पिछले दिनों हरियाणा में महिलाओं के साथ रेप और मर्डर को लेकर जिस तरह से कई वारदात हुईं, उसने हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. हरियाणा में लिंगानुपात वैसे ही पहले से कम है. ऊपर से महिलाओं के साथ ऐसी दरिंदगी. कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने के साथ-साथ लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है.
सिर्फ हरियाणा ही नहीं राजस्थान में भी हालात कुछ बेहतर नहीं है. रेप, घरेलू हिंसा, दहेज के कारण मौत और जबरदस्ती शादी के मामले इन दोनों राज्यों में काफी देखने को मिल रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को देखकर एकबारगी ऐसा लगता है कि इन राज्यों में जैसे लड़कियों का होना आज भी किसी गुनाह से कम नहीं है.
दिल दहलाने वाली हालिया घटनाएं
पिछले दिनों हरियाणा के जींद में 15 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की गई. वहीं पानीपत में 11 साल की मासूम बच्ची से रेप. उसके बाद बच्ची की हत्या और फिर उसके शव के साथ 4 घंटे तक रेप. पिंजौर के पास 10 साल की मासूम के साथ 50 साल के पड़ोसी ने रेप किया.
इतना ही नहीं फरीदाबाद में तो हद ही हो गयी. ऑफिस से घर लौट रही एक लड़की को सरेआम अगवा किया गया. फिर चलती कार में 2 घंटे तक गैंगरेप किया और सड़क पर फेंककर भाग गए. ये सब हरियाणा में महिलाओं की बदतर होती स्थिति का एक नमूना मात्र है.
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शर्मसार हरियाणा
भ्रूण हत्या और कम लिंगानुपात के लिए बदनाम हरियाणा में महिलाओं की स्थिति आज भी अच्छी नहीं है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, 2016 के आंकड़ों पर गौर करें तो उस साल राज्य में 1187 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुईं. वहीं 3314 महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा.
इस राज्य में शादी के लिए 821 महिलाओं का अपहरण किया गया, जबकि दहेज के कारण 260 महिलाओं को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ी.
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महिला अत्याचार में अव्वल राजस्थान
महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और अत्याचार के मामले में राजस्थान ने बाकी राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में महिलाओं के साथ रेप की 3656 वारदात हुईं. जबकि घरेलू हिंसा के 13,814 मामले दर्ज किए गए. जबरदस्ती शादी के लिए 1979 महिलाओं को अगवा किया गया, जबकि दहेज के कारण इस राज्य में 462 महिलाओं की मौत हुई.
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