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सरकार कदम तो उठाए,एंटीगा का कानून ही मेहुल चोकसी को दबोच लेगा 

एंटिगुआ का कानून चोकसी की नागरिकता रद्द कर सकती है

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क्या भगोड़े डायमंड कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए एंटीगा-बारबूडा सरकार से प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करने का ही एक मात्र रास्ता है? जी नहीं. भारत सरकार उसका एंटीगा का पासपोर्ट रद्द करा कर उसे यहां ला सकती है.

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एंटीगा और बारबूडा के कानून के मुताबिक वहां की सरकार के सामने यह साबित किया जा सकता है कि मेहुल चोकसी ने अपने वीजा एप्लीकेशन में जानबूझ कर गलत जानकारी दी थी. भारत सरकार को एंटीगा सरकार को यह बताना होगा कि मेहुल चोकसी पर क्रिमिनल चार्जेज हैं. एंटीगा के कानून के मुताबिक इन आधारों पर मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द हो सकता है. एंटीगा और बारबूडा के संविधान के चैप्टर 8 की धारा 116 में साफ कहा गया है कि

अगर किसी ने अपने एप्लीकेशन में गलत जानकारी दी है. फर्जीवाड़ा किया है जान बूझ कर अहम सूचनाएं छिपाई हैं या फिर वह कानून के हिसाब से देशद्रोह या धोखाधड़ी का दोषी है तो उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है.  

भारत को एंटीगा सरकार को कहना चाहिए वह चोकसी का पासपोर्ट रद्द करने में अपने कानून और संविधान का इस्तेमाल करे.

भारत इन आधारों को लेकर एंटीगा पर दबाव बना सकता है.

  • बेंगुलुरू पुलिस ने चोकसी के खिलाफ चीटिंग के दो एफआईआर दर्ज की थी. इनमें से एक मामला 10.48 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का है.
  • सरकार को यह साबित करना होगा कि मेहुल चोकसी एंटीगा को गुमराह कर रहा है. अगर उसकी कभी गिरफ्तारी हुई है . उस पर आरोप दाखिल हुए हैं या उसे देश के किसी कानून के उल्लंघन में उसे देश से बाहर निकाला गया तो उसकी नागरिकता रद्द हो सकती है.
  • भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF के नियमों के आधार पर मेहुल की गिरफ्तारी करवा कर उसे यहां ला सकती है. भारत और एंटीगा-बारबू़डा FATF के सदस्य हैं और चोकसी को मनी लांड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम के उल्लंघन में भारत लाया जा सकता है.

भारत सरकार को पता था कि चोकसी ने एंटीगा के पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया है लेकिन सरकारी एजेंसियों ने उसे जनवरी 2018 में यहां से सुरक्षित निकल जाने से रोकने क लिए कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़ें : मेहुल चोकसी को वापस लाने की तैयारी, एंटीगा के साथ प्रत्यर्पण संधि

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