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सस्ते लोन का रास्ता साफ, रेपो रेट घटते ही घटेगा बैंक ब्याज

लोन लेने वालों के लिए निर्मला सीतारमण ने क्या-क्या ऐलान किया, यहां जानिए

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लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर आई है. अब रेपो रेट घटते ही इसका फायदा सीधे ग्राहकों को भी मिलेगा. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंक रेपो रेट घटने का फायदा आम ग्राहकों को देने के लिए तैयार हो गए हैं. मतलब अब आरबीआई की ओर से रेपो रेट घटते ही बैंकों को ब्याज का फायदा ग्राहकों को भी देना होगा.

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निर्मला सीतारमण ने कहा, रेपो रेट और बैंक ब्याज दर को जोड़ा जाएगा. इससे रेपो रेट घटते ही ग्राहकों का लोन रेट भी घट जाएगा.

निर्मला सीतारमण के रेपो रेट से जुड़े ऐलान के बाद यूनियन बैंक ने होम और वाहन लोन के ब्याज दर को रेपो रेट से लिंक करने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद 30-75 लाख तक के होम लोन 8.25% ब्याज दर पर मिल सकेंगे.

लोन लेने वालों के लिए निर्मला सीतारमण ने क्या-क्या ऐलान किया-

  • बैंक रेपो रेट घटने का फायदा आम उपभोक्ताओं को देने के लिए तैयारप
  • होम लोन और कार लोन में फायदा होगा
  • रेपो रेट और बैंक ब्याज दर को जोड़ा जाएगा
  • इससे EMI में कमी आएगी
  • लोन की प्रक्रिया आसान की गई
  • लोन क्लोजर के 15 के दिन के अंदर ग्राहक को दस्तावेज दिए जाएंगे
  • लोन आवेदन की ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगा
  • वन टाइम लोन सेटलमेंट सुनिश्चित की जाएगी
  • चेक बॉक्स अप्रोच से वन टाइम लोन सेटलमेंट
  • NBFC बैंक आधार KYC के आधार पर लोन दे पाएंगे
  • बैंक में जरूरी फैसले लेने वाले अफसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उन्हें फैसले लेने में डर न लगे
  • घर खरीदारों के लिए भी जल्द ऐलान होंगे

निर्मला सीतारमण ने कहा कि विजयादशमी के बाद से फेसलेस (कंप्यूटर द्वारा) टैक्स स्क्रुटनी की जाएगी, ताकि करदाताओं को प्रताड़ित नहीं किया जा सके और ऐसी घटनाओं पर लगाम लगे.

भारत अभी भी सबसे तेज अर्थव्यवस्था: सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की बिगड़ी हालत पर हां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास दर भी नीचे जा रही है और अब दुनिया की संशोधित विकास दर 3.2 फीसदी है. भारत की जीडीपी की विकास दर अभी भी दूसरों से ज्यादा है.

सीतारमण ने कहा कि वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है, जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.

आर्थिक सुधार एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है और हमने अपनी गति अभी खोई नहीं है. आर्थिक सुधार 2014 से ही सरकार के टॉप एजेंडे में शामिल है.
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत को दिलासा देते हुए कहा कि "सरकार वेल्थ क्रियेटर्स (पूंजीपतियों) का सम्मान करती है और हड़बड़ी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, जिससे उनको नुकसान हो. करदाताओं से निपटने के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा."

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