श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों से लगभग 10 दिन पहले ही भारत ने ऐसे हमले की एडवाइजरी जारी कर दी थी. भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस बड़े हमले से जुड़ी जानकारियां और रिपोर्ट श्रीलंका को सौंप दी थी. इस एडवाइजरी में आतंकी संगठन और उसके सरगना का नाम भी शामिल था. लेकिन भारत की इस एडवाइजरी के बाद भी आतंकियों ने इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया. अब तक इस हमले में 359 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 500 लोग घायल हुए थे.
11 अप्रैल को जारी हुई थी एडवाइजरी
एनडीटीवी ने दावा किया है कि उनके पास भारत की तरफ से भेजी गई एडवाइजरी के पेज हैं. उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस एडवाइजरी में नेशनल तौहीद जमात का नाम शामिल था. इसके अलावा इसमें आतंकियों के नाम, ठिकाने और फोन नंबर्स तक की जानकारी साझा की गई थी. यह एडवाइजरी 11 अप्रैल की बताई जा रही है.
पहले भी श्रीलंका हमले का इनपुट भारतीय एजेंसियों के पास होने की खबरें सामने आई थीं. जिसके बाद श्रीलंका में पुलिस अधिकारी ने भी इसके लिए अलर्ट जारी किया था. लेकिन इस सबके बावजूद भी इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया गया. इस मामले में 60 लोग गिरफ्तार हुए हैं
राष्ट्रपति को नहीं थी जानकारी
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने हमले के बाद कहा था कि उन्हें किसी भी इनपुट की जानकारी नहीं दी गई. इसके लिए उन्होंने अपने देश के रक्षा अधिकारियों और पुलिस के बड़े अधिकारियों को फटकार लगाई और उनके इस्तीफे तक की मांग कर दी. श्रीलंका के पीएम ने कबूला था कि भारत से उन्हें खुफिया जानकारी मिली थी, लेकिन ये इनपुट जांच एजेंसियों तक सही समय में नहीं पहुंच पाया.
10 भारतीयों ने भी गवांई जान
श्रीलंका में 21 अप्रैल रविवार को हुए सिलसिलेवार 8 आत्मघाती बम धमाकों में 10 भारतीयों की भी मौत हो गई. इसमें से 9 भारतीयों के शव भारत लाए जा चुके हैं. इस हमले में मारे गए कम से कम 34 विदेशी नागरिकों की पहचान की जा चुकी है. इनमें दस भारतीयों के अलावा तीन डेनमार्क से और जापान, नीदरलैंड, पुर्तगाल, बांग्लादेश, स्पेन के एक-एक नागरिक थे. चीन, सऊदी अरब, तुर्की के दो-दो नागरिकों के अलावा ब्रिटेन के छह नागरिक भी मृतकों में शामिल थे.
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