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कौन थे सुरेंद्र,जिनकी हत्या की खबर सुनते ही अमेठी गईं स्मृति ईरानी

मृतक सुरेंद्र सिंह अमेठी के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान रह चुके हैं

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर अमेठी लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई स्‍मृति ईरानी के एक करीबी की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है. मृतक सुरेंद्र सिंह अमेठी के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान रह चुके हैं. सिंह को अज्ञात बदमाशों ने शनिवार रात गोली मार दी. लखनऊ में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज और मोहम्मद इरशाद

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बेटे ने सुनाई हत्या की कहानी

सुरेंद्र के बेटे अभय ने मीडिया से बात करते हुए घटना की पूरी जानकारी दी. उसने बताया कि सुरेंद्र के परिवार को दो-तीन शादियों के निमंत्रण आये थे, और वो एक बरात से लौटकर घर आकर सोये ही थे कि उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई दी.

“बरात से लौटने के बाद सब लोग अपने-अपने बिस्तर पर लेट गए थे. पिताजी के पास मामा का लड़का सोया था. 11 बजे करीब अचानक गोली चलने की आवाज आई. घर के सामने एक पंक्चर की दुकान थी तो मामा के लड़के को लगा कि शायद टायर फटा होगा. लेकिन फिर उसने देखा कि पिताजी नीचे गिरे हुए थे”
अभय सिंह

बाइक सवार बदमाशों ने घर के बाहर सो रहे सुरेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी.

अभय ने बताया कि जब उसने सुरेंद्र को देखा तब उनका बहुत खून बह रहा था और गोली का निशान साफ दिख रहा था.

“मैं पिताजी को गाड़ी में लेकर रायबरेली जिला अस्पताल लाया. वहां उनका फर्स्ट-ऐड हुआ और फिर उन्हें लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया. यहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया”
अभय सिंह

हत्या का शक किस पर?

सुरेंद्र सिंह ने स्मृति ईरानी के लिए जोर-शोर से प्रचार किया था. अभय का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सुरेंद्र सिर्फ खाना खाने घर आते थे, बाकी समय वो प्रचार में लगे रहते थे.

“राहुल गांधी के हारने के बाद जब स्मृति ईरानी सांसद बनीं तो हर तरफ जश्न मनाया गया. हमने भी जश्न मनाने के लिए विजय यात्रा निकली थी. हमको लगता है कुछ कांग्रेस समर्थकों को ये जश्न रास नहीं आया. उनके अंदर खुन्नस भर गई. और फिर ये वारदात हो गई. कुछ लोगों पर हमें शक है” 
अभय सिंह
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कांग्रेसी कार्यकर्ता से हुई थी झड़प?

अभय ने बताया कि उसके पिता बहुत मिलनसार व्यक्ति थे. अभय ने कहा, "जहां ये घटना हुई है, वहां एक चाय की दुकान है. सभी पार्टियों के कार्यकर्ता वहां चाय पीने आते थे तो नोकझोंक हो जाती थी लेकिन ऐसी कोई लड़ाई किसी से नहीं थी.

अभय ने कहा, “कोई गाली भी दे देता था तो पिताजी अनसुना कर देते थे. इसी का परिणाम है कि वो तीन बार प्रधान बने थे. आज तक उन्होंने किसी पर हाथ नहीं उठाया था.” 
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पुलिस को यकीन - 12 घंटे में कर देंगे केस सॉल्व

सांसद के करीबी की हत्या से माहौल तनावपूर्ण हो चला है. बरौली गांव में पीएसी की 3 कंपनियां तैनात की गई हैं. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने भरोसा जताया है कि पुलिस ये केस अगले 12 घंटे में हल कर लेगी. सिंह ने कहा, "जांच जारी है और हमें कुछ अहम सुराग मिले हैं. 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

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