ़ना- ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या सामने आ सकती है. नमक अधिक खाने से ब्लड में सोडियम आ जाता है जिसे पतला करने के लिए हमारे बॉडी सेल्स से पानी निकलता है, जो सेल्स को नुकसान पहुंचाती है. खास कर दिमाग के सेल्स के लिए.

  • बार-बार पेशाब आना- बार-बार पेशाब आना ज्यादा नमक खाने का लक्षण हो सकता है. ऐसा होने पर रात में अक्सर पेशाब करने के लिए जागने की जरूरत महसूस हो सकती है.

  • लगातार प्यास लगना- बहुत अधिक नमक खाने से पानी पीने की इच्छा बहुत बढ़ जाती है. हर समय गाला सूखता रहता है और पानी पीने के बाद भी प्यास पूरी तरह से नहीं खत्म होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सोडियम वाले खाद्य पदार्थ कुछ समय के लिये शरीर के संतुलन को बिगाड़ देते हैं.

  • शरीर में सूजन- ज्यादा नमक का सेवन करने से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सूजन आ सकती है. यह एक कारण हो सकता है कि आप सुबह फूला हुआ महसूस करते हैं. सूजन उंगलियों पर और टखनों के आसपास महसूस की जा सकती है. यह सूजन शरीर में ज्यादा फ्लूइड्स के कारण होती है और इसे एडिमा के रूप में जाना जाता है.

  • बार-बार हल्का सिर दर्द होना- बार-बार हल्का सिरदर्द डिहाइड्रेशन से हो सकता है. नमक अधिक खाने से आपको थोड़े-थोड़े वक्त में सिरदर्द होने की आशंका हो सकती है.

  • खाने में हमेशा नमक कम लगना/खाने में स्वाद नहीं लगना- क्या आपको अपने भोजन में समय-समय पर अधिक नमक जोड़ने की आवश्यकता महसूस होती है? ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि आप बहुत ज्यादा नमक खाने लगे हों. समय के साथ, आपकी टेस्ट बड्स उस स्वाद के अनुकूल हो जाती हैं और इसलिए आपको खाने में अधिक नमक मिलाने की आवश्यकता होती हो.

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ज्यादा नमक से होने वाली समस्याएं

नमक की मात्रा बहुत ज्यादा किसे कहेंगे, यह एक से दूसरे व्यक्ति में अलग होती है और अक्सर अलग जातीय समूहों में अलग होती है. लेकिन WHO के अनुसार हार्ट डिजीज से बचने के लिए एक सामान्य सुरक्षित सीमा रोजाना करीब 2-2.4 ग्राम सोडियम है.

बहुत ज्यादा नमक खाने से होने वाली बीमारियां:

  • ब्लड वेसल सख्त हो जाती हैं

  • हाइपर टेंशन/हाई ब्लड प्रेशर

  • कार्डियोवस्कुलर डिजीज

  • स्ट्रोक

  • क्रॉनिक किडनी डिजीज

  • कैंसर

"अत्‍यधिक नमक के सेवन से गुर्दें के रोग होते हैं, ब्‍लड प्रेशर बढ़ता है, डिस्लेपीडिमिया होता है, कोरोनरी आर्टरी रोग, स्‍ट्रोक तथा इंफार्क्‍ट का खतरा भी बढ़ जाता है".
दीप्ति खटूजा, हैड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव

स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा

कई स्टडी बताती हैं कि लगातार रोज की तयशुदा मात्रा से ज्यादा मात्रा में नमक खाने से स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. इंसानी शरीर होमियोस्टेसिस (homeostasis) और संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है. जब आपके सोडियम के स्तर में भारी बढ़ोत्तरी होती है, तो आपके ब्लड में भी सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है. इससे आपका शरीर सोडियम के स्तर को बैलेंस करने के लिए आपके ब्लड में ज्यादा लिक्विड भेजता है. यही वजह है कि जब आप नमकीन फूड खाते हैं, तो आपको ज्यादा प्यास लगती है. यह बढ़ा हुआ लिक्विड हाई ब्लड प्रेशर लाता है. यह वह बिंदु है, जहां नमक की खपत में बढ़ोत्तरी और ब्लड प्रेशर में बढ़ोत्तरी के बीच संबंध सामने आता है.

अगर आप रोजाना ज्यादा सोडियम खाना जारी रखते हैं, तो लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपकी ब्लड वेसल की दीवारों को सख्त कर देगा.

किडनी की गंभीर बीमारी भी हो सकती है

ज्यादा मात्रा में सोडियम खाने से किडनी की गंभीर बीमारी भी हो सकती है और किडनी की पहले से मौजूद बीमारी बढ़ भी सकती है.

आपके फ्ल्यूड बैलेंस को बनाए रखने और पसीने और यूरीन के जरिये फालतू सोडियम को बाहर निकालने के लिए आपकी किडनी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है.

इससे किडनी की बीमारी हो सकती है, जिसका इलाज न करने पर किडनी फेल भी हो सकती है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक किडनी की बीमारी को रोकने के लिए औसत तयशुदा सोडियम सेवन स्तर 4 ग्राम से कम है, और किडनी के मरीजों की सेहत को ठीक रखने के लिए यह लगभग 3 ग्राम है.

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नमक (सोडियम) खाने में छुप कर बैठा रहता है

एक टीस्पून टेबल साल्ट का वजन छह ग्राम होता है, जिसमें करीब 2,300 मिलीग्राम या 2.3 ग्राम सोडियम होता है.

इसलिए, अगर आप औसतन एक दिन में एक चम्मच नमक खाते हैं, जो आपके पूरे दिन के लिए नमक का कोटा है, तो आप सोडियम के लिए रोजाना की सुरक्षित खपत सीमा के अंदर होंगे.

