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जुनैद-नासिर केस: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की तो थमाया नोटिस, ऐसे छलका दर्द

Junaid Nasir Case: इस केस में राजस्थान पुलिस ने 8 आरोपियों की फोटो जारी की है.

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राजस्थान (Rajasthan) में जुनैद और नासिर केस (Junaid Nasir Murder) में अब नया मोड़ आ गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से नाराज परिजनों और इलाके के लोगों ने इंसाफ की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद भरतपुर के घाटमिका गांव में धरना दे रहे लोगों को पहाड़ी मजिस्ट्रेट की तरफ से नोटिस भेजा गया है. प्रोटेस्ट कर रहे लोगों ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भी आरोप लगाए हैं.

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क्या है पूरा मामला?

जुनैद-नासिर हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और इंसाफ की मांग करते हुए मृतक के परिजनों और इलाके के लोगों ने प्रोटेस्ट शुरू किया. इसके बाद पहाड़ी मजिस्ट्रेट की तरफ से सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत कारण बताओ नोटिस आया और 23 फरवरी के नोटिस में उन्हें 27 फरवरी को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, पहाड़ी की अदालत में पेश होने और यह बताने का आदेश दिया गया.

इस नोटिस में हनीफ मौलाना, जाबिर घाटमिका, मुख्यार अहमद, फकरुद्दीन मास्टर, कामिल, वसीम अकरम, निसार अहमद, असर अहमद, सद्दाम हुसैन, चांद, रहीस और सद्दाम सहित कुल 12 लोगों का नाम शामिल है.

जुनैद और नासिर 15 फरवरी को लापता हो गए थे. दो जले हुए शव हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे. परिवार के सदस्यों ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि हत्या में बजरंग दल के सदस्य शामिल थे.

राजस्थान पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और आठ अन्य की पहचान की है, जिनकी इस केस में भूमिका अब तक की जांच में साबित हुई है.

"हम क्या गुनाह कर रहे हैं"

प्रोटेस्ट के खिलाफ प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस में मौलाना हनीफ का नाम भी शामिल है. मौलाना हनीफ अलवर के रहने वाले हैं और इस प्रोटेस्ट का हिस्सा थे. उन्होंने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि हम तो कातिलों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं...हमें बताया जाए कि हम क्या गुनाह कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि कातिलों को गरिफ्तार किया जाए. इस केस में ना तो मुआवजा दिया गया है और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है.
मौलाना हनीफ

"लोकल पॉलिटिक्स टॉर्चर कर रही"

जुनैद-नासिर के लिए इंसाफ की मांग करने वालों में मोहम्मद चांद भी शामिल हैं और इनका नाम प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस में भी शामिल किया गया है.

मोहम्मद चांद ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि यहां की जो लोकल पॉलिटिक्स है, वो हम लोगोंं को टॉर्चर कर रही है. यहां की एमएलए कांग्रेस से जाहिदा खान हैं, प्रोटेस्ट करने वालों पर दबाव बनाया जा रहा है कि प्रोटेस्ट बंद कर दिया जाए और मामला जल्द से जल्द खत्म हो, गांव वालों को भड़काया जा रहा है.

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प्रोटेस्ट में आस-पास के इलाकों के लोग भी आते हैं. विधायक जाहिदा खान के लोगों द्वारा उन लोगों को आने से रोका जा रहा है, उनसे कहा जा रहा है कि आपके ऊपर एफआईआर हो जाएगी. प्रोटेस्ट में ना शामिल हों.
मोहम्मद चांद, क्विंट हिंदी से बातचीत में

"हमें दोहरी आंख से ना देखा जाए"

मोहम्मद चांद ने आगे कहा कि जब तक हमारी मांग नहीं पूरी हो जाएगी, हम प्रोटेस्ट नहीं बंद करेंगे. हमारी मांग है कि मोनू मानेसर गिरफ्तार किया जाए. इसके अलावा जो मुआवजा कन्हैया की हत्या वाले केस में दिया था, वही इस मामले में भी दिया जाए...हमें दोहरी आंख से ना देखा जाए.

प्रोटेस्ट में शामिल अलवर के रहने वाले अब्दुल बासित नाम के शख्स ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि हम लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं और हमको नोटिस दे दिया गया है कि प्रोटेस्ट बंद कर दिया जाए.

विधायक जाहिदा खान ने वादा किया था कि पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. जिसमें 15-15 लाख सरकार की तरफ से और 5-5 लाख रुपए उन्होंने अपनी तरफ से देने को बोला था. इसके साथ ही उन्होंने जॉब दिलवाने की भी बात कही थी.

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जाहिदा खान ने ये भी वादा किया था कि मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी बहुत जल्द करवा दी जाएगी, उन्होंने तीन दिन का वक्त मांगा था. जब गिरफ्तारी नहीं हुई तो मजबूरी में हम लोग धरने पर बैठ गए.
अब्दुल बासित

अब्दुल बासित ने कहा कि जब उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हुई थी तो हम लोगों ने पुरजोर खिलाफत की थी. उस मामले में मुख्यमंत्री जी घटनास्थल पर गए और मुआवजे के साथ नौकरी दी गई. लेकिन इस मामले में अभी तक ऐसा कुछ क्यों नहीं हुआ? हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों होता है? हमारी सिर्फ दो मुख्य मांगें हैं...आरोपियों और एफआईआर में नामजद लोगों को गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए.

हमने मामले को और अच्छे से समझने के लिए कांग्रेस विधायक जाहिदा खान से बात करने की कोशिश की लेकिन उनके द्वारा कॉल नहीं उठाए जाने पर उनसे संपर्क नहीं हो सका.

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