दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केवल दिल्ली के ही लोगों का इलाज होगा. केजरीवाल ने कहा, "कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि दिल्ली (सरकार) के अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व होने चाहिए, केंद्र सरकार के अस्पताल सबके लिए खुले रहेंगे."
इस ऐलान के बाद दिल्ली सरकार ने इलाज के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट जारी की है. ये डॉक्यूमेंट्स मरीज के लिए ‘दिल्लीवासी’ होने के प्रूफ के तौर पर काम करेंगे. तो इलाज के लिए चाहिए कौन से कागजात, जानिए.
दिल्ली के निवासी कौन से कागज दिखाकर इलाज करा सकते हैं?
दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, इनमें से कोई भी दस्तावेज इलाज के लिए प्रूफ का काम करेगा.
- वोटर आईडी कार्ड
- बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस की मौजूदा पासबुक
- मरीज का राशन कार्ड/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस/इनकम टैक्स रिटर्न फाइल या असेसमेंट आदेश
- लेटेस्ट पानी/टेलीफोन/बिजली/गैस का बिल. ये बिल या तो मरीज के नाम पर होना चाहिए या वो भुगतान करने वाले के डायरेक्ट रिलेशन में हो
- पोस्टल डिपार्टमेंट का पोस्ट, जो मरीज के दिए पते पर डिलीवर किया गया हो
- 7 जून 2020 से पहले का बना आधार कार्ड
बच्चों के लिए देने होंगे कौन से कागजात?
ऊपर दिए सभी दस्तावेज अगर माता-पिता के नाम पर हैं, तो वो बच्चों के लिए वैध माने जाएंगे. 7 जून 2020 से पहले का बना आधार कार्ड भी बच्चों के लिए मान्य होगा.
क्या दिल्ली के सभी अस्पताल दिल्लीवासियों के लिए रहेंगे रिजर्व?
नहीं. केवल दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले और प्राइवेट अस्पतालों को दिल्ली के निवासियों के लिए रिजर्व रखा गया है. दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पताल सभी के इलाज के लिए खुले रहेंगे.
वहीं, सीएम केजरीवाल ने ये भी कहा है कि दिल्ली के वो प्राइवेट अस्पताल, जिनमें स्पेशल सर्जरी होती है, वो देशभर के लोगों के लिए खुले रहेंगे.
दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि दिल्ली के कई अस्पतालों में मरीजों की भर्ती और इलाज को लेकर शिकायतें सामने आ रही हैं, इसलिए सभी अस्पतालों में 24x7 हेल्पडेस्क बनाई जाएगी, जो 12-12 घंटों की दो शिफ्ट में काम करेंगी. इसमें दिल्ली सरकार के दो अधिकारी होंगे और नाइट ड्यूटी पर एक कॉन्सटेबल भी होगा. सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट हेल्पडेस्क के सुचारू कार्य को सुनिश्चित करेंगे.
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