बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सुबोध कुमार उस वक्त भड़की हिंसा को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे. उनकी हत्या के आरोप में गई लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से एक आरोपी शिखर अग्रवाल को प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना जागरुकता अभियान का जिला महामंत्री बनाया गया. इस कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता उसे सर्टिफिकेट थमाते भी नजर आए. जिसके बाद संगठन और बीजेपी नेता की तरफ से सफाई आई है.
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने किया किनारा
शिखर अग्रवाल इस हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में शामिल है. जिसे एक कार्यक्रम के दौरान जिला महामंत्री बनाया गया. इस कार्यक्रम में बीजेपी के जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने अग्रवाल को अपने हाथों से मनोनयन पत्र सौंपा. इसकी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं.
जमानत पर जेल से छूटे आरोपी शिखर अग्रवाल के साथ तस्वीर वायरल होने के बाद बीजेपी के जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने संगठन और आरोपी से कोई भी संबंध होने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा,
“मुझे आज ही पता चला है कि शिखर अग्रवाल किसी संस्था में पदाधिकारी बना है. उन्होंने मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था. इस संस्था से बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है. उनके जो भी क्रियाकलाप हैं उसका पार्टी से कोई मतलब नहीं है. हमारी पार्टी में असामाजिक तत्वों से दूरी बनाकर रखा जाता है. किसी भी संस्था को ऐसे लोगों को शामिल नहीं करना चाहिए.”
अब सर्टिफिकेट सौंपने के बाद बीजेपी के नेता शिखर अग्रवाल और उस संस्था, जिसने उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था उससे दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं. लेकिन इस संगठन ने शिखर अग्रवाल को सर्टिफिकेट जारी किया है, उसमें मार्गदर्शक मंडल में कई बड़े बीजेपी नेताओं का नाम लिखा गया है. जिसमें गिरिराज सिंह से लेकर एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल तक का नाम शामिल है.
मीडिया में खबर आने के बाद संगठन ने पद से हटाया
मीडिया में इस हत्याकांड के आरोपी को लेकर खबरें आने के बाद प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरुकता अभियान की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि अब शिखर अग्रवाल को उसके पद से हटा दिया गया है. संगठन ने कहा है कि उन्हें समाचार के माध्यम से पता चला कि शिखर अग्रवाल स्याना मामले का मुख्य आरोपी है. जिसके बाद तत्काल उसे हटाने का फैसला किया गया. साथ ही इसमें बीजेपी नेता का भी बचाव किया गया है. कहा गया है कि इस संगठन का बीजेपी से कोई मतलब नहीं है.
शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी बोलीं- ये सब सुनकर परेशान हो चुकी हूं
शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी रजनी सिंह ने भी इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, हम लोग बहुत निराश हुए इस पूरे कृत्य को लेकर जो इनको ये पद दिया गया है. ये सब चीजें शायद इनकी अपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देंगी. इसलिए सरकार को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए था. आप जितना इनको बढ़ावा देंगे ये लोग अपराध उतना ज्यादा करेंगे और इस तरह की घटनाएं आगे भविष्य में होती रहेंगी. मैं भी इन चीजों को सुन सुनकर परेशान हो चुकी हूं. मैं भी यह चाहती हूं जैसे कि पुलिस वालों के हत्यारों का एनकाउंटर किया गया है, वैसे इनका भी किया जाए. ये भी पुलिस की हत्या के आरोपी है.
आरोपी की जमानत के बाद हुआ था जोरदार स्वागत
बता दें कि 3 दिसंबर 2018 को स्याना के चिंगरावटी गांव में हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने कमान संभालते हुए हिंसा करने वालों को लगातार रोकने की कोशिश की. लेकिन इसी बीच कुछ लोगों ने पुलिस चौकी के अंदर घुसकर आगजनी की और पूरी चौकी को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान कुछ लोगों ने मिलकर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को घेरा और उन्हें गोली मार दी.
इस घटना के बाद कई गिरफ्तारियां हुईं. जिसमें शिखर अग्रवाल को भी मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया. लेकिन बाद में शिखर अग्रवाल समेत कुछ लोगों को जमानत मिल गई. जमानत मिलने के बाद आरोपियों का जोरदार स्वागत हुआ और फूल मालाएं पहनाई गईं. जिस पर सुबोध कुमार की पत्नी ने दुख जताया था.
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