दिल्ली, मुंबई, गुजरात में प्रोटेस्ट मार्च
कठुआ- उन्नाव गैंगरेप केस के विरोध में दिल्ली में तख्तियां लेकर लोग सड़कों पर उतरे. दोषियों को फांसी की मांग के साथ-साथ लोग बेटियों की सुरक्षा को लेकर सरकार से नाराज दिख रहे हैं. सिर्फ राजधानी में ही नहीं मुंबई, गुजरात, कोलकाता समेत कई राज्यों में लोगों ने अपना गुस्सा और निराशा प्रोटेस्ट मार्च के जरिए जताया.
कठुआ गैंगरेप केस में दोषियों को सजा दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश करने वाली वकील दीपिका राजवात ने भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, दीपिका ने कहा कि उनकी जान को खतरा है. उन्हें धमकियां मिल रही हैं.
दिल्ली में प्रदर्शन
कठुआ केस की सुनवाई कश्मीर से बाहर हो: दीपिका राजावत
कठुआ गैंगरेप केस की लड़ाई लड़ने वाली वकील दीपिक राजावत ने खुद के जान पर खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग धमकी दे रहे हैं कि नहीं छोड़ेंगे. राजावत ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के सामने ये बात रखेंगी और मांग करेंगी की कठुआ गैंगरेप केस की सुनवाई जम्मू-कश्मीर से बाहर हो.
मुंबई के बांद्रा में हुए प्रदर्शन की तस्वीरें
गुजरात के सूरत में प्रदर्शन की तस्वीरें
तिरुअनंतपुरम में लोगों का प्रदर्शन
बीजेपी के मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी के मंत्री, चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इन दोनों पर कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले के आरोपियों के समर्थन में आयोजित रैली में शामिल होने का आरोप है. इस्तीफा देने वाले मंत्री चंदर प्रकाश गंगा के पास उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, और लाल सिंह के पास वन विभाग था.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया सख्त
कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले जम्मू बार एसोसिएशन के वकील जांच के घेरे में हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस पूरे मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम बनाई है. ये टीम जम्मू-कश्मीर में जाकर लोगों से बातचीत कर वकीलों के रवैये की जांच करेगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने कहा कि इस कमेटी की जांच का ब्योरा 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को दिया जाएगा. उन्होने कहा कि अगर कोई वकील दोषी पाया जाता तो BCI उसका लाइसेंस लाइफटाइम के लिए कैंसल कर सकता है.
बता दें कि गैंगरेप के इस जघन्य अपराध में जम्मू बार एसोसिएशन और कुछ वकील खुले तौर पर आरोपियों के समर्थन में नजर आए. उन्होंने इतना हंगाामा किया कि 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई और फिर क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट 10 अप्रैल को दाखिल की. वकीलों ने इसका विरोध करते हुए 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को पूरे जम्मू-कश्मीर का बंद बुलाया और वो कठुआ जिला जेल के बाहर लगातार प्रदर्शन करते रहे. बार एसोसिएशन कठुआ ने आठ आरोपियों का मुफ्त में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव भी दे दिया था.
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में देशभर में गुस्सा है. कई राज्यों में लोग दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
वहीं इस घटना के खुलासे के बाद जम्मू-कश्मीर में कई प्रदर्शन हुए. महबूबा मुफ्ती सरकार ने 23 जनवरी को पूरे मामले को जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया. क्राइम ब्रांच की ओर से एसआईटी का गठन किया गया और मामले की जांच शुरू हो गई. ये जांच 9 अप्रैल को पूरी हो गई. गैंगरेप और जघन्य हत्या की घटना में पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चार्जशीट पेश कर दिया है.
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