बुल्ली बाई (Bulli Bai App) मामले में गिरफ्तार हुए 21 साल के नीरज बिश्नोई (Niraj Bishnoi) के पिता दशरथ बिश्नोई ने कहा कि, “मेरा बेटा दिन-रात अपने लैपटॉप पर बिताता था. मुझे नहीं पता था कि क्या चल रहा था ... मुझे पता है कि उसने वह नहीं किया जो लोग उस पर आरोप लगा रहे हैं".
नीरज को दिल्ली पुलिस ने बुधवार, 5 जनवरी की रात असम के जोरहाट से गिरफ्तार किया था.
डीसीपी (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट) केपीएस मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि नीरज ही मुख्य साजिशकर्ता है और गिटहब पर बुल्ली बाई एप का निर्माता है. नीरज ने बताया कि उसने ही ट्विटर हैंडल @bullibai_ और अन्य हैंडल बनाए हैं.
नीरज ने कथित तौर पर गिटहब पर बुल्ली बाई एप बनाया जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया.
दिल्ली की एक पत्रकार ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसे दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में बदल दिया था. ये वही पत्रकार हैं जिनकी तस्वीर का एप पर गलत इस्तेमाल किया गया. नीरज के पिता ने द क्विंट को बताया
उसे असम सरकार की तरफ से एक लैपटॉप मिला था, जब उसने दसवीं कक्षा में 86% अंक प्राप्त किए थे और तब से वह हमेशा अपने लैपटॉप पर रहता है. वह इसका इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करता है. आप जोरहाट में हमारे किसी भी पड़ोसी से पूछ सकते हैं. मेरे बेटे का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है."
21 वर्षीय नीरज अपने माता-पिता और दो बड़ी बहनों के साथ असम के जोरहाट में रहता है. उसके पिता दशरथ ने बताया कि बुधवार रात 11 बजे पुलिस उनके घर पहुंची.
उन्होंने बताया, "मैं हैरान था. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या नीरज यहां रहता है. मैंने उन्हें अंदर जाने दिया और फिर वे नीरज को ले गए. जाते समय मेरे बेटे ने एक शब्द भी नहीं कहा.
नीरज के पिता 80 के दशक के राजस्थान से असम आ गए थे.
उन्होंने कहा, "मैंने अपनी पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत की है ताकि मैं अपने बच्चों को शिक्षित कर सकूं. जब पुलिस नीरज को ले जा रही थी तो मैंने उसे गालियां दीं और कहा कि उसने परिवार का नाम खराब कर दिया है. मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है, लेकिन मुझे पता है कि उसने कुछ भी नहीं किया जिस पर उस पर आरोप लगाया जा रहा है."
नीरज भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) में बी.टेक (कंप्यूटर साइंस) के द्वितीय वर्ष का छात्र है.
गुरुवार को वीआईटी के कुलपति ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि नीरज को "विश्वविद्यालय को बदनाम करने और संस्थान के नाम को बदनाम करने के मद्देनजर अगली सूचना तक विश्वविद्यालय से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है".
नीरज के पिता ने कहा कि पिछले तीन दिनों से नीरज परेशान लग रहा था. उन्होंने कहा, “मंगलवार की रात उसे नींद नहीं आई और बुधवार को वह रात 10 बजे तक बिस्तर पर था. जब पुलिस घर आई मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. आज पूरे दिन घर में किसी ने कुछ नहीं खाया है. हमें नहीं पता कि हमें क्या करना है."
दशरथ ने दावा किया कि उन्होंने कभी अपने बेटे को "इस्लामोफोबिक या सेक्सिस्ट टिप्पणी" करते नहीं सुना.
उन्होंने ने द क्विंट को बताया कि उनका बेटा एक न्यूज चैनल देखता था, और शायद इसका उस पर कुछ असर हुआ हो... उसने एक साल पहले उस चैनल को देखना बंद कर दिया था."
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