महाशिवरात्रि के साथ ही हरिद्वार में कुंभ मेले की रौनक छा गई है. महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों लोगों ने हरिद्वार के पवित्र हर की पौड़ी पर गंगा में डुबकी लगाई. इसके बाद अखाड़ों का पहला शाही स्नान हुआ.
- 01/0211 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़(फोटो: PTI)
- 02/0211 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़(फोटो: PTI)
कोरोना वायरस महामारी के बीच उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले का आयोजन कर रही है. महामारी के चलते सरकार ने कुंभ मेले को केवल एक महीने के लिए आयोजित करने का फैसला लिया है. मेले की शुरुआत वैसे तो 1 अप्रैल से होगी, लेकिन मकर संक्रांति के बाद से ही त्योहर के दिन हरिद्वार में स्नान के लिए लोग पहुंच रहे हैं. कुंभ मेला इस बार 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा.
ऐसे में, कुंभ मेले में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को किन बातों का खयाल रखना होगा, जानिए.
कुंभ मेले में आने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?
कुंभ मेले में शामिल होने के लिए श्रद्धालओं को कुंभ मेला पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कराना होगा. इसके बाद उन्हें ई-पास जारी किया जाएगा.
क्या कुंभ में शामिल होने के लिए कोविड टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य है?
हां. हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं के लिए RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है. ये टेस्ट पिछले 72 घंटों के अंदर ही हुआ होना चाहिए. नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट वाले श्रद्धालुओं को ही मेले में जाने की अनुमति होगी. इन रिपोर्ट्स को बॉर्डर पर बनाए गए चेक प्वाइंट, मेले में एंट्री प्वाइंट, होटल/धर्मशाला में या कहीं भी चेक किया जा सकता है. इसके साथ ही यात्रियों को एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी लेकर आना होगा.
होटल/धर्मशाला में रुकने के लिए भी कोविड रिपोर्ट जरूरी है?
सरकार की तरफ से जारी SOP के मुताबिक, नेगेटिव रिपोर्ट के बाद ही श्रद्धालुओं को होटल/धर्मशाला में ठहरने की अनुमति दी जाएगी. होटल/धर्मशाला के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो कोविड कंट्रोल रूम को जानकारी दी जाएगी और उसे तुरंत आइसोलेट किया जाएगा.
धार्मिक स्थलों, घाट पर स्नान के लिए क्या हैं नियम?
- किसी भी धार्मिक स्थल पर बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
- मंदिरों में दर्शन से पहले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. बिना लक्षण वालों को ही अंदर जाने दिया जाएगा.
- दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
- घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं को अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जाएगा.
बुजुर्ग, प्रेगनेंट महिलाएं मेले में शामिल हो सकते हैं?
सरकारी निर्देश में बुजुर्ग (65 साल से ऊपर के लोग), प्रेगनेंट महिलाओं, को-मोर्बिड वाले लोग और 10 साल से कम उम्र के बच्चों पर स्नान से पाबंदी नहीं लगाई गई है. लेकिन SOP में ऐसे लोगों को मेले में नहीं शामिल होने की सलाह दी गई है, भले ही इनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव हो.
कुंभ मेले के दौरान किन चीजों पर पाबंदी?
भीड़ में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने का खतरा देखते हुए, मेले क्षेत्र में किसी भी जगह पर संगठित रूप से भजन, गायन या भंडारे के आयोजन प्रतिबंध लगाया गया है.
श्रद्धालुओं के लिए सरकार की तरफ से क्या निर्देश हैं?
- कुंभ मेले में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं का मास्क पहनना अनिवार्य है. मास्क नहीं पहनने पर लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
- श्रद्धालुओं को पब्लिक स्पेस में 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
- समय-समय पर हाथ धोएं.
- आरोग्य सेतु ऐप को इंस्टॉल करने की सलाह.
कुंभ मेला 2021 में स्नान के महत्वपूर्ण दिन कौन से हैं?
कुंभ मेले में वैसे तो श्रद्धालु हर दिन स्नान कर सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ दिन अहम माने जाते हैं. इन्हीं दिन शाही स्नान का भी आयोजन होता है, जिसमें अलग-अलग अखाड़े शामिल होते हैं. इस साल मुख्य स्नान की तारीखें हैं:
- 12 अप्रैल - सोमवती अमावस्या
- 14 अप्रैल - बैसाखी
- 27 अप्रैल - चैत्र पूर्णिमा
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