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दिल्ली मेट्रो ने 50% कम किया भत्ता, आर्थिक तंगी का दिया हवाला

कर्मचारियों को नहीं मिलेगा किसी भी तरह का एडवांस

Published
भारत
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कोरोना महामारी के चलते कई सेक्टर मंदी की मार झेल रहे हैं. लंबे लॉकडाउन के बाद कुछ इंडस्ट्रीज अनलॉक जरूर हुई हैं, लेकिन कहीं अब भी तालाबंदी है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन भी इसी तंगी से जूझ रही है. दिल्ली मेट्रो ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए बताया है कि अगस्त 2020 से सभी कर्मचारियों के अनुलाभ और भत्ते 50 फीसदी तक कम कर दिए जाएंगे. मेट्रो कर्मचारियों की अगस्त की सैलरी में ये कटौती शामिल होगी.

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हर तरह के एडवांस पर रोक

दिल्ली मेट्रो की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि मेट्रो का परिचालन पूरी तरह से बंद है, इसीलिए ये फैसला लिया गया है. दिल्ली मेट्रो ने बताया है कि अब कर्मचारियों को अनुलाभ और भत्ता उनकी बेसिक सैलरी के 15.75% के हिसाब से मिलेगा.

इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को अब एडवांस सैलरी, हाउस बिल्डिंग एडवांस, मल्टी पर्पज एडवांस, लैपटॉप एडवांस, फेस्टिवल एडवांस समेत अन्य कोई भी एडवांस नहीं मिलेगा. ये फैसला अगले आदेश तक जारी रहेगा. हालांकि जिन लोगों ने एडवांस ले लिया है उन पर इसका असर नहीं पड़ेगा.

रोजगार का हाल बेहाल

बता दें कि देशभर में लॉकडाउन के बाद तेजी से कंपनियों में छंटनी, सैलरी में कटौती का दौर चल रहा है. प्राइवेट-सरकारी सभी सेक्टरों में कुछ कंपनियां हैं, जिन्होंने ऐसा किया है. रोजगार और नौकरी के हालात सीएमआईई के ताजा आंकड़ों से समझ सकते हैं. इसके मुताबिक, जुलाई में ही करीब 50 लाख सैलरीलेने वाले लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है. ये कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लगाए गए सशर्त लॉकडाउन का असर भी बताया जा रहा है. भारत ने अपनी अनलॉक की प्रक्रिया 1 जून से शुरू की, इसी के बाद देश में इकनॉमिक एक्टिवटी शुरू हुई.

CMIE के मुताबिक अप्रैल 2020 में 1.77 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को नौकरी चली गई थी. वहीं मई में 10 लाख लोगों की नौकरी चली गई. इसके बाद जून में 39 लाख लोगों को नौकरी मिली. लेकिन अब जुलाई में फिर निराश करने वाली खबर आई है कि 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई.

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