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Sridevi's Death: बॉडी में सोडियम की कमी हो सकती है जानलेवा, एक्सपर्ट्स की चेतावनी

Low Salt Diet: डॉक्टर श्रीदेवी को स्ट्रिक्ट डाइट प्लान फॉलो न करने और न तो नमक से परहेज करने की सलाह देते थे क्योंकि उन्हें लो बीपी था, बोनी कपूर का दावा.

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Sridevi's Death: हाल ही में बोनी कपूर ने अपनी सालों की चुपी तोड़ते हुए एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि डॉक्टर श्रीदेवी से कहते रहते थे कि उन्हें स्ट्रिक्ट डाइट पर नहीं रहना चाहिए खास कर लो साल्ट डाइट क्योंकि वो लो ब्लड प्रेशर की समस्या की शिकार थीं.

आजकल फिटनेस और स्लिम फिगर की चिंता में कई लोग बिना एक्सपर्ट की सलाह कोई भी डाइट फॉलो करने लगते हैं. कुछ लोग तो लो साल्ट या बिना नमक का डाइट भी फॉलो करते हैं, जिससे शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है. बॉडी में सोडियम की कमी जानलेवा साबित हो सकती है.

आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से क्या मतलब है शरीर में सोडियम की कमी का? शरीर में सोडियम का लेवल कितना चाहिए? किन दवाओं से नमक की कमी का खतरा बढ़ जाता है? शरीर में नमक की मात्रा कम होने के लक्षण क्या हैं? शरीर में नमक की कमी को दूर करने के लिए क्या करें?

Sridevi's Death: बॉडी में सोडियम की कमी हो सकती है जानलेवा, एक्सपर्ट्स की चेतावनी

  1. 1. क्या मतलब है शरीर में सोडियम की कमी का?

    हमारे शरीर को जितने सोडियम की जरूरत होती है, उसका 90% हिस्सा टेबल सॉल्ट या आम नमक से पूरा होता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे सोडियम क्लोराइड भी कहते हैं.

    शरीर में दूसरे मिनरल्स की तरह ही सोडियम की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सोडियम की मौजूदगी से ही सेल्स और उनके आसपास पानी की मात्रा कंट्रोल होती है. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी सोडियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, नमक इसका प्राइमरी सोर्स है. अगर किसी कारण से ब्लड में सोडियम की मात्रा जरुरी लेवल से कम हो जाए, तो उस स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है.

    "हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति में शरीर में पानी जमा होने लगता है और सूजन आने लगती है. स्टडीज बताते हैं कि गर्मियों में हाइपोनेट्रेमिया के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो सोडियम की कमी जानलेवा भी हो सकती है.
    डॉ. वरुण मित्तल, हेड किडनी ट्रांसप्लांट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

    सोडियम की कमी एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जो ब्लड में असामान्य रूप से कम सोडियम कंसंट्रेशन के कारण होती है. सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, जो सेल्स के भीतर और बाहर पर्याप्त फ्लूइड बैलेंस के लिए जरूरी होता है. यह नर्व और मांसपेशियों दोनों के लिए भी जरूरी है.

    WHO व्यक्ति को हर दिन सामान्य रूप से पांच ग्राम नमक खाने की सिफारिश करता है, लेकिन इसकी बहुत कम मात्रा व्यक्ति को कोमा जैसी गंभीर स्थिति में पहुंचा सकती है.

    एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बहुत कम नमक खाना शरीर में माइनरल्स के संतुलन को बिगाड़ सकता है और व्यक्ति को सदमे में डाल सकता है. आईसीयू में भर्ती होने की स्थिति भी सामने आ सकती है.

    "हाइपोनेट्रिमिया शरीर में इलेक्ट्रोलाइट एब्नॉर्मलिटी को कहते हैं, जो कुल बॉडी सोडियम की मात्रा की तुलना में कुल बॉडी वॉटर की अधिकता की वजह से होता है. इसमें शरीर में सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन 135 mEq/L से कम रह जाता है.
    डॉ. अजय अग्रवाल, डायरेक्टर एंड एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
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  2. 2. शरीर में सोडियम का लेवल कितना होना चाहिए?

    एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सोडियम का लेवल 135 से 145 mEq/L होना चाहिए.

    • माइल्ड हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में 130 से 134 mEq/L तक सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन होने पर 'माइल्ड हाइपोनेट्रिमिया' कहलाता है.

    • मॉडरेट हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में 120 से 129 mEq/L तक सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन 'मॉडरेट हाइपोनेट्रिमिया' कहलाता है.

    • सीवियर हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में सोडियम कन्सन्ट्रेशन <120 mEq/L रह जाए तो उसे 'सीवियर यानी गंभीर हाइपोनेट्रिमिया' कहते हैं.

    "हाइपोनेट्रिमिया जितना गंभीर होता है, उसकी वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं का जोखिम भी उतना ही अधिक होता है. इन जटिलताओं में सेरीब्रल इडिमा और दौरे आना शामिल है और ऐसे में मरीज के लिए उतनी ही एग्रेसिव थेरेपी की आवश्यकता होती है."
    डॉ. अजय अग्रवाल, डायरेक्टर एंड एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

    कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शरीर में सोडियम की संतुलित मात्रा होना जरुरी है. इसका कम या ज्यादा होना कई तरह से परेशानी का कारण बन सकता है.

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  3. 3. कम नमक वाली डाइट क्या होती है?

    दीप्ति खटूजा फिट हिंदी से कहती हैं, "उम्र बढ़ने पर कम नमक वाली डाइट से बचना चाहिए नहीं तो शरीर में नमक की कमी हो जाती है. एक छोटा चम्मच सभी के लिये सही है और कम नमक वाले डाइट फायदेमंद है पर अगर किसी को कोई मेडिकल कंडीशन तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही डाइट प्लान करें".

    "बढ़ती उम्र के साथ लोगों का फूड इंटके कम हो जाता है उस समय हमें ये ध्यान रखना है कि लो सोडियम डाइट स्ट्रिक्टली फॉलो नहीं करें."
    दीप्ति खटूजा, चीफ–क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव
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  4. 4. कुछ दवाओं से हाइपरनेट्रेमिया का खतरा बढ़ जाता है

    • मेंटल प्रॉब्लम्स के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं

    • एंटी डिप्रेशन दवाओं

    • कैंसर की दवाओं और कीमोथेरेपी

    • डाइयूरेटिक दवाएं

    • मिर्गीरोधी दवाएं

    इन दवाओं का सेवन करते समय डॉक्टर की बताई बातों का ध्यान रखना और किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.

    इसके अलावा संतुलित मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है. बहुत कम पानी पीने से हाइपरनेट्रेमिया और बहुत ज्यादा पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया का खतरा बढ़ जाता है.

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  5. 5. शरीर में नमक की मात्रा कम होने के लक्षण क्या हैं?

    गंभीर हाइपोनेट्रेमिया (बहुत कम नमक का स्तर) के खतरनाक रिजल्ट हो सकते हैं और लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:

    • उल्टी और मतली

    • सिरदर्द

    • चिड़चिड़ापन

    • भ्रम और मानसिक स्थिति में बदलाव

    • थकान और सुस्ती

    • मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी

    • दौरे पड़ना

    • गंभीर परिस्थितियों में, कोमा

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  6. 6. शरीर में नमक की कमी को दूर करने के लिए क्या करें?

    "नमक की कमी को दूर करने के लिए, अंडरलाइंग कारण की पहचान कर इलाज किया जाना चाहिए."
    डॉ. मुकेश मेहरा, निदेशक - इंटरनल मेडिसिन, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज

    मरीज की स्थिति के हिसाब से नमक की कमी का इलाज किया जाता है. कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने की सलाह दी जाती है. कई लोगों को तरल पदार्थ का सेवन कम से कम करने को कहा जाता है. गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल में इंट्रावीनस तरीके से सोडियम की मात्रा संतुलित की जाती है. अगर किडनी ने काम करना बंद कर दिया हो तो डायलिसिस भी करना पड़ सकता है.

