उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले में तीन साल की एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है. बांदीपोरा में शुक्रवार के बाद से ही प्रदर्शन जारी है. इसी बीच लोगों ने श्रीनगर-बारामूला नेशनल हाइवे जाम कर दिया. मामला हाथ से निकलता देख प्रदर्शनकारियों को काबू में करने और भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
त्रेगाम गांव के लोगों ने बताया कि जब तक आरोपी ताहिर अहमद मीर(20) को फांसी नहीं होती तब तक हम चुप नहीं बैठने वाले. श्रीनगर-बारामूला हाइवे को जाम करने के बाद गुस्से से भरे लोगों ने श्रीनगर के प्रेस एंक्लेव पहुंचकर अपनी नाराजगी जाहिर की.
‘‘जब तक किसी को फांसी नहीं हो जाती है तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं. हर साल सैकड़ों रेप और हत्या के केस होते हैं लेकिन हमारी जांच एजेंसियां जांच करने के लिए गंभीर नहीं हैं. 13 अप्रैल को बांदीपुरा के गुज्जर पथरी में एक लड़की ने फांसी लगा ली थी क्योंकि उसका पिता उसके साथ तीन साल से बलात्कार कर रहा था. फिर एक महीने से कम समय में ही बांदीपुरा में एक 3 साल की लड़की का रेप उसके पड़ोसी ने किया है.’’मुश्ताक अहमद, प्रदर्शनकारी
पीड़ित बच्ची ने बताई आपबीती
पीड़ित बच्ची ने अपने माता-पिता को बताया कि इफ्तार से पहले आरोपी ने बच्ची को कुछ टॉफियां दी और बहला फुसलाकर उसे एकांत में ले गया, जहां उसने इस घिनौने काम को अंजाम दिया. गांव वालों ने इसके बाद खुद आरोपी को पुलिस के हवाले किया था.
जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता और जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला राशिद पीड़ित लड़की के परिवार से मिलने गईं. शेहला ने बताया, डॉक्टरों ने पीड़ित बच्ची को सुंबल के जिला अस्पताल से रेफर कर दिया है और उसे शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ आरपीसी और पोक्सो के तहत केस दर्ज कर लिया है. वहीं कश्मीर में इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर हर ओर इसी के चर्चे हैं और सभी आरोपी के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहे हैं.
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