कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के बाद, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मामले फिर बढ़ने लगे हैं. 13 जून से 23 जून के बीच, बेंगलुरु में COVID-19 केसों में 132.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई. COVID-19 से मौतों की संख्या 151.72 प्रतिशत तक बढ़कर 29 से 73 हो गई. फिलहाल 71 कोरोना वायरस मरीजों का आईसीयू में किया जा रहा है.
बेंगलुरु का हाल देश के दूसरे बड़े शहरों से काफी बेहतर है. अभी शहर में कोरोना वायरस के केवल 1,505 केस हैं, लेकिन अचानक इस बढ़ोतरी ने कर्नाटक सरकार की नींद उड़ा दी है. बेंगलुरु में इकनॉमी चालू करने पर अमादा येदियुरप्पा सरकार ने भी अब कदम पीछे ले लिए हैं.
शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने एहतियात कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. बेंगलुरु का सबसे बड़ा मार्केट और आसपास के इलाकों में 23 जून से पूरा लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसके कुछ घंटों बाद ही, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामलु ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते हैं तो राजधानी में लॉकडाउन लागू करना पड़ेगा.
केसों में बढ़ोतरी कैसे हुई?
केंद्र सरकार की तरह, कर्नाटक सरकार भी बेंगलुरू में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात को नकार रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो, दिखाई पड़ता है कि 31 फीसदी COVID-19 केसों में, ट्रांसमिशन का कारण ILI (इंफ्लूएंजा-लाइक इलनेस) और SARI (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे मामलों में, वायरस का सोर्स 'जांच के अंदर' होता है और इसका इशारा कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर होता है.
मामलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- ILI, SARI और ऐसे मामले जहां ट्रांसमिशन हिस्ट्री पता नहीं है. कुल मामलों में 49 फीसदी मामले इसी तीसरी कैटेगरी में आ रहे हैं. सरकार को बेंगलुरु में रिपोर्ट किए गए COVID-19 मामलों के आधे के करीब मामलों में वायरस का सोर्स नहीं पता है.
भले ही सरकार इस मुद्दे पर आईसीएमआर के रुख का हवाला देते हुए शहर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन से मना कर रही हो, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे लेकर परेशान हैं.
नाम छिपाने की शर्त पर COVID -19 का इलाज करने वाली एक सरकारी फैसेलिटी के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, "सरकार शब्दों के साथ खेल सकती है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अगर आप कैरियर तक वापस इंफेक्शन का पता लगाने में असमर्थ हैं, तो ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन है. अगर हम 'अज्ञात सोर्स' वाले मामलों की संख्या को देखते हैं, तो हम जमीनी स्तर पर हालत को सुधार सकते हैं."
मार्केट में लगाया गया लॉकडाउन
सरकार के सूत्रों का कहना है कि शहर के सबसे बड़े मार्केट में शुमार, केआर मार्केट को बंद करने के पीछे मामलों की बढ़ती संख्या है. एक अधिकारी ने बताया कि केआर मार्केट के आसपास करीब 13 वॉर्ड कंटेनमेंट जोन हैं.
“ये एक सही फैसला था क्योंकि केआर पुरम एक बिजी मार्केट इलाका है और हम चेन्नई की तरह स्प्रेड नहीं चाहते हैं. इसलिए सरकार ने केआर पुरम और उसके आसपास के तीन क्षेत्रों को बंद करने का फैसला किया है.”अधिकारी ने कहा
हालांकि, बेंगलुरु में आर्थिक गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए दूसरे बिजी मार्केट में इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं.
पुलिस की परेशानी
आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए सरकार की जिद ब्रुहाट बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) और पुलिस विभाग के अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गई है.
अधिकारियों के मुताबिक, क्योंकि मामलों की संख्या कम थी, इसलिए शहर में लोग सुस्त थे और सावधानियों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा था.
बीबीएमपी और पुलिस दोनों ने कहा कि उनके पास ये सुनिश्चित करने के निर्देश हैं कि आने वाले दिनों में पूरे शहर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए.
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