ADVERTISEMENTREMOVE AD

"बार-बार याचिका न डाले, बहुत परेशान करता है"- बिलकिस की जल्द सुनवाई याचिका पर SC

Bilkis Bano ने गैंग रेप और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों की रिहाई के खिलाफ SC का रुख किया है

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बिलकिस बानो (Bilkis Bano) की ओर से पेश वकील से कहा कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का बार-बार उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए, यह बहुत परेशान करने वाला है. बिलकिस बानो ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिलकिस बानो का प्रतिनिधित्व कर रही अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अदालत के समक्ष रिट याचिका पेश की थी और वह सूचीबद्ध थी, लेकिन इसे नहीं लिया गया.

बेंच ने अधिवक्ता शोभा गुप्ता से कहा कि रिट याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा और जोड़ा जाएगा, एक ही बात का बार-बार उल्लेख न करें. यह बहुत परेशान करने वाला है. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा और वकील से इसका बार-बार उल्लेख करने से बचने को कहा.

मंगलवार को जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली बेंच में शामिल जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने बिलकिस की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. अब मामले को किसी अन्य बेंच के समक्ष रखा जाएगा.

याचिका में बानो ने कहा कि दोषियों की रिहाई उनके लिए सदमे की तरह है. अधिवक्ता शोभा गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, सभी दोषियों की समय से पहले रिहाई न केवल याचिकाकर्ता, उसकी बेटियों, उसके परिवार बल्कि समाज के लिए भी झटका है. समाज के सभी वर्गों ने मामले के 11 दोषियों की रिहाई पर अविश्वास और विरोध जताया था.

याचिका में कहा गया कि दोषियों की समयपूर्व रिहाई ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें