ADVERTISEMENTREMOVE AD

मिशन के लिए पहली क्वालिफाइड महिला फाइटर पायलट बनीं भावना कंठ

भावना कंठ ने अकेले मिग 21 बिसन उड़ाकर इतिहास रचा था

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ पहली भारतीय महिला फाइटर पायलट बनीं हैं, जो दिन के समय में किसी भी मिशन पर जाने के लिए अब योग्य हैं. भावना ने बुधवार, 22 मई को मिग 21 बाइसन एयरक्राफ्ट पर अपनी ट्रेनिंग पूरी की.

मार्च के महीने में भावना ने फाइटर स्क्वाड्रन 17 जॉइन कर पहली बार मिग-21 बाइसन फाइटर जेट को अकेले उड़ाया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • 01/03
    (फोटो: ANI)
  • 02/03
    (फोटो: ANI)
  • 03/03
    (फोटो: ANI)

जानिए कौन है भावना कंठ?

वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ ने अकेले मिग 21 बाइसन उड़ाकर इतिहास रचा था. भावना, अवनी चतुर्वेदी के बाद ऐसा करने वाली दूसरी महिला पायलट बनीं. 1 दिसंबर 1992 को बिहार के बरौनी में जन्मीं भावना कंठ ने 10वीं तक की पढ़ाई बेगूसराय जिले के बरौनी रिफाइनरी के डीएवी स्कूल से पूरी की.

भावना कंठ ने अकेले मिग 21 बिसन उड़ाकर इतिहास रचा था

10वीं करने के बाद भावना ने कोटा के विद्या मंदिर स्कूल में एडमिशन लिया. साथ ही भावना ने कोटा में रहते हुए इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम के लिए कोचिंग करी थी.

इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं के दौरान भावना की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में जाने की इच्छा हुई थी. बाद में भावना ने बेंगलुरु में बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स स्ट्रीम में इंजीनियरिंग करने का फैसला किया. इसके बाद भारतीय वायु सेना की परीक्षा दी और कामयाबी हासिल कर जल्द ही भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक बन गईं.

अवनि चतुर्वेदी हैं पहली महिला लड़ाकू पायलट

अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलट है. अवनी मध्य प्रदेश के रीवा जिले से हैं. उनको अपनी दो साथी- मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था. इन तीनों को जून 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×