    "इलाज के साथ ही इससे बचाव पर भी ध्यान देना चाहिए. व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना, सही मात्रा में पानी पीना और लक्षणों पर नजर रखना बचाव के ऐसे ही कदम हैं. बढ़ती उम्र के साथ हाइपोनेट्रेमिया का खतरा भी बढ़ता है, इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है."
    डॉ. वरुण मित्तल, हेड किडनी ट्रांसप्लांट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

    कुछ लोग सोचते हैं कि नमक से शरीर में पानी जमा हो जाता है और वजन बढ़ जाता है, जिससे उनका पेट फूल जाता है. इसलिए वे मनमाने ढंग से नमक खाना बंद कर देते हैं और भी लो सोडियम कि समस्या के शिकार बन जाते हैं.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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क्या मतलब है शरीर में सोडियम की कमी का?

हमारे शरीर को जितने सोडियम की जरूरत होती है, उसका 90% हिस्सा टेबल सॉल्ट या आम नमक से पूरा होता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे सोडियम क्लोराइड भी कहते हैं.

शरीर में दूसरे मिनरल्स की तरह ही सोडियम की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सोडियम की मौजूदगी से ही सेल्स और उनके आसपास पानी की मात्रा कंट्रोल होती है. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी सोडियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, नमक इसका प्राइमरी सोर्स है. अगर किसी कारण से ब्लड में सोडियम की मात्रा जरुरी लेवल से कम हो जाए, तो उस स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है.

"हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति में शरीर में पानी जमा होने लगता है और सूजन आने लगती है. स्टडीज बताते हैं कि गर्मियों में हाइपोनेट्रेमिया के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो सोडियम की कमी जानलेवा भी हो सकती है.
डॉ. वरुण मित्तल, हेड किडनी ट्रांसप्लांट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

सोडियम की कमी एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जो ब्लड में असामान्य रूप से कम सोडियम कंसंट्रेशन के कारण होती है. सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, जो सेल्स के भीतर और बाहर पर्याप्त फ्लूइड बैलेंस के लिए जरूरी होता है. यह नर्व और मांसपेशियों दोनों के लिए भी जरूरी है.

WHO व्यक्ति को हर दिन सामान्य रूप से पांच ग्राम नमक खाने की सिफारिश करता है, लेकिन इसकी बहुत कम मात्रा व्यक्ति को कोमा जैसी गंभीर स्थिति में पहुंचा सकती है.

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बहुत कम नमक खाना शरीर में माइनरल्स के संतुलन को बिगाड़ सकता है और व्यक्ति को सदमे में डाल सकता है. आईसीयू में भर्ती होने की स्थिति भी सामने आ सकती है.

"हाइपोनेट्रिमिया शरीर में इलेक्ट्रोलाइट एब्नॉर्मलिटी को कहते हैं, जो कुल बॉडी सोडियम की मात्रा की तुलना में कुल बॉडी वॉटर की अधिकता की वजह से होता है. इसमें शरीर में सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन 135 mEq/L से कम रह जाता है.
डॉ. अजय अग्रवाल, डायरेक्टर एंड एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
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शरीर में सोडियम का लेवल कितना होना चाहिए?

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सोडियम का लेवल 135 से 145 mEq/L होना चाहिए.

  • माइल्ड हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में 130 से 134 mEq/L तक सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन होने पर 'माइल्ड हाइपोनेट्रिमिया' कहलाता है.

  • मॉडरेट हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में 120 से 129 mEq/L तक सीरम सोडियम कन्सन्ट्रेशन 'मॉडरेट हाइपोनेट्रिमिया' कहलाता है.

  • सीवियर हाइपोनेट्रिमिया: शरीर में सोडियम कन्सन्ट्रेशन <120 mEq/L रह जाए तो उसे 'सीवियर यानी गंभीर हाइपोनेट्रिमिया' कहते हैं.

