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नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन तेज, असम से लेकर संसद तक मचा बवाल

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन हुए तेज

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भारत
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नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा से पास होने के बाद इसके विरोध में प्रदर्शन और भी तेज हो चुके हैं. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों खासतौर पर असम में इस बिल को लेकर भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार की तरह मंगलवार को भी कई संगठनों ने बंद बुलाया है. असम के अलावा त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.

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अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन

ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) ने सोमवार के बाद आगे भी अपना प्रदर्शन जारी रखा है. इसके अलावा असम के कई राजनीतिक दल और छात्र संगठन इस बिल के विरोध में हैं. छात्र अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं. कहीं नग्न होकर प्रदर्शन चल रहा तो कहीं आगजनी की जा रही है. वहीं कुछ लोग मंत्रियों के घरों के बाहर पोस्टर भी चिपका रहे हैं. मंगलवार सुबह गुवाहटी समेत कई इलाकों में सड़कें सुनसान दिखीं. दुकाने बंद हैं और किसी भी तरह की कोई आवाजाही नहीं हो रही.

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन हुए तेज
नॉर्थ-ईस्ट में विरोध कर रहे राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों का कहना है कि बाहरी लोगों को नागरिकता देने से उनकी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी. उनका कहना है कि जल्द से जल्द इस विधेयक को वापस लिया जाए.
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असम की सड़कों पर सन्नाटा

असम की सड़कों पर नागरिकता विधेयक के विरोध में सन्नाटा पसरा हुआ है. लगभग सभी बड़ी सड़कों और बाजारों में दुकाने बंद हैं. डिब्रूगढ़ और जोरबाट जैसी कुछ जगहों पर लोग अपने बच्चों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. असम और त्रिपुरा में बीजेपी की कुछ सहयोगी पार्टियां भी इस बिल का विरोध कर रही हैं. इस प्रदर्शन को देखते हुए राज्य में भारी अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है. सोमवार को भी पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था.

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन हुए तेज
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धर्म निरपेक्षता को लेकर प्रदर्शन

एक तरफ जहां नॉर्थ ईस्ट में डेमोग्राफी और रोजगार पर पैदा होने वाले खतरे को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई बड़े राजनीतिक दल धर्म नरपेक्षता को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन दलों का कहना है कि इस बिल में मुस्लिमों को राहत नहीं दी गई है और बाकी सभी धर्मों को शामिल किया गया है. संसद परिसर में इस बिल के विरोध में मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ.

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