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चोट के बाद JNUSU अध्यक्ष का बयान: RSS-ABVP ने प्लान किया था हमला

जेएनयू में 5 जनवरी की शाम हुए हमले नें बुरी तरह से घायल हो गई थीं आइशी घोष

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जेएनयू हमले के एक दिन बाद जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष आइशी घोष ने वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग की है. साथ ही, आइशी ने हमले के लिए एबीवीपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया. आइशी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जेएनयू कैंपस में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा था.

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‘हम इसकी निंदा करते हैं और चाहते हैं कि वाइस चांसलर को तत्काल हटाया जाए. कल जो हमला हुआ, वो आरएसएस और एबीवीपी के गुंडों का प्लान किया हुआ हमला था. पिछले 4-5 दिनों से कैंपस में कुछ आरएसएस से जुड़े प्रोफेसरों और एबीवीपी, हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे.’
आइशी घोष, अध्यक्ष, जेएनयू छात्र संघ

JNUSU अध्यक्ष ने कहा कि हमले में इस्तेमाल की गई हर लाठी का जवाब डिस्कशन से दिया जाएगा. घोष ने कहा कि जेएनयू की संस्कृति कभी भी नहीं मिटेगी, जेएनयू अपनी लोकतांत्रिक संस्कृति को बनाए रखेगा.

JNU हिंसा के विरोध में देशभर में प्रदर्शन

दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम नकाब पहने कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की और छात्रों पर हमला किया. यूनिवर्सिटी कैंपस से सामने आए वीडियो में इन लोगों के हाथों में डंडे देखे जा सकते हैं. इस हमले में कई छात्र घायल हो गए हैं.

पुलिस इसे दो गुटों के बीच झड़प का नतीजा बता रही है. वहीं, जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों और प्रोफेसरों पर हमले के पीछे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का हाथ होने का आरोप लगाया है. उधर, एबीवीपी लेफ्ट विंग एक्टिविस्ट्स पर जेएनयू में हिंसा के आरोप लगा रहा है.

हमले के विरोध में 6 जनवरी को देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. जेएनयू के नॉर्थ गेट, मुंबई, बेंगलुरू समेत कई शहरों में लोग जेएनयू छात्रों को अपना समर्थन दिखा रहे हैं.

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सेलिब्रिटीज ने की हमले की निंदा

उद्योगपति आनंद महिंद्रा से लेकर कवि डॉ. कुमार विश्वास, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर संजय बारू, मशहूर यूट्यूबर भुवन बम जैसे लोगों का सोशल मीडिया पर गुस्सा फूटा है. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने जेएनयू में हुई हिंसा पर कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी राजनीति क्या है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी विचारधारा क्या है. इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका विश्वास किसमें हैं. अगर आप भारतीय हैं, तो आप हथियारबंद और अराजक गुंड़ों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. जेएनयू उपद्रव में शामिल लोगों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए.’

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजरसंजय बारू ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी है. बारू ने कहा, ‘मैं परिसर में नहीं रहता हूं. मेरी पत्नी वहां हैं. उनके छात्र-छात्राएं वहां रहते हैं. वो भयभीत हैं. यह संगठित हमला है और मेरे जैसे अलुमनाई को इसका विरोध करना चाहिए.’

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