खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने आतंकवादियों के साथ सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार किए गए जम्मू-कश्मीर के पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह के कई साल पहले लिखे गए एक लेटर के बारे में पता लगाया है. दविंदर की ओर से 2005 में लिखे गए इस लेटर में दिल्ली पुलिस की तरफ से कश्मीर से दिल्ली की ओर से जा रहे दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर पकड़े गए चार आतंकवादियों में से एक के लिए 'सुरक्षित मार्ग' के लिए कहा गया था.
सिंह को हाल ही में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह भी पता चला है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने अपने वकील को लिखे लेटर में सिंह के नाम का जिक्र किया था.
लेटर की होगी जांच
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अब सिंह के 2005 के इस लेटर की भी जांच करेगी. आईबी के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 1 जुलाई, 2005 को गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 50,000 रुपये की नकली करेंसी के अलावा हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ था.
चार आतंकवादियों में से दो की पहचान साकिब रहमान उर्फ मसूद और हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद के रूप में हुई थी. एक सूत्र ने कहा, "जांच के दौरान पुलिस ने पालम एयर बेस का एक स्केच और साथ ही डार से सिंह का लिखा गया एक लेटर भी जब्त किया." सूत्र ने कहा, "लेटर पर सिंह के हस्ताक्षर थे. जो उस समय जम्मू एवं कश्मीर में सीआईडी के डिप्टी एसपी थे, उन्होंने कहा कि पुलवामा के निवासी डार को पिस्तौल (पंजीकरण संख्या के.14363) और एक वायरलेस सेट ऑपरेशन ड्यूटी के लिए ले जाने की अनुमति है."
डार के घर से मिला था गोला-बारूद
सूत्र ने कहा कि इस लेटर में सभी सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी सत्यापन के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने को कहा गया था. खास बात ये है कि यह लेटर सिंह के लेटर पैड पर लिखा गया था. सूत्र ने आगे कहा कि डार की गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद दिल्ली पुलिस श्रीनगर गई और उसके घर पर छापा मारा जहां से उन्होंने 10 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल) ग्रेनेड और एक वायरलेस सेट बरामद किया. इसके अलावा पुलिस टीम ने साहिब रहमान की श्रीनगर स्थित दो मंजिला इमारत से एक एके-47, 2 मैगजीन, 130 जिंदा कारतूस, दो हथगोले और तीन यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद किए थे.
सूत्र ने कहा कि अदालत में अपनी चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि डार और रहमान ने खुलासा किया था कि वे पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के निर्देशों के अनुसार काम कर रहे थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगियों और उनके पास रखे हथियारों और गोला-बारूद के बारे में भी जानकारी दी थी.
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