ADVERTISEMENTREMOVE AD

कनाडा में मारे गए कार्तिक के पिता का सवाल- 'मेरे बेटे को क्यों मारा गया?'

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बाकी दिनों की तरह ही गाजियाबाद Ghaziabad के जितेश वासुदेव ने इंटरनेशनल कॉल के जरिए टोरेंटो Toronto, (कनाडा Canada) में रहने वाले अपने बेटे कार्तिक Kartik से बात की, लेकिन जितेश को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं थी ये उनके बेटे से आखिरी बात होगी.

बीते 08 अप्रैल को 21 वर्षीय कार्तिक वासुदेव की टोरंटो में शेरबोर्न स्टेशन के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई, जहां वह अपनी पार्ट-टाइम जॉब पर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था. कार्तिक एक मैक्सिकन रेस्तरां में पार्ट-टाइम जॉब करता था. कुछ ही मिनटों में कार्तिक पर कई गोलियां मारी गई जिससे उनकी मौत हो गई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वो रुलाने वाला फोन कॉल

बुरी तरह से रोते हुए लड़खड़ाती आवाज में कार्तिक के पिता ने क्विंट को बताया कि 'भारत के समय अनुसार सुबह के 6 बज रहे थे तब हमें कार्तिक की कजन का फोन आया. कार्तिक उसी के साथ टाेरेंटो में रहता था. उसने बताया कि वह पिछले कई घंटों से कार्तिक को कॉल करके उससे संपर्क करने की कोशिश कर रही हूं लेकिन कार्तिक का कोई अता-पता नहीं चल रहा. इसके चार-पांच घंटे बाद मेरी (कार्तिक के पिता) बात वहां के एक पुलिस ऑफिसर से हुई जिसने मुझसे कहा कि आपके बेटे की मौत हो गई है.'

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

कनाडा में कार्तिक वासुदेव की तस्वीर

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

कार्तिक को स्थानीय समायानुसार (कनाडा के समय अनुसार) शाम को 6 बजे अपने कार्यस्थल यानी कि रेस्तरां में पहुंचना था, जब कार्तिक तय समय पर नहीं पहुंचा तो उसके मैनेजर ने उससे संपर्क बनाने की कोशिश की लेकिन जब कॉल का कोई जवाब नहीं मिला तो मैनेजर ने कार्तिक की कजन साक्षी को कॉल किया.

साक्षी को फोन करने के कुछ देर बाद ही मैनेजर ने टीवी पर एक न्यूज रिपोर्ट देखी जिसमें किसी व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करने के बारे में बताया जा रहा था. इसमें उसी स्थान का जिक्र हो रहा था जहां से कार्तिक बस पकड़ता था.

कार्तिक के पिता बताते हैं कि 'मैनेजर ने कार्तिक के बैग देखकर उसे पहचान लिया. इसके बाद कजन ने भी उसकी पुष्टि की. इन सबके बाद पुलिस स्टेशन ने मुझे कॉल आया और पुलिस अधिकारी ने मुझसे कहा कि मिस्टर वासुदेव यह दुर्भाग्यपूर्ण खबर है... अब आपका बेटा नहीं रहा.'
Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

कार्तिक वासुदेव

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

'कार्तिक को कनाडा की लाइफ पसंद थी'

डीएवी गाजियाबाद से स्कूली पढ़ाई करने वाले कार्तिक ने 10वीं कक्षा से ही कनाडा में पढ़ने का सपना देखने लगे थे. दिल्ली की आईपी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद कार्तिक सेनेका यूनिवर्सिटी से ग्लोबल बिजनेस मार्केटिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए टोरेंटो चले गये.

कार्तिक की कजन बताती हैं कि वह एक ब्राइट और कमिटेट स्टूडेंट रहा है. वह हमेशा से ही पढ़ाई में काफी अच्छा था और वह अपने कॅरियर को लेकर काफी पैशिनेट था.

"वह कनाडा में बहुत अच्छा समय बिता रहा थे और मैं उसकी कैंपस लाइफ को लेकर काफी उत्सुक रहती थी. जब मैं उससे पूछती कि आज दिनभर में क्या हुआ तब वह मुझे अपनी दिन भर की कहानियां सुनाता था. मुझे उम्मीद है कि जब भी मैं उनके पास जाउंगी तब उनसे इसी तरह ऐसे ही सवाल पूछूंगी.
साक्षी, कार्तिक की कजन

कार्तिक के पिता जितेश का कहना है कि 'कार्तिक कनाडा में काफी खुश था. वह वहीं काम करना और बसना चाहता था. उसके पास तीन साल का वर्क वीजा था. कार्तिक मास्टर्स पूरा करने के बाद डिजिटल मार्केटिंग में स्पेशलाइज्ड कोर्स करने का प्लान बना रहे थे.'