लेकिन जीवन इतना सरल नहीं है और सोडियम हमारे खाने में चुपके से घुसा होता है.

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard School of Public Health) की एक स्टडी ने 32 देशों के 10,000 से अधिक वयस्कों पर किए अध्ययन में सोडियम की खपत को मापा और 4,000 मिलीग्राम का औसत सोडियम खपत का आंकड़ा मिला. यह स्वीकृत स्तर 2400 मिलीग्राम रोज की खपत से ज्यादा है. हालांकि, यह संख्या केवल एक औसत है और स्टडी में कुछ देशों के लोगों में नमक का स्तर कम भी पाया गया.

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नमकीन स्वाद के बिना भी खाने में नमक होता है  

ब्रेड, सॉस, सेरिएल और किसी भी तरह के प्रोसेस्ड फूड, यहां तक कि जिनमें नमक का टेस्ट नहीं होता है, आमतौर पर उनमें भी सोडियम होता है. कुछ हद तक ऐसा इसलिए है क्योंकि सोडियम फूड्स की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है, और कुछ हद तक यह फूड में जायका बढ़ाता है. इसे सिर्फ साल्ट या बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर, मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या डाईसोडियम फॉस्फेट के नाम से पुकारा जा सकता है, लेकिन इन सभी में सोडियम होता है.

एक तरफ जहां आपके फूड में नमक की ज्यादा मात्रा इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाएगी, वहीं ज्यादा मात्रा में नमक खाने से आपकी खुद की शेल्फ लाइफ कम हो जाएगी.
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कौन सा नमक हेल्थ को नुकसान नहीं पहुंचाता है?

डॉ. संजीव गेरा फिट हिंदी से कहते हैं, "सफेद नमक, सेंधा नमक, पिंक नमक, काला नमक सभी के अपने फायदे हैं. हमें सभी नमक को मिला कर खाना चाहिए. जिन लोगों बीपी की समस्या नहीं है वो सफेद नमक खा सकते हैं क्योंकि उसमें आयोडीन होता है. आप सभी तरह के नमक खा सकते हैं. सभी नमक मिला कर थोड़ा-थोड़ा खाएं".

"सफेद नमक खाने का फायदा ये है कि इसमें आयोडीन होता है, जो हमारे अच्छे हेल्थ के लिए जरुरी है. आयोडीन की कमी से थायरॉइड की समस्या हो सकती है. दूसरी बात अगर आप पिंक साल्ट, काला नमक, सेंधा नमक खाते हैं, तो उसमें आयोडीन नहीं होता पर उसमें खूब सारे माइनरल्स होते हैं. तो दोनों चीजों को बैलेंस कर के खाना है. बस ध्यान रहे कि दिनभर में नमक की मात्रा आधे से एक चम्मच के आसपास रहनी चाहिए. खास कर जो बीपी या हार्ट फेलियर की दवा ले रहे हैं वो अपने नमक खाने की मात्रा पर ध्यान रखें."
डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
"नमक चाहे कोई भी, उसका सेवन सामान्‍य मात्रा में (निश्चित सीमा के अंदर) ही किया जाना चाहिए. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि कोशर नमक और समुद्री नमक का सेवन कितना भी किया जा सकता है. याद रखें, इन्‍हें बेशक अपने शरीर में सोडियम की दैनिक मात्रा के लिए इस्‍तेमाल करें लेकिन हमेशा आयोडीनयुक्‍त नमक का इस्‍तेमाल करें.
दीप्ति खटूजा, हैड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव
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बीपी और हार्ट की बीमारी में कितना और कौन सा नमक खाना चाहिए?

"हम हिंदुस्तानियों में एक चीज देखी गई है कि हमारा ब्लड प्रेशर साल्ट सेंसिटिव (salt sensitive) है, जिन लोगों को दिल की बीमारी है यानी जिनका हार्ट का फंक्शन कम है, जिसको हम हार्ट फेलियर की बीमारी बोलते हैं या जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है. अगर हम अपनी डाइट में नमक को कम कर दें यानी कि दिनभर में 5 ग्राम (1 छोटा चम्मच) से कम कर दें, तो वो हमारे हार्ट-ब्लड प्रेशर के लिए अच्छा रहता है.
डॉ. संजीव गेरा, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

हमारे एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट की बीमारी और बीपी के मरीजों के लिए नमक की सही मात्रा का ध्यान रखना सबसे जरूरी है.

डॉ. रशीद अहमद फिट हिंदी से कहते हैं, "जिन लोगों को हार्ट, किडनी और डायबिटीज की समस्या है उन लोगों को 1500 मिलीग्राम से कम नमक खाना चाहिए. सेंधा नमक या पिंक साल्ट में पोटेशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है. ये हार्ट, किडनी, हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों के लिए सफेद नमक से बेहतर होते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इसकी अनलिमिटेड मात्रा ले सकते हैं".

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ज्यादा नमक खा लें तो क्या करें?

अगर आपने अधिक नमक खा लिया है और आपको अहसास हो रहा है कि इससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, तो करें ये सभी उपाय:

  • खूब सारा पानी पिएं

  • पोटैशियम से भरपूर चीजें खाएं

  • फल और नट्स खाएं

  • अधिक से अधिक ताजा बना हुआ खाना खाएं

लंबी दास्तान को संक्षेप में कहें तो, बहुत ज्यादा नमक कई बीमारियों की वजह बन सकता है और अपने रोजमर्रा की सोडियम खपत को सुरक्षित सीमा के भीतर रखने से आपकी सेहत को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी.

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