CBI की जंग अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा से उनके अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले की जांच सीवीसी से दो हफ्ते में पूरी करने को कहा है.
अालोक वर्मा की याचिका पर चीफ जस्टिस अॉफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “ये राष्ट्रीय महत्व का मामला है और इसमें कोई देरी नहीं की जा सकती. हम चाहते हैं कि दो हफ्ते के अंदर मामले की शुरुआती जांच रिपोर्ट आए. जिससे फैसला हो सके कि इसकी विस्तार से जांच जरूरी है या नहीं.”
CBI की इस जंग में क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा मामले की सीवीसी जांच के आदेश दिए.
- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच होगी
- कोर्ट ने कहा- दो हफ्ते में सीवीसी अपनी जांच पूरी करे.
- रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज एके पटनायक की निगरानी में CVC करे जांच.
- आलोक वर्मा की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस, कोर्ट ने पूछा- किस आधार पर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया, साफ करे सरकार.
- कोर्ट ने CBI के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव से 23 अक्तूबर सुबह 11.30 बजे से 26 अक्तूबर तक किए गए ट्रांसफर और बदलियों की जानकारी मांगी.
- कोर्ट ने कहा- सील कवर में वो सारे फैसले सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाएं जो नागेश्वर राव ने पिछले दो दिन में लिए हैं.
- कोर्ट का आदेश- नागेश्वर राव CBI के कामकाज से जुड़े कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकते हैं. वह सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे.
- इस मामले में अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी. जांच की रिपोर्ट देखने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा.
- आलोक वर्मा और वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सीवीसी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)