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न्यूज एजेंसी PTI पर 84.4 करोड़ का जुर्माना, सरकार ने दी थी चेतावनी

लीज की शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर लगाया गया जुर्माना

Published
भारत
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भारत की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसियों में से एक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) पर केंद्र सरकार ने 84.48 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. बताया गया है कि पीटीआई पर ये जुर्माना लीज की शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर लगाया गया है. दिल्ली के संसद मार्ग पर पीटीआई का दफ्तर स्थित है, जिसे सरकार ने कई साल पहले पीटीआई को लीज पर दिया था. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि पीटीआई को वहां से हटाया जाएगा या फिर सरकार सिर्फ जुर्माना ही वसूलेगी.

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चीनी राजनयिक के इंटरव्यू को लेकर कार्रवाई?

द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस जुर्माने को पीटीआई के एक इंटरव्यू से लेकर जोड़ा जा रहा है. ये इंटरव्यू चीनी राजदूत के साथ किया गया था, जिसमें हाल ही में हुई में गलवान हिंसा और तनाव के लिए भारत को जिम्मेदार बताया गया था. कथित तौर पर ये भी कहा गया था कि न्यूज एजेंसी ने भारत की क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाया है.

इसके बाद पीटीआई को प्रसार भारती की तरफ से बताया गया कि वो उसके सालाना एग्रीमेंट की समीक्षा कर रहे हैं. जिसमें हर साल सरकार को लीज की धनराशि देने की बात कही गई है.

पीटीआई को कुल 84.48 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया. बताया गया है कि पीटीआई को इस जुर्माने के भुगतान के लिए 7 अगस्त तक का वक्त दिया गया है. इसके बाद जुर्माने की राशि पर ब्याज लगाया जाएगा. हालांकि पीटीआई को सफाई देने का भी मौका दिया गया है.
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प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने लीज पर पीटीआई को जमीन दी थी, जिस पर उसका दफ्तर बनाया गया. लेकिन न्यूज एजेंसी ने 1984 से इस जमीन का किराया सरकार को नहीं दिया. साथ ही ये भी बताया गया है कि पीटीआई ने बिल्डिंग के बेसमेंट को भी एक ऑफिस के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. जो लीज की शर्तों का उल्लंघन है.

प्रसार भारती ने दी थी चेतावनी

जिस चीनी इंटरव्यू को लेकर ये कार्रवाई बताई जा रही है उसे लेकर प्रसार भारती ने न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को चेतावनी दी थी. सूत्रों का कहना था कि पीटीआई को सख्त भाषा में लिखा गया एक पत्र भेजा गया, जिसमें सार्वजनिक प्रसारणकर्ता (पब्लिक ब्रॉडकास्टर) ने पीटीआई की तरफ से की गई राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. प्रसार भारती ने पीटीआई के संपादकीय रुख को देखते हुए कहा है कि अब उसके साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल हो रहा है.

25 जून को पब्लिश हुए इंटरव्यू में चीनी राजनयिक ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए सीधे तौर पर भारत को ही जिम्मेदार ठहराया था. पीटीआई की ओर से लिए गए इस साक्षात्कार में चीनी राजनयिक ने कहा था कि यह घटना पूरी तरह से भारतीय पक्ष द्वारा उकसाने के बाद घटित हुई थी और इसमें चीनी पक्ष जिम्मेदार नहीं है. इस साक्षात्कार के बाद चीनी राजदूत ने एक ट्वीट करके भी पीटीआई को साक्षात्कार दिए जाने की बात कही थी.

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