सरकार 80:20 स्कीम में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर कार्रवाई कर सकती है. चिदंबरम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत देते हुए सरकार ने सोमवार को कहा कि वो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिन्होंने यूपीए शासन के कार्यकाल के आखिरी दिनों में प्राइवेट सेक्टर की कारोबारी कंपनियों के लिए गोल्ड इंपोर्ट नियमों में ढील दी.
इससे ऐसी 13 यूनिट को 4,500 करोड़ रुपये का अप्रत्याशित लाभ हुआ. पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कांग्रेस के हमले का सामना कर रही सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस महीने चिदंबरम पर 80:20 स्वर्ण योजना के जरिये जौहरी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया.
चोकसी और नीरव देश के सबसे बड़े पीएनबी बैंक की धोखाधड़ी केस में मुख्य आरोपी हैं. सरकार ने इस योजना से फायदे में रहे किसी टेडिंग हाउस का नाम लिए बगैर एक बयान में कहा कि उसने सत्ता में आने के कुछ ही महीनों में साहसिक कदम उठाते हुए निजी गोल्ड इंपोर्टर्स को फायदा पहुंचाने वाले सभी भेदभाव को खत्म किया. सरकार ने कहा कि 2012-13 में देश में सोने का इंपोर्ट बढ़ रहा था और इससे चालू खाते के घाटे पर दबाव पड़ा.
इससे हाई कस्टम ड्यूटी समेत अन्य उपायों से इंपोर्ट पर शिकंजा कसा गया. इंपोर्ट रोकने के लिए साल 2013 के जुलाई- अगस्त में इस 80:20 योजना को संशोधित किया गया. इसमें सिर्फ बैंक, एमएमटीसी और एसटीसी जैसे पब्लिक एंटरप्राइजेज को गोल्ड इंपोर्ट की परमिशन दी गयी. शर्त थी कि इंपोर्टेड सोने के पांचवें हिस्से के बराबर एक्सपोर्ट किए जाने के बाद आगे नयी खेप के इंपोर्ट की परमिशन होगी.
काॅमर्स मिनिस्ट्री ने इस बयान में चिदंबरम के फैसले के हवाले से कहा:
हालांकि 21 मई 2014 को प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस और स्टार ट्रेडिंग हाउस का दर्जा पाए फर्मों को भी 80:20 योजना के तहत गोल्ड इंपोर्ट की परमिशन दे दी गयी. और प्राइवेट सेक्टर के कारोबारी को भी योजना के तहत इंपोर्ट की परमिशन दी गयी.
बयान के मुताबिक, ‘‘तत्कालीन वित्त मंत्री ने 13 मई 2014 को संशोधित योजना को मंजूरी दी. ये मंजूरी तब दी गयी जब लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ 5 मार्च 2014 से आचार संहिता लागू थी और वोटों की गिनती का काम 16 मई 2014 को होना था.''
सरकार ने कहा, ‘‘ प्रीमियर और स्टार ट्रेडिंग हाउस का दर्जा प्राप्त प्राइवेट कंपनियों को गोल्ड इंपोर्ट की परमिशन से इन यूनिट को अप्रत्याशित लाभ हुआ.... .''
बयान में कैग रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. 13 ट्रेडिंग हाउस दर्जे वाली फर्मों ने जून 2014 से नवंबर 2014 के बीच 282.77 टन गोल्ड इंपोर्ट किया. इसका मतलब है कि इन एजेंसियों को इस दौरान 4,500 करोड़ रुपये का अप्रत्याशित लाभ हुआ. इसमें ये माना गया है कि प्रति किलो 2 लाख रुपये के प्रीमियम और 80 प्रतिशत इंपोर्टेड गोल्ड की आपूर्ति घरेलू बाजार में प्रीमियम कीमत पर की गयी.
बयान में कहा गया है कि नयी सरकार ने एक साहसिक फैसला लिया और सोने के आयात को उदार बनाने के साथ 28 नवंबर को 20:80 योजना को खत्म कर दिया. इस योजना को खत्म करने से प्रीमियर और स्टार ट्रेडिंग हाउस फर्मों के लिए अनुचित लाभ की स्थिति खत्म हो गयी.
(इनपुट भाषा से)
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