ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन हैं ये चार जज जिन्होंने उठाया ऐतिहासिक कदम और मचा दी खलबली

ये चारों हैं चीफ जस्टिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के लिहाज से भी मुख्य न्यायाधीश के ठीक बाद के चार जज. ये चार नाम आज इंसाफ के मंदिर से सियासत के गलियारों तक गूंज रहे हैं. ये चार नाम ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अपनी खास जगह बना चुके हैं. चारों ने न्याय व्यवस्था में अनियमितता और दिक्कतों को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्र को एक चिट्ठी भी लिखी है. आइए आपको मिलवाते हैं इन जजों से:

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जस्टिस जे. चेलमेश्वर

23 जून 1953 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में जन्मे चेलमेश्वर की शुरुआती तालीम कृष्णा शहर में ही हुई. उन्होंने मद्रास लोयोला कॉलेज से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया. जिसके बाद 1976 में वो विशाखापट्नम की आंध्र यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा हासिल की.

1995 में वो सीनियर काउंसल बने और 13 अक्तूबर 1995 को एडिश्नल एडवोकेट जनरल के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई.

23 जून 1997 को वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एडिश्नल जज बने और 17 मई 1999 को जज. मार्च 2010 में जस्टिस चेलमेश्वर ने केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला. अक्तूबर 2011 में जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के जज बने. जस्टिस चेलमेश्वर इसी साल 22 जून को रिटायर होंगे.

जस्टिस रंजन गोगोई

माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्र के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस के पद पर बैठेंगे. रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ. 1978 में उन्होंने वकालत शुरू की. वो लंबे वक्त तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे. 12 फरवरी 2011 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया. अप्रैल 2012 में जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

जस्टिस मदन लोकुर

1953 में जन्मे मदन लोकुर की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल में हुई. उन्होंने 1977 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ से कानून की डिग्री ली. शुरुआत में वो दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे. जस्टिस मदन लोकुर को सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक और रेवेन्यू से जुड़े कानूनों में लंबा अनुभव है. जुलाई 1998 में मदन लोकुर एडिश्नल सॉलिसिटर के तौर पर नियुक्त हुए. जून 2010 में वो गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 2012 में उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हुई.

न्यायिक सुधारों, कोर्ट के कंप्यूटराइजेशन, जुवेनाइल जस्टिस और न्यायिक शिक्षा में जस्टिस मदन लोकुर की दिलचस्पी रहती है. वो सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी के जज-इंचार्ज भी हैं.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की ऐतिहासिक PC, कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए

जस्टिस कुरियन जोसेफ

कुरियन जोसेफ का जन्म 30 नवंबर 1953 को हुआ. शुरुआती शिक्षा केरल के कलाड़ी में हुई. कानून की पढ़ाई, तिरुवनंतपुरम के  केरल लॉ एकेडमी कॉलेज से की. 1979 में कुरियन जोसेफ ने केरल हाई कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस शुरू की. साल 2000 में वो केरल हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त हुए. केरल में तमाम पदों पर रहने के बाद वो 2010 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 8 मार्च 2013 को उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हुई. जस्टिस कुरियन 29 नवंबर 2018 को रिटायर होंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×