मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर से स्वास्थ्य व्यवस्था की एक ऐसी घिनौनी तस्वीर सामने आई है, जिसने शर्मसार कर दिया है. ऐसी स्थिति तब है, जब जिले के दो नेता केंद्र में और कई शिवराज सरकार में मंत्री हैं. यहां केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों के बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं. लेकिन जिला अस्पताल मरीजों को कागज पर एक्स-रे (X Ray) की इमेज दे रहा है.
कागज पर एक्स-रे देखकर इलाज कर रहे हैं डॉक्टर
जानकारी के अनुसार, ग्वालियर के जिला अस्पताल में पिछले एक महीने से एक्स-रे फिल्म खत्म हो चुकी है. सिविल सर्जन ने डेढ़ महीने पहले इसका आर्डर किया था, लेकिन अभी तक फिल्म नहीं आई है. यही कारण है कि एक्स-रे की इमेज A4 साइज के पेपर पर दी जा रही है. हैरानी की बात यह है कि कागज पर एक्स-रे की इमेज को देखकर डॉक्टर मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं.
इस मामले में ग्वालियर के CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने कहा, "जब से डिजिटल प्रणाली आई है, उसके बाद से एक्स-रे की इमेज इसी तरीके से दी जा रही है. सिर्फ एमएलसी के मामले में एक्स-रे की इमेज फिल्म पर दी जाती है."
यह कोई बड़ा मामला नहीं है. प्राइवेट अस्पतालों में भी ऐसे ही डिजिटल एक्स-रे मरीजों को दिया जा रहा है.डॉ. मनीष शर्मा, CMHO, ग्वालियर
वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि कुछ ही डॉक्टर्स हैं, जो कागज पर एक्स-रे की इमेज को सही तरीके से नहीं देख पाते हैं. बताया जा रहा है कि एक्स-रे फिल्म का ऑर्डर सिर्फ कागजों में ही दिया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि एक्स-रे फिल्म खत्म हुए एक महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है. लेकिन अस्पताल में अभी तक ये क्यों नहीं आया है?
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