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नोएडा में ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड न करने पर हो सकती है जेल

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आरोग्य सेतु ऐप का न होना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है

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देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन दो हफ्ते और बढ़ा दिया है. साथ ही सरकार ने लोगों से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप 'आरोग्य सेतु' डाउनलोड करने की सलाह दी है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये ऐप अनिवार्य किया गया है. इस ऐप को अनिवार्य बनाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर है. अब नोएडा प्रशासन ने ऐप को डाउनलोड करना जरूरी बना दिया है. ऐसा न करने वालों पर जुर्माना लग सकता है.

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आरोग्य सेतु ऐप का न होना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है. फोन में इस ऐप को डाउनलोड न करने से जुर्माना या जेल हो सकती है. ये आदेश उन लोगों पर भी लागू होगा जो शहर में एंट्री करते हैं.

ऐप न रखने की क्या सजा?

DCP लॉ एंड ऑर्डर अखिलेश कुमार ने बताया है कि जिनके पास स्मार्टफोन हैं और ये ऐप नहीं है, उन पर IPC की धारा 188 के तहत केस दर्ज हो सकता है. कुमार ने कहा, "इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि उस शख्स पर केस चलेगा, जुर्माना लगेगा या चेतावनी देकर छोड़ना है."

IPC की धारा 188 किसी पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवेहलना से जुड़ी है. इसके मुताबिक शख्स को 1000 रुपये तक का जुर्माना और छह महीने जेल हो सकती है.  

अखिलेश कुमार ने कहा कि अगर लोग ऐप को तुरंत डाउनलोड करते हैं तो उन्हें जाने दिया जाएगा. लेकिन अगर बार-बार चेतावनी के बाद भी वो ऐप डाउनलोड नहीं करते तो हमें एक्शन लेना होगा.

अगर किसी के पास मोबाइल इंटरनेट नहीं है तो पुलिस उसे हॉटस्पॉट देगी, जिससे वो तुरंत डाउनलोड कर सके. अगर फोन में स्टोरेज की कमी की दिक्कत है तो उस शख्स का नंबर लिया जाएगा और उसे फोन करके पूछा जाएगा कि उसने ऐप डाउनलोड किया या नहीं. पुलिस बॉर्डर, मार्केट एरिया और पेट्रोलिंग के दौरान चेकिंग करेगी. 
अखिलेश कुमार, DCP लॉ एंड ऑर्डर

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी अनिवार्य

केंद्र ने इस ऐप को अपने सभी कर्मचारियों के लिए जरूरी बना दिया है. सरकार ने आदेश में कहा है कि सभी कर्मचारियों के लिए मोबाइल फोन में 'आरोग्य सेतु' ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है.

केंद्र सरकार के दफ्तरों में काम करने वाले सभी लोगों को दफ्तर जाने से पहले ऐप में अपने स्टेटस की समीक्षा करनी होगी. कर्मचारी काम पर तभी आ सकते हैं, जब स्टेटस ‘सेफ’ या ‘लो रिस्क’ हो.

'आरोग्य सेतु' ऐप के इस्तेमाल पर इस आदेश में कहा गया है, "जिन कर्मचारियों का स्टेटस 'हाई रिस्क' या 'मॉडरेट' आता है, उन्हें खुद को 14 दिन के लिए आइसोलेट करना चाहिए, जब तक स्टेटस 'सेफ' नहीं हो जाता."

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