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

टाेरेंटो स्थित सीएन टावर की तस्वीर जिसे कार्तिक ने क्लिक किया था.

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

'कार्तिक का पहला प्यार उसका कैमरा था'

कार्तिक के परिवार ने क्विंट को बताया कि वह काफी शांत और कम बोलने वाला लड़का था. स्कूल में कभी भी उसकी किसी के साथ लड़ाई तक नहीं हुई थी.

कार्तिक का पहला प्यार उसका कैमरा था. उसके कैमरे के पीछे से लेंस के साथ काम करने में काफी अच्छा लगता था.

साक्षी कहती हैं कि 'कार्तिक को कैमरा से काफी प्यार था, वह फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए काफी ट्रैवल भी करते थे. वे अपनी तस्वीरों को सबके साथ साझा करने के लिए एक इंस्टाग्राम हैंडल भी बनाया था.'

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

कार्तिक के इंस्टाग्राम की एक पोस्ट जिसमें लिखा है  "Travel far enough, you meet yourself."

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

साक्षी ने कहा 'वह एक बेहद खुशमिजाज व्यक्ति थे, उनके साथ बात करने से आप हमेशा जीवन के बारे में बेहतर महसूस होता था. मैं हर समय मार्गदर्शन के लिए उनसे सलाह लेती थी. मैं उन्हें बहुत मिस करूंगी.'
Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

दुबई में कार्तिक

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'बेटे के लिए जस्टिस चाहिए'

कार्तिक का एक छोटा भाई है, जो अभी दसवीं कक्षा में है. उसके माता-पिता परेशान हैं वह जांच एजेंसियों, पुलिस और दूतावास के साथ समन्वय करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

अपने छोटे भाई के साथ कार्तिक

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर कार्तिक को गोली क्यों मारी गई है.

कार्तिक के पिता जितेश कहते हैं कि 'हमें यह न तो यह बताया गया कि आखिर किस वजह से कार्तिक की हत्या की गई और न ही इस बारे में कोई जानकारी दी गई कि इन्वेस्टीगेशन में अब तक क्या प्रोग्रेस हुई. हम इस बात को लेकर विचार कर रहे हैं कि आखिर क्या हुआ होगा जिससे मेरे बेटे की हत्या की गई. हमें लगता है कि यह लूट का मामला हो सकता है क्योंकि इसके अलावा कोई और हमारे बेटे को किस वजह से मार सकता है?'

कार्तिक का परिवार भारतीय दूतावास के संपर्क में है और सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए कार्तिक की यादों को भारत लाने की कोशिश कर रहा है. जितेश का कहना है कि 'कार्तिक के शव को भारत पहुंचने में 6 से 8 दिन लग सकते हैं.'

भारत में कार्तिक का अंतिम संस्कार करने के बाद जितेश टोरेंटे जाने की योजना बना रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने वीजा का आवेदन कर दिया है. जितेश का कहना है कि 'कार्तिक का शव यहां भेज देने के बाद वे इस मामले को दफना सकते हैं लेकिन हम इस मामले पर फाॅलो अप जारी रखते हुए यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जांच ढंग से हो, अपराधी की शिनाख्त की जाए और उसे सजा दी जाए.'

जितेश ने क्विंट से कहा कि 'हम अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहते हैं.'

Kartik Vasudev के पिता ने क्विंट से कहा-उसकी तो कॉलेज में किसी से बहस या लड़ाई तक नहीं हुई

कार्तिक द्वारा क्लिक की गई एक तस्वीर

फोटो : इंस्टाग्राम / कार्तिक वासुदेव

कार्तिक के प्रति अपनी संवेदानाएं व्यक्त करने और जस्टिस की मांग करने के लिए उनके साथी यूनिवर्सिटी में कैंडल मार्च करेंगे. जितेश कहते हैं कि कार्तिक के साथी कह रहे हैं कि वे हमें सपोर्ट करेंगे. वे इस मुद्दे को उठाएंगे और दोषियों की शिनाख्त सुनश्चित करने के लिए संसद तक इस मसले को ले जाएंगे.

आखिरी में कार्तिक के पिता जितेश कहते हैं कि 'कम से कम एक बार वे टाेरेंटो में अपने बेटे के कमरे को देखना चाहते हैं और कार्तिक की सभी चीजों को वहां से भारत लाना चाहते हैं.'

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×