भारत की राजधानी दिल्ली में साल 2002 में दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की शुरुआत हुई थी. वक्त के साथ मेट्रो ने अपनी रफ्तार बदली, रास्ते बदले और फैलती गई. 20 साल का वक्त बीत चुका है और लाखों लोग रोजाना खट्टी-मीठी यादों के साथ सफर भी कर रहे हैं. लेकिन कई बार आपका सफर आपको टेंशन भी दे देता है, जब आपका कोई सामान मेट्रो स्टेशन या मेट्रो ट्रेन में छूट जाता है या गायब हो जाता है. जानकारी के मुताबिक मेट्रो में हर महीने लगभग 600 आइटम खो जाते हैं.
अब ऐसे खोए हुए सामान को ढूंढ़ने में मदद करने के लिए दिल्ली मेट्रो ने एक खोया पाया विभाग बनाया है. मतलब अगर आपका सामान खो जाता है तो आप खोया-पाया विभाग से संपर्क कर सकते हैं और फिर ये विभाग आपको बताएगा कि कैसे आप अपना खोया हुआ सामान पा सकते हैं.
48 घंटे के अंदर खोए हुए सामान का दावा कैसे करें?
अगर मेट्रो में आपका सामान खो गया है तो आप अपने नजदीकी मेट्रो स्टेशन पर जाकर कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दें.
अपनी एक फोटोकॉपी के साथ एड्रेस प्रूफ डॉक्यूमेंट ले जाएं.
48 घंटे के बाद खोए हुए सामान के लिए दावा कैसे करें?
आपको बता दें की अगर आपके सामान को खोए हुए 48 घंटे से ज्यादा हो गया है तो आप कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर खोया पाया ऑफिस में जाकर शिकायत कर सकते हैं.
पता: लॉस्ट एंड फाउंड ऑफिस, कॉनकोर्स लेवल 3 प्लेटफार्म नंबर के नीचे, कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन.
लैंडलाइन: 011-23417910, एक्सटेंशन: 113701
मोबाइल नंबर: 8527405555
ऑफिस सभी दिन सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुले रहते हैं. संडे और राष्ट्रीय हॉलिडे को ऑफिस बंद रहता है.
अगर आप अपने खोए हुए सामान का दावा एक महीने के अंदर नहीं करते हैं तो दिल्ली मेट्रो उनका निस्तारण कर सकता है.
रैपिड मेट्रो में खोए सामान पर दावा करने की क्या प्रक्रिया है?
रैपिड मेट्रो में सामान खो जाने पर यही प्रक्रिया हो सकती है जो नॉर्मल मेट्रो की होती है, बस पता अलग होता है.
ऑफिस का पता: रैपिड मेट्रो ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, मौलसारी एवेन्यू रोड, डीएलएफ फेज 3, पिलर नंबर 146, गुरुग्राम-122001
कॉल सेंटर: 0124-2800028
ऑफिस हर दिन सुबह 8:30 बजे से श्याम 5 बजे तक खुला रहेगा. नेशनल हॉलिडे और संडे को बंद रहेगा.
आप दिल्ली मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट्स पर दानों मेट्रो सिस्टम पर अपने खोए हुए सामान की सूचना पा सकते हैं.
दिल्ली मेट्रो कर बारे में विस्तार से जानकारी
दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो सिस्टम है. दिल्ली मेट्रो का बनना साल 1998 में शुरू हुआ था, इसका पहला फेज 25 दिसंबर 2002 में खोला गया था. दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और बल्लबगढ़ तक है. इसमें करीब 10 रंग के कोड लाइंस और 250 से ज्यादा स्टेशन हैं, दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन डीएमआरसी द्वारा संचालित है. साल 2019 में मेट्रो की सालाना राइडरशिप 1.79 बिलियन थी.
दिल्ली मेट्रो की अलग-अलग लाइनें
रेड लाइन
दिल्ली मेट्रो में रेड यानी लाल लाइन रिठाला से शहीद स्थल को जोड़ती है, जिसकी दूरी 34.55 किलो मीटर है.
येलो लाइन
दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की ये दूसरी लाइन है. ये लाइन लगभग 49 किलोमीटर तक की दूरी तय करती है. ये समयपुर बादली से लेकर हुडा सिटी सेंटर को जोड़ती है.
ब्लू लाइन
दिल्ली मेट्रो की सबसे ज्यादा चलने वाली रूटों में से एक है ब्लू लाइन. द्वारका सब सिटी को पूर्व नोएडा से जोड़ती है, जो 56.61 किलोमीटर की दूरी तय करती है. इसके साथ ही ब्लू लाइन फेज गाजियाबाद से वैशाली के यमुना बैंक स्टेशन को भी जोड़ती है.
गरीन लाइन
दिल्ली मेट्रो में साल 2010 में खोला गया था. इंदरलोक को बिगेडियर होशियार सिंह से जोड़ती है. ये कुल 29.64 किलोमीटर तक की दूरी तय करती है.
वॉयलेट लाइन
ये लाइन बल्लबगढ़ में राजा नहार सिंह से कश्मीरी गेट तक चलती है, इस बीच कुल 34 स्टेशन पड़ते हैं और 46.34 किलोमीटर की दूरी भी तय करती है.
ऑरेंज लाइन
इस लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के नाम से भी जाना जाता है. ये लाइन दिल्ली रेलवे स्टेशन से द्वारका सेक्टर 21 तक चलती है, और साथ ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी जोड़ती है. इसमें कुल 6 स्टेशन पड़ते हैं, ये लाइन कुल 22 किलोमीटर की दूरी तय करती है.
पिंक लाइन
गुलाबी लाइन मजलिस पार्क और शिव विहार के बीच चलती है जिसमे कुल 38 स्टेशन है और 58 किलोमीटर का सफर तय करती है.
मजेंटा लाइन
मजेंटा लाइन जनकपुरी पश्चिम से बोटेनिकल गार्डन तक जोड़ती है, इसमें 25 मेट्रो स्टेशन हैं, साथ ही कुल 37.46 किलोमीटर तक की दूरी तय करती है.
ग्रे लाइन
ये लाइन दिल्ली की मेट्रो की सबसे छोटी लाइन में से एक है, इसमें सिर्फ 4 स्टेशन ही हैं, जो पश्चिम से द्वारका ढासा बस स्टैंड को जोड़ती है.
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