भारत में कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा (NK Arora) ने सोमवार, 3 जनवरी को कहा कि देश के बड़े हिस्से से अब ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत अब कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रहा है.
डॉ एनके अरोड़ा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में कोरोना वायरस के नए मामलों में अब 75 प्रतिशत हिस्सा तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट का है.
आपको बता दें कि डॉ. अरोड़ा शुरुआत से ही वैक्सीन के रोल आउट के साथ करीब से जुड़े हुए हैं.
बड़े शहरों में नए मामलों में 75% ओमिक्रॉन के केस
डॉ अरोड़ा ने कहा कि देश के प्रमुख शहरों, मुंबई, कोलकाता और विशेष रूप से दिल्ली में अब जो नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं उसमें ओमिक्रॉन के कुल मामले 75 प्रतिशत से अधिक है.
"देखिए जो भी वेरिएंट जीनोम सीक्वेंसिंग किए गए हैं ... हमें दिसंबर के पहले सप्ताह में नए वेरिएंट का अपना पहला केस मिला. इसलिए, पिछले सप्ताह, राष्ट्रीय स्तर पर, पहचाने गए वेरिएंट में से 12 प्रतिशत ओमिक्रॉन के केस थे. पिछले सप्ताह, ये बढ़कर 28 प्रतिशत हो गया है. देश में सभी कोविड संक्रमणों के अनुपात में ओमिक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है. अब देश के प्रमुख शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और विशेष रूप से दिल्ली में ओमिक्रॉन के कुल मामले 75 प्रतिशत से अधिक है."डॉ एनके अरोड़ा, कोविड टास्क फोर्स चीफ
भारत तीसरी लहर की चपेट में- डॉ. अरोड़ा
डॉ अरोड़ा ने कहा, भारत में अब तक 1,700 ओमिक्रॉन मामले सामने आए हैं, जिसमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 510 हैं. देश में नए कोविड-19 मामलों में भी 22 प्रतिशत की छलांग देखी गई. डॉ अरोड़ा ने कहा कि ये महामारी की तीसरी लहर है.
"भारत स्पष्ट रूप से कोविड-19 की तीसरी लहर में है और पूरी लहर एक नए वेरिएंट (ओमिक्रॉन) की चपेट में आ चुका है. पिछले 4-5 दिनों में कोरोना के मामलों में जो बढ़ोतरी देखी गई है वो इस बात का सबूत है."डॉ एनके अरोड़ा, कोविड टास्क फोर्स चीफ
बच्चों को दिए जा रहे टीके पूरी तरह सुरक्षित
डॉ अरोड़ा ने उन चिंताओं को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि 15-18 आयु वर्ग को दिए जा रहे टीके असुरक्षित हो सकते हैं क्योंकि खुराक की शेल्फ-लाइफ बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा,
"यह बिल्कुल सुरक्षित है. देखिए, शुरू में जब टीकों का उत्पादन किया जा रहा था, तो कुल मिलाकर शेल्फ-लाइफ के मुद्दे उस अवधि के लिए उपलब्ध थे जब अध्ययन किया जा रहा था. अब, अनुभव और समय के साथ, जब से टीका उत्पादित किया जा रहा है, विभिन्न जानवरों के अध्ययन के जरिए शेल्फ-लाइफ का मूल्यांकन किया गया है. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि टीका प्रभावी है और एंटीबॉडी 12 महीने तक बनी रहती है."
आपको बता दें कि फार्मा कंपनी भारत बायोटेक को 20 दिसंबर को भारत के ड्रग रेगुलेटर द्वारा कोवैक्सिन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने की अनुमति दी गई थी.
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