ADVERTISEMENTREMOVE AD

कर्नाटक नेतृत्व परिवर्तन पर येदियुरप्पा- 'आज शाम तक हो सकता है फैसला'

Karnataka: बीएस येदियुरप्पा सरकार 26 जुलाई को अपने दो साल पूरे करेगी.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

इस्तीफे की खबरों के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने कहा है कि उन्हें 25 जुलाई की शाम तक पार्टी लीडरशिप से सुझाव मिल सकता है. येदियुरप्पा ने कहा कि हाई कमान इस बारे में फैसला करेगी और सभी को इस बारे में जानकारी हो जाएगी. उनकी सरकार 26 जुलाई को अपने दो साल पूरे करेगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें नड्डा, अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास है.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो सालों में शिवमोग्गा में विकास परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए, येदियुरप्पा ने कहा, "मुझे ये कहते हुए गर्व हो रहा है कि विकास के माध्यम से, मैंने शिवमोग्गा जिले के लोगों को वापस भुगतान करने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं, और विशेष रूप से शिकारीपुरा तालुक, जिसने मुझे राजनीतिक जन्म दिया."

दलित मुख्यमंत्री की नियुक्ति की संभावना पर येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया. "यह आलाकमान तय करेगा."

प्रह्लाद जोशी प्रबल दावेदार?

कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन संभावित है, आलाकमान कर्नाटक प्रांत (क्षेत्र) की आरएसएस इकाई के परामर्श से तैयार की गई अंतिम सूची में से तीन उम्मीदवारों पर विचार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अंतिम सूची में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि, विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, खनन मंत्री मुरुगेश निरानी और विधायक अरविंद बेलाड का नाम है. राष्ट्रीय संगठन सचिव बी.एल. संतोष का नाम भी चर्चा में है.

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कहा कि किसी ने भी उनसे स्थिति के बारे में बात नहीं की थी और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है या नहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

PTI के मुताबिक, मीडिया रिपोर्ट्स को स्वीकार करते हुए, जोशी ने कहा कि केवल मीडिया को ही इसके बारे में कोई अटकलें थीं और क्योंकि किसी ने उनसे बात नहीं की थी, इसलिए 'इस पर प्रतिक्रिया करने की कोई जरूरत नहीं थी.'

इन अटकलों से लिंगायत समुदाय की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आने की संभावना है, क्योंकि उन्होंने बीजेपी से अपना समर्थन वापस लेने की चेतावनी दी थी, अगर उनके मजबूत नेता येदियुरप्पा को उनके पद से हटा दिया जाता है तो. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 500 से ज्यादा लिंगायत संतों का आज बेंगलुरु में येदियुरप्पा से मिल सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×