महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा फैसला किया है. देवेंद्र फडणवीस सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में बिना अनुदान वाले स्कूलों को 20 फीसदी ग्रांट देने का फैसला किया है. सरकार ने ये ग्रांट 7वें वेतन आयोग को ध्यान में रखकर किया है. महाराष्ट्र में पहले से ही 7वां वेतन आयोग लागू है.
बता दें कि अनुदान न पाने वाले स्कूलों के शिक्षक समान वेतन और दूसरी मांगों को लेकर पिछले दो हफ्ते से मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे थे. ये शिक्षक सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें बीच में ही रोक दिया था. पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज भी किया था, जिसमें कई शिक्षक घायल हो गए थे. इसके बाद सरकार पर इसे लागू करने का दबाव बढ़ गया था.
इस फैसले से सरकार के खजाने पर पड़ेगा असर
राज्य सरकार पर इस फैसले से करीब 546 करोड़ रुपए का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा. साथ ही इससे करीब 13 हजार शिक्षकों को फायदा पहुंचेगा. इसके अलावा 4362 स्कूल को भी उसका फायदा पहुंचेगा.
देवेन्द्र फडणवीस सरकार की कैबिनेट ने ये भी फैसला किया है कि पहले से जिन स्कूलों को 20 फीसदी ग्रांट मिलता था, उन्हें अब 20 फीसदी और ग्रांट मिलेगा. मतलब अब उन स्कूलों को 40% ग्रांट मिलेगा.
2016 में गैर अनुदानित स्कूलों को 20 फीसदी ग्रांट देने का किया था फैसला
बता दें कि साल 2016 में महाराष्ट्र सरकार ने गैर अनुदानित स्कूलों को 20 फीसदी अनुदान देने की सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी. कैबिनेट के इस फैसले से 1,628 स्कूलों के 19,247 शिक्षकों को फायदा पहुंचाया गया है.
इसी साल महारष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार का ये फैसला चुनाव पर असर डाल सकता है.
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