"हाइपोनेट्रिमिया जितना गंभीर होता है, उसकी वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं का जोखिम भी उतना ही अधिक होता है. इन जटिलताओं में सेरीब्रल इडिमा और दौरे आना शामिल है और ऐसे में मरीज के लिए उतनी ही एग्रेसिव थेरेपी की आवश्यकता होती है."
डॉ. अजय अग्रवाल, डायरेक्टर एंड एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शरीर में सोडियम की संतुलित मात्रा होना जरुरी है. इसका कम या ज्यादा होना कई तरह से परेशानी का कारण बन सकता है.

कम नमक वाली डाइट क्या होती है?

दीप्ति खटूजा फिट हिंदी से कहती हैं, "उम्र बढ़ने पर कम नमक वाली डाइट से बचना चाहिए नहीं तो शरीर में नमक की कमी हो जाती है. एक छोटा चम्मच सभी के लिये सही है और कम नमक वाले डाइट फायदेमंद है पर अगर किसी को कोई मेडिकल कंडीशन तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही डाइट प्लान करें".

"बढ़ती उम्र के साथ लोगों का फूड इंटके कम हो जाता है उस समय हमें ये ध्यान रखना है कि लो सोडियम डाइट स्ट्रिक्टली फॉलो नहीं करें."
दीप्ति खटूजा, चीफ–क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव
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कुछ दवाओं से हाइपरनेट्रेमिया का खतरा बढ़ जाता है

  • मेंटल प्रॉब्लम्स के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं

  • एंटी डिप्रेशन दवाओं

  • कैंसर की दवाओं और कीमोथेरेपी

  • डाइयूरेटिक दवाएं

  • मिर्गीरोधी दवाएं

इन दवाओं का सेवन करते समय डॉक्टर की बताई बातों का ध्यान रखना और किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.

इसके अलावा संतुलित मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है. बहुत कम पानी पीने से हाइपरनेट्रेमिया और बहुत ज्यादा पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया का खतरा बढ़ जाता है.

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गंभीर हाइपोनेट्रेमिया (बहुत कम नमक का स्तर) के खतरनाक रिजल्ट हो सकते हैं और लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:

  • उल्टी और मतली

  • सिरदर्द

  • चिड़चिड़ापन

  • भ्रम और मानसिक स्थिति में बदलाव

  • थकान और सुस्ती

  • मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी

  • दौरे पड़ना

  • गंभीर परिस्थितियों में, कोमा

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"नमक की कमी को दूर करने के लिए, अंडरलाइंग कारण की पहचान कर इलाज किया जाना चाहिए."
डॉ. मुकेश मेहरा, निदेशक - इंटरनल मेडिसिन, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज

मरीज की स्थिति के हिसाब से नमक की कमी का इलाज किया जाता है. कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने की सलाह दी जाती है. कई लोगों को तरल पदार्थ का सेवन कम से कम करने को कहा जाता है. गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल में इंट्रावीनस तरीके से सोडियम की मात्रा संतुलित की जाती है. अगर किडनी ने काम करना बंद कर दिया हो तो डायलिसिस भी करना पड़ सकता है.

"इलाज के साथ ही इससे बचाव पर भी ध्यान देना चाहिए. व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना, सही मात्रा में पानी पीना और लक्षणों पर नजर रखना बचाव के ऐसे ही कदम हैं. बढ़ती उम्र के साथ हाइपोनेट्रेमिया का खतरा भी बढ़ता है, इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है."
डॉ. वरुण मित्तल, हेड किडनी ट्रांसप्लांट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

कुछ लोग सोचते हैं कि नमक से शरीर में पानी जमा हो जाता है और वजन बढ़ जाता है, जिससे उनका पेट फूल जाता है. इसलिए वे मनमाने ढंग से नमक खाना बंद कर देते हैं और भी लो सोडियम कि समस्या के शिकार बन जाते हैं.

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