पिछले दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों से मूर्तियां तोड़े जाने की खबरें आईं. इस दौरान संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को भी निशाना बनाया गया. कुछ ऐसा ही यूपी के बदायूं में भी हुआ. यहां दुगरैया गांव में कुछ असामाजिक तत्वों ने अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी. आनन-फानन में पुलिस ने हालात बिगड़ने से पहले ही मोर्चा संभाला. दलित समुदाय को नई मूर्ति लगवाने का आश्वासन दिया गया और फिर मूर्ति लगवाई भी गई. लेकिन अब मूर्ति के रंग रूप को लेकर विवाद छिड़ गया है.
दरअसल, प्रशासन ने जो मूर्ति लगवाई है, उसे भगवा रंग से रंगा गया है. इतना ही नहीं पहनावा भी अंबेडकर की आम मूर्तियों से अलग है. आमतौर पर अंबेडकर कोट-पैंट पहने नजर आते हैं. लेकिन इस मूर्ति में अंबेडकर को भगवा रंग की शेरवानी पहनाई गई है.
हालांकि बवाल मचने के बाद अंबेडकर जी की मूर्ति को तुरंत नीले रंग में रंग दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
बदायूं के थाना कुवरगांव के अंतर्गत आने वाले दुगरैया गांव में शनिवार सुबह अंबेडकर की मूर्ति को कुछ असामाजिक तत्वों ने नुकसान पहुंचा दिया. दलित संगठनों को जानकारी हुई तो उन्होंने नाराजगी जताई. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने तोड़ी गई मूर्ति के स्थान पर नई मूर्ति लगवा दी. लेकिन यह मूर्ति अंबेडकर की आम मूर्तियों से अलग थी. इस मूर्ति में अंबेडकर भगवा रंग की शेरवानी पहने हुए हैं.
स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी
मूर्ति का रंग बदलने पर दलित संगठनों में नाराजगी है. कई स्थानीय लोग इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति पर भगवा रंग चढ़ाए जाने की घटना के लिए बीजेपी पर आरोप मढ़ाना बेबुनियाद है.
त्रिपुरा से शुरू हुआ था मूर्ति तोड़ने का दौर
मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने का दौरा त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद शुरू हुआ. सबसे पहले साउथ त्रिपुरा के बेलोनिया टाउन में कॉलेज स्क्वायर पर लगी रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर से ढहा दिया गया.
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने भड़ास निकाली. सोशल मीडिया के जरिए ये खबर पूरे देश में फैल गई और फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग विचारधारा के नेताओं की मूर्तियों को निशाना बनाया गया.
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