ADVERTISEMENTREMOVE AD

JNU हिंसा: नकाबपोश लड़की की हुई पहचान, DU की स्टूडेंट

जेएनयू हिंसा के दौरान दिखी थी नकाबपोश लड़की

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में अब पुलिस एक्शन शुरू हो चुका है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब दावा किया है कि वायरल वीडियो में जो नकाबपोश लड़की दिखाई दे रही है, उसकी पहचान कर ली गई है. साथ ही ये खुलासा भी हुआ है कि ये लड़की दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुछ ही दिन पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सामने आकर कहा था कि जांच शुरू हो चुकी है और कई लोगों की पहचान की जा रही है. इस दौरान पुलिस ने 9 लोगों के नाम और उनकी तस्वीरें भी जारी की थीं. लेकिन पुलिस ने वायरल हुए वीडियो में दिख रहे नकाबपोशों को लेकर कोई बात नहीं की.

जेएनयू के गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने का भयावह वीडियो सामने आया था. जिसमें कुछ नकाबपोश लड़के हाथों में रॉड लिए लड़कियों को धमकाते हुए नजर आ रहे थे. नकाबपोश गुंडों की इस भीड़ में एक लड़की भी अगुवाई करती दिख रही है. जिसकी पहचान अब दिल्ली पुलिस ने की है.

लड़की को लेकर लेफ्ट का दावा

वीडियो में दिखी इस लड़की को लेकर कई लोगों ने अपने-अपने तरीके से जांच की, लेकिन ज्यादातर लोगों ने एक ही बात कही कि इस लड़की का नाम कोमल शर्मा है और ये दिल्ली यूनिवर्सिटी की एबीवीपी से जुड़ी एक कार्यकर्ता है. लेफ्ट संगठन आईसा ने हिंसा के एक दिन बाद ही इस फोटो को कोमल शर्मा नाम की एक लड़की से जोड़कर दिखाया था. लेफ्ट संगठन का दावा था कि ये लड़की डीयू की कोमल शर्मा है. इसके बाद कई मीडिया चैनलों और वेबसाइट ने भी इस दावे को सही बताया था.

जेएनयू हिंसा के दौरान दिखी थी नकाबपोश लड़की
लेफ्ट छात्रों ने हिंसा के ठीक बाद ये फोटो की थी जारी, कोमल शर्मा होने का किया था दावा
(फोटो: AISA)
0

बाहर से आए थे लोग?

अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर दिल्ली पुलिस कह रही है कि नकाबपोश लड़की दिल्ली यूनिवर्सिटी की है तो वो जेएनयू में कैसे पहुंची? सवाल ये भी उठता है कि अगर नकाबपोशों की इस भीड़ में एक लड़की बाहर से थी तो बाकी के नकाबपोश कहां से आए थे? ये बात दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की की उस बात को काटती है, जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में कहा था कि बाहरी लोगों का जेएनयू में आना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा था कि वो पिछले चार दिनों से जेएनयू में हैं, लेकिन यहां के रास्ते ठीक से याद नहीं हुए. ऐसे में बाहरी लोगों का हॉस्टल के चुने हुए कमरों पर अटैक करना इतना मुमकिन नहीं